अब सिर्फ 300 कॉलेजों को ही मान्यता दे पाएंगे विश्वविद्यालय, नई शिक्षा नीति के तहत किया गया फैसला
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ही नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है. मान्यता प्रदान करने वाली इस व्यवस्था को अगले 15 साल में चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और कॉलेजों को क्रमिक स्वायत्तता देने की चरणबद्धप्रणाली स्थापित की जाएगी.
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बुधवार को कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालय 300 से अधिक कॉलेजों को मान्यता नहीं दे पायेंगे. निशंक ‘कोविड-19 के बाद शिक्षा’ विषय पर डिजिटल सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है, ताकि 300 से अधिक कॉलेजों को मान्यता देने के नियम का सही से पालन हो सके.
कॉलेजों की गुणवत्ता और कामकाज पर नजर के लिए कदम
मानव संसाधन विकास मंत्री ने सवाल किया, ‘‘मैं हाल ही में एक विश्वविद्यालय गया था और जब मैंने कुलपति से पूछा कि कितने कॉलेज उस विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हैं, तो उन्होंने कहा कि 800 डिग्री कॉलेज. मुझे लगा कि मैंने गलत सुन लिया. मैंने फिर पूछा और उन्होंने कहा: 800. यह दीक्षांत समारोह था. मैं चकित था. क्या कोई कुलपति 800 डिग्री कॉलेजों के प्रिंसिपल के नाम याद रख सकता है?’’
निशंक ने कहा, ‘‘क्या वह इतने अधिक कॉलेजों की गुणवत्ता और कामकाज पर नजर रख सकते हैं. यही वजह है हम कह रहे हैं कि नई शिक्षा नीति में चरणबद्ध तरीके से इस पर काम करेंगे. एक विश्वविद्यालय 300 से अधिक डिग्री कॉलेजों को मान्यता नहीं दे सकता. उसके लिए हमें विश्वविद्यालय बढ़ाने होंगे और हम वह करेंगे.’’
कॉलेजों को स्वायत्तता देने की प्रणाली पर काम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ही नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है. मान्यता प्रदान करने वाली इस व्यवस्था को अगले 15 साल में चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और कॉलेजों को क्रमिक स्वायत्तता देने की चरणबद्धप्रणाली स्थापित की जाएगी.
संकल्पना के अनुसार, आने वाले समय में कोई कॉलेज डिग्री देने वाला एक स्वायत्त कॉलेज या विश्वविद्यालय का घटक कॉलेज होगा.
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