चैत्र नवरात्रि 2024
नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण माना गया है. चैत्र नवरात्रि का वर्णन पुराणों में भी मिलता है.हिंदू नववर्ष नव संवत्सर का भी इसी दिन से शुभारंभ होता है. चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है. वहीं पश्चिम बंगाल में नव वर्ष को पोइला बोइशाक कहा जाता है, तो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में दौरान उगादी और महाराष्ट्र में 'गुड़ी पड़वा' के रूप में इसे मनाया जाता है. मां दुर्गा के अलग-अलग 9 रूपों को समर्पित चैत्र नवरात्रि का पर्व कलियुग में उत्तम फलदायी और सभी कष्टों को दूर करने वाला माना गया है. 9 दिनों तक मां के अलग-अलग रूपों की विधिवत उपासना की जाती है. पंचांग अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है और 17 अप्रैल 2024 को नवरात्रि का समापन होगा. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. घटस्थापना शुभ मुहूर्त में की जाती है.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी की तिथि इस वर्ष 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है, इसका समापन 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर होगा. नवमी की तिथि 17 अप्रैल को है. इन तिथियों में कन्या पूजन और हवन का विधान है. चैत्र नवरात्रि में इन 9 देवियों की पूजा की जाती है-
1- शैलपुत्री | 2- ब्रह्मचारिणी | 3- चंद्रघंटा | 4- कुष्मांडा | 5- स्कंदमाता | 6- कात्यायनी | 7- कालरात्रि | 8- महागौरी | 9- सिद्धिदात्री
| दिनांक | मां की पूजा | मुहूर्त | लकी कलर |
|---|---|---|---|
| 9 अप्रैल | मां शैलपुत्री | 06:03 AM- 10:15 AM | पीला |
| 10 अप्रैल | मां ब्रह्मचारिणी | 04:30 AM- 05:16 AM | हरा |
| 11 अप्रैल | मां चंद्रघंटा | 11:57 AM- 12:48 PM | ग्रे |
| 12 अप्रैल | मां कुष्मांडा देवी | 11:56 AM- 12:48 PM | नारंगी |
| 13 अप्रैल | मां स्कंदमाता | 11:56 AM- 12:47 PM | सफेद |
| 14 अप्रैल | मां कात्यायनी | 11:56 AM- 12:47 PM | लाल |
| 15 अप्रैल | मां कालरात्रि | 11:56 AM- 12:47 PM | नीला |
| 16 अप्रैल | महागौरी | 11:55 AM- 12:47 PM | लाल |
| 17 अप्रैल | सिद्धिरात्रि | 04:25 AM- 05:09 PM | गुलाबी |
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