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चुनाव खत्म होने के बाद लगातार दूसरे दिन बढ़े तेल के दाम, पेट्रोल 71.17 रु. प्रति लीटर की दर पर पहुंचा
सोमवार को एक लीटर डीजल की कीमत 66 रुपये 11 पैसे और पेट्रोल की कीमत 71 रुपये 12 पैसे प्रति लीटर थी. कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई हालिया तेजी के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दाम में फिलहाल राहत मिलने की गुंजाइश नहीं है.
![चुनाव खत्म होने के बाद लगातार दूसरे दिन बढ़े तेल के दाम, पेट्रोल 71.17 रु. प्रति लीटर की दर पर पहुंचा Fuel price today Petrol and diesel price increased चुनाव खत्म होने के बाद लगातार दूसरे दिन बढ़े तेल के दाम, पेट्रोल 71.17 रु. प्रति लीटर की दर पर पहुंचा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/05/21094410/Petrol-K.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: 19 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद से लगातार दो दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. आज तेल कंपनियों ने नई दिल्ली में पेट्रोल पर पांच पैसे और डीजल पर 9 पैसे की बढ़ोतरी की. इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी में डीजल की कीमत 66 रुपये 20 पैसे प्रति लीटर की दर पर पहुंच गई. पेट्रोल की बात करें तो आज 71 रुपये 17 पैसे प्रति लीटर की दर से पेट्रोल बिक रहा है.
सोमवार को एक लीटर डीजल की कीमत 66 रुपये 11 पैसे और पेट्रोल की कीमत 71 रुपये 12 पैसे प्रति लीटर थी. वहीं रविवार (19 मई) को एक लीटर डीजल की कीमत 65 रुपये 96 पैसे और पेट्रोल की कीमत 71 रुपये 3 पैसे थी.
कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई हालिया तेजी के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दाम में फिलहाल राहत मिलने की गुंजाइश नहीं है. एंजेल ब्रोकिंग के एनर्जी व करेंसी रिसर्च मामलों के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में इस सप्ताह कटौती की संभावना नहीं है बल्कि वृद्धि का सिलसिला चल पड़ा है और आगे दो से तीन रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तेल के दाम में जो वृद्धि हुई उसका असर पेट्रोल और डीजल के दाम पर जितना दिखना चाहिए उतना नहीं दिखा.
तेल कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिनों के तेल के दाम वृद्धि के आधार पर किया गया है. हालांकि जानकार सूत्रों ने बताया कि सरकार के निर्देश पर चुनाव के दौरान तेल के दाम में कटौती की गई. चुनाव अब समाप्त हो गया है, इसलिए तेल विपणन कंपनियां अब पिछले दिनों हुए घाटे को पूरा कर सकती हैं.
खाड़ी क्षेत्र में तनाव और ईरान व वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति प्रभावित होने समेत वैश्विक परिस्थितियों से आगे कच्चे तेल के दाम में वृद्धि हो सकती है जिससे तेल की महंगाई पर लगाम लगाना मुश्किल होगा बशर्ते केंद्र सरकार उत्पाद कर में और राज्य सरकारें वैट में कटौती न करें.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सात मई को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान तेल के दाम को निचले स्तर पर रखने में हुए घाटे को पाटने के लिए आगे कीमतों में 3-5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती हैं.
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