![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Vedanta Debt Crisis: वेदांता के अनिल अग्रवाल को मूंगफली के दाने बराबर लगता है 1 बिलियन डॉलर, जानें क्यों
Vedanta Total Debt: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता के सामने इन दिनों कर्ज की भारी-भरकम किस्तों को चुकाने का दबाव है. हालांकि कंपनी के चेयरमैन को यह बड़ी समस्या नहीं लग रही है...
![Vedanta Debt Crisis: वेदांता के अनिल अग्रवाल को मूंगफली के दाने बराबर लगता है 1 बिलियन डॉलर, जानें क्यों Vedanta Chairman Anil Agarwal says on outstanding debts one billion dollar is peanuts for us Vedanta Debt Crisis: वेदांता के अनिल अग्रवाल को मूंगफली के दाने बराबर लगता है 1 बिलियन डॉलर, जानें क्यों](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/09/2e753f512bb722bfe7286a2edf5701841678350538287685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Vedanta Total Debt: धातु एवं खनन क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक वेदांता (Vedanta Ltd) अभी कर्ज संकट से जूझ रही है. कंपनी को अगले तीन-चार महीने के भीतर करीब 01 बिलियन डॉलर चुकाने हैं. हालांकि कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Vedanta Chairman ANil Agarwal) के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है. अग्रवाल के हिसाब से 01 बिलियन डॉलर कोई खास रकम न होकर उनके लिए मूंगफली के दाने बराबर है.
वेदांता को इतने मुनाफे की उम्मीद
वेदांता चेयरमैन कथित कर्ज संकट को लेकर फाइनेंशियल टाइम्स से बात कर रहे थे. उनकी कंपनी को इस साल जून तक कर्ज की किस्तों के रूप में 900 मिलियन डॉलर का भुगतान करना है. अग्रवाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी रकम नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी का कमॉडिटी बिजनेस पर्याप्त नकदी दे रहा है और उन्हें इस साल अपने समूह का मुनाफा 9 बिलियन डॉलर रहने की उम्मीद है.
एसएंडपी की रिपोर्ट से हुई बिकवाली
वेदांता पिछले कई दिनों से अपने कर्ज के उच्च स्तर को लेकर खबरों में है. रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने हाल ही में इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कर्ज चुकाने की वेदांता की क्षमता पर संदेह जाहिर करते हुए कहा गया था कि कंपनी की सारी उम्मीदें 02 बिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना और अफ्रीका में वेदांता जिंक की संपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री पर टिकी हैं. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र होने से बाजार में घबराहट पसर गई और इन्वेस्टर्स बड़े पैमाने पर वेदांता के शेयरों की बिकवाली करने लग गए. पिछले एक महीने के दौरान वेदांता के शेयरों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
चेयरमैन ने किया ये दावा
फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि हर कोई वेदांता को पैसे देना चाहता है. हालांकि उन्होंने किसी बैंक या फंड का नाम नहीं बताया. उन्होंने कहा कि वेदांता 8-10 फीसदी की ब्याज दर पर 01 बिलियन डॉलर के कर्ज के लिए जेपी मॉर्गन और अन्य बैंकों के साथ बातचीत कर रही थी. उन्होंने बताया कि वेदांता के ऊपर 13 बिलियन डॉलर से भी कम कुल कर्ज है और इसे देखते हुए कर्ज से पूरी तरह मुक्त होना कोई सपना न होकर मध्यम अवधि में हासिल हो सकने वाला लक्ष्य है.
कंपनी के पास ये विकल्प मौजूद
वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने पिछले महीने बताया था कि उसने इस साल मार्च तक की सारी देनदारियों का भुगतान पहले ही कर दिया है. कंपनी ने जून तिमाही के अंत तक किए जाने वाले सभी भुगतान को लेकर भी भरोसा जाहिर किया था. वेदांता चेयरमैन ने भी यह भरोसा दोहराते हुए कहा कि उनकी कंपनी के पास कर्ज की किस्तें चुकाने के कई विकल्प हैं. कंपनी इसे रिफाइनेंस के जरिए भी चुका सकती है और आंतरिक खातों से भी इस खर्च को पूरा किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: जल्द रफ्तार पकड़ लेगी भारत की अर्थव्यवस्था, दूर हो चुकी हैं कई बड़ी चुनौतियां- मूडीज
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)