हरियाणा: INLD के साथ गठबंधन पर फिर से विचार करेंगी मायावती, अकेले चुनाव लड़ने के दिए सकेंत
मीटिंग में मौजूद नेताओं ने मायावती को राज्य में पार्टी के मजबूत होने का भरोसा दिया है. इसके साथ ही पार्टी के राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की बात भी सामने आई है.

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुए जींद उपचुनाव के बाद हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. जींद उपचुनाव में करारी हार के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को एक और बड़ा झटका लग सकता है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने राज्य में आईएनएलडी के साथ अपने गठबंधन पर फिर से विचार करने का फैसला किया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो सोमवार को हरियाणा के पार्टी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में मायावती ने आईएनएलडी के साथ गठबंधन पर फिर से विचार करने के संकेत दिए. जींद उपचुनाव में बीएसपी को उस वक्त करारा झटका लगा जब आईएनएलडी के उम्मीदवार उमेद सिंह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए और पांचवें नंबर पर रहे. इस चुनाव में आईएनएलडी के अलग होकर नई पार्टी का गठन करने वाले अजय चौटाला का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा.
बता दें कि टीचर्स भर्ती घोटाले में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला जेल में 10 साल की सजा काट रहे हैं. वहीं इस वक्त पार्टी की कमान ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला के हाथ में है.
मायावती के साथ मीटिंग के बाद हरियाणा बीएसपी के अध्यक्ष प्रकाश भारती ने कहा, ''हमने राष्ट्रीय परिपेक्ष को देखते हुए राज्य में आईएनएलडी के साथ गठबंधन किया था. लेकिन हिसार के एमपी दुष्यंत चौटाला के अलग होने के सारा समीकरण बिगड़ गया है. दुष्यंत के अलग होने से ना सिर्फ हमें जींद में हार मिली, बल्कि हरियाणा में हमारी मुहिम को भी नुकसान पहुंचा है. हम चौटाला परिवार के एक होने पर ही गठबंधन को जारी रख सकते हैं.''
भारती ने कहा कि वह यह मैसेज जल्द ही आईएनएलडी के नेता अभय चौटाला और राज्या अध्यक्ष अशोक अरोड़ा को भी देंगे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मायावती ने मीटिंग में आईएनएलडी की आतंरिक लड़ाई से पार्टी को राज्य में नुकसान होने की बात कही है.
पिछले साल हुआ था गठबंधन का एलान
इस मीटिंग में मौजूद नेताओं ने मायावती को राज्य में पार्टी के मजबूत होने का भरोसा दिया है. इसके साथ ही पार्टी के राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की बात भी सामने आई है. दूसरी ओर आईएनएलडी के नेताओं का कहना है कि उनके गठबंधन में कोई गड़बड़ नहीं है और जल्द ही सारी चीजें साफ हो जाएंगी.
मायावती और अभय चौटाला ने पिछले साल मई में गठबंधन करने का एलान किया था. राज्य की 90 विधानसभा में से करीब 40 सीट ऐसी हैं, जहां बीएसपी को 7 से 8 फीसदी तक वोट मिलता है, जबकि आईएनएलडी राज्या की 60 सीटों पर करीब 30 फीसदी वोट पाने में कामयाब होती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी का खाता नहीं खुला था, वहीं आईएनएलडी हिसार और सिरसा की सीट जीतने में कामयाब हुई थी. राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से 7 पर बीजेपी को और 1 कांग्रेस पर कांग्रेस को कामयाबी मिली थी.
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Source: IOCL
















