4612 करोड़ से बन रहे इस एक्सप्रेसवे से इन 3 राज्यों को होगा फायदा, बस डेढ़ घंटे में पहुंच जाएंगे ग्वालियर से आगरा
Dholpur-Agra Expressway: इस एक्सप्रेसवे का फायदा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान को होगा. सबसे ज्यादा फायदा दिमनी, अबाह और पोरसा क्षेत्र में रहने वाले लोगों को होगा.

Dholpur-Agra Expressway: मध्य प्रदेश के ग्वालियर को उत्तर प्रदेश के आगरा से जोड़ने के लिए 88 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस- वे बनाने का काम शुरू होने वाला है. एक बार इसके बन जाने के बाद इन दो शहरों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी. यह सड़क तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगी.
नवंबर से शुरू होगा सड़क बनाने का काम
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 88.400 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को बनाने का ठेका उदयपुर की एक कंपनी को दिया है, जो इसी साल नवंबर से एक्सप्रेसवे को बनाने का काम शुरू कर देगी. साल 2028 तक इसके बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है.
सड़क बनाने के लिए NHAI ने मुरैना, आगरा और धौलपुर में जमीन अधिग्रहण का भी काम पूरा कर लिया है. यह एक्सप्रेस-वे ग्वालियर के निरावली तिराहा से शुरू होकर आगरा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक जाएगा. कोटा के पास इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक इंटरचेंज भी बनाया जाएगा.
आगरा-ग्वालियर के बीच की दूरी घटी
छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे के लिए उत्तर प्रदेश के 14, राजस्थान के 18 और मध्य प्रदेश के 30 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के साथ कंपनी को ग्वालियर को आगरा से जोड़ने वाले वाली नेशनल हाइवे 44 की मरम्मत भी करनी होगी. जहां अभी ग्वालियर से आगरा या आगरा से ग्वालियर पहुंचने में करीब तीन घंटे लगते हैं.
वहीं, इस प्रोजेक्ट के बन जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी आधा घंटा कम होकर महज डेढ़ घंटे में सिमट जाएगी. इससे सबसे अधिक फायदा दिमनी, अबाह और पोरसा क्षेत्र में रह रहे लोगों को होगा क्योंकि अभी तक इन्हें आगरा जाने के लिए 130 किलोमीटर का सफर करीब 4 घंटे में पूरा करना पड़ता है, जबकि अब सिर्फ 90 मिनट लगेंगे.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को बनाने में इतना आएगा खर्च
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को बनाने में पूरे 4,612.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 42 अंडरपास, आठ बड़े और 23 छोटे पुल, पांच एलिवेटेड वायडक्ट, छह फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे में जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम व एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी लगाया जाएगा. एक्सप्रेस-वे पर 100 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चलेंगी.
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Source: IOCL






















