प्रकाश जावड़ेकर ने रैगिंग से निपटने के लिए UGC का 'एंटी रैंगिंग मोबाइल एप’ किया लॉन्च

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में यूजीसी के बनाए एक 'एंटी रैंगिंग मोबाइल एप' की शुरुआत की. मंत्री ने कहा कि इस मोबाइल एप्लिकेशन से छात्रों को रैगिंग की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इससे पहले रैगिंग की शिकायत दर्ज कराने के लिए वेबसाइट का सहारा लेना पड़ता था और हमारे रिकॉर्ड से पता चलता है कि समय पर की गई कार्रवाई से ऐसे मामलों में कमी आई थी, लेकिन अभी भी इस तरह की समस्याओं का पूरी तरह से सफाया करने की जरूरत है.
ज्यादातर सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर्स की मदद करते हैं- जावड़ेकर जावड़ेकर ने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार कॉलेज परिसरों में अधिकतर सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर्स की मदद करते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं. लेकिन कुछ रैंगिंग के मामले भी आते हैं, जिन्हें पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "नए स्टूडेंट्स को दी जाने वाली मानसिक या शारीरिक यातना रैंगिंग है जिसकी अनुमति नहीं दी जाएगी, ये बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है और इसीलिए ये एप इस तरह के अनुभव से गुजरने वाले युवाओं के लिए एक कारगर माध्यम के रूप में कार्य करेगा."
एंड्रॉयड सिस्टम पर कार्य करेगा 'एंटी रैंगिंग मोबाइल एप' मंत्री ने कहा कि यह एप एंड्रॉयड सिस्टम पर कार्य करेगा, जहां स्टूडेंट्स तुरंत ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. स्टूडेंट्स की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से ये एक अच्छा कदम है और इससे छात्रों में सुरक्षा की भावना आएगी.
रैंगिंग के मामलों में शामिल स्टूडेंट्स को बख्शा नहीं जाएगा- जावड़ेकर जावड़ेकर ने साफ किया कि जो भी रैंगिंग के मामलों में शामिल होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें उस संस्थान में अपनी पढ़ाई जारी करने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा उन्हें इसके लिए कानून के मुताबिक सजा भी दी जाएगी. मंत्री ने उम्मीद जताई कि सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर छात्रों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगे.
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Source: IOCL























