राहुल गांधी बनाएंगे 'मार्गदर्शक मंडल', इन दिग्गजों की हो सकती है छुट्टी!
132 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के इतिहास में राहुल गांधी 60वें अध्यक्ष बने हैं. आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी के 17वें अध्यक्ष बने.

नई दिल्ली: मनमोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जयराम रमेश के एक बयान ने नई सियासी अटकलों को जन्म दे दिया है. जयराम रमेश ने कोलकाता में कहा कि कांग्रेस के साठ पार नेताओं को खुद राजनीति से सेवानिवृत्त होकर राहुल गांधी के लिए मैदान खाली कर देना चाहिए.
क्या ये नेता जाएंगे 'मार्गदर्शक मंडल' में? जयराम रमेश के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, वीरभद्र सिंह, सुशील कुमार शिंदे, कमलनाथ, सी.पी. जोशी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलौत, अहमद पटेल और मोतीलाल बोरा जैसे दिग्गज नेता क्या कांग्रेस की राजनीति से गायब हो जाएंगे ?
राहुल के नेतृत्व में ये संभालेंगे जिम्मेदारी? इसके उलट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिंया, अजय माकन, मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, मिलिंद देवड़ा, दीपेंदर हुड्डा, जितिन प्रसाद, आर.पी.एन. सिंह, मधु यक्षी, संदीप दीक्षित सुष्मिता देव, विजय इंदर सिंगला, गजेंद्र सिंह राजू खेरी जैसे नए चेहरों का 2019 में कांग्रेस में उदय होगा.
बीजेपी ने वरिष्ठों के लिए बनाया मार्गदर्शक मंडल साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी में नरेंद्र मोदी के उदय होने के बाद लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह जैसे दिग्गजों को मुख्यधारा की राजनीति से बीजेपी के मार्गदर्शक मंडली में भेज दिया गया है.
कैसे अहम हो जाता है जय राम रमेश का बयान? पीएम नरेंद्र मोदी को शो मैन बताने वाले जयराम रमेश के इस बयान के मायने अहम हो जाते हैं. राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रणनीति को भेदने के लिए कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले नेताओं के बिना अकेले मैदान में उतरे थे.
गुजरात में राहुल गांधी ने खुद संभाली कमान राहुल गांधी ने खुद रणनीति बनाकर हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, अल्पेश ठाकोर जैसे युवा नेताओं को अपने साथ लिया. गुजरात में दो दशक से कायम मोदी मौजिक और अमित शाह की अभेद रणनीति के बावजूद बीजेपी के अभेद किले गुजरात को हिलाकर रख दिया था. राहुल गांधी के धुंआधार प्रचार से कांग्रेस को गुजरात में सीटें हासिल हुईं. बीजेपी 102 सीटों से 99 सीटों पर सिमट कर रह गई.
बहुत पहले से तैयारी कर रहे हैं राहुल जब सोनिया गांधी ने जयपुर में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया था तभी से राहुल गांधी अपनी युवा टीम बनाने में जुटे थे. राहुल ने दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी राजनीति के माहिर खिलाड़ियों से किनारा करके युवा नेताओं को अपनी टीम में मौका देना शुरू कर दिया था.
दिल्ली में अजय माकन, यूपी में राज बब्बर, मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिंया , राजस्थान में सचिन पायलट, बिहार में चौधरी, तो पंजाब में बीजेपी से आए नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी टीम में जगह देना शुरू कर दिया था. 16 दिसबंर 2017 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से पीएम मोदी की तरह देश के युवाओं का दिल जीतने में लगे राहुल अपनी नई टीम में युवा नेताओं को ज्यादा मौका दे रहे हैं.
राहुल गांधी का जोर युवाओं को आगे बढ़ाने पर राहुल गांधी का ज़ोर युवाओं को आगे बढ़ाने पर रहा है. रहुल सोनिया गांधी के वफ़ादार नेताओं की बजाय कुछ नए चेहरों को बड़ी ज़िम्मेदारियां सौंप सकते हैं. मिलिंद देवड़ा, दीपेंदर हुड्डा, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, मधु यक्षी, संदीप दीक्षित जैसे नेता राहुल के साथ ही राजनीतिक विरासत संभालने के लिए राजनीति में कूदे हैं. राहुल गांधी के नए एक्शन प्लान के मुताबिक वे अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह कांग्रेस मुख्यालय में हर शनिवार को कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलेंगे.
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की कहानी मार्च 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनी सोनिया गांधी 19 साल तक अध्यक्ष रहीं. 47 साल में राहुल को कांग्रेस की कमान मिली है. राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले नेहरू-गांधी परिवार के पांचवें सदस्य हैं. 132 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के इतिहास में राहुल गांधी 60वें अध्यक्ष बने हैं. आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी के 17वें अध्यक्ष बने.
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