ब्राजील के बाद अब भारत पर 500% का टैरिफ लगा सकता है US, ट्रंप की चाल से मॉस्को पर शिकंजा?
Trump Tariffs: सबसे ज्यादा टैरिफ ब्रिक्स देश में शामिल ब्राजील पर तो ट्रंप ने 50 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ लगा दिया है. अब रुस को साधने के लिए ट्रंप ने भारत को मोहरा बनाने की कोशिश में लगे हैं.

Russia Sanctions Bill 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद उन देशों के ऊपर भारी भरकम टैरिफ लगातार दबाव बना रहे हैं, जिन्होंने यूएस के साथ ट्रेड डील को लेकर कोई पहल नहीं की है. इनमें सबसे ज्यादा टैरिफ ब्रिक्स देश में शामिल ब्राजील पर ट्रंप ने 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है. अब रुस को साधने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को मोहरा बनाने की भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने ये संकेत दिए हैं कि Sanctioning Russia Act 2025 यानी मॉस्को पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नए कानून के समर्थन पर विचार कर रहे हैं.
भारत के बहाने रुस पर निशाना
ये विधेयक इस साल अप्रैल में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले सीनेटर लिंडसे ग्राहम की तरफ से पेश किए गए, जिसमें ये प्रावधान है कि अगर किसी ने रूस से तेल, यूरेनियम, गैस और पेट्रोलियम पदार्थों की खरीदारी की तो उसके ऊपर कड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी. इस बिल में भारत-चीन जैसे देशों के ऊपर रूस से ऊर्जा उत्पाद के खरीदने पर 500 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा गया है.
दरअसल, यूक्रेन वॉर को खत्म करने के लिए इस प्रस्तावित कानून के साथ अमेरिका की कोशिश है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ऊपर दबाव डाला जा सके. खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा कि वे इस पर काफी गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये मेरे विकल्प पर है- इसे लागू करना और हटाना.
भारत-चीन ही क्यों टारगेट
भारत और चीन को इसलिए इस बिल के जरिए अमेरिका निशाना बनाना चाहते है क्योंकि ये दोनों ही देश रूस के करीब 70 प्रतिशत तेलों की खरीदारी करते हैं. अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राम का इस बिल के समर्थन में ये कहना है कि अगर आप रूस से उसके प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं, मतलब आप यूक्रेन की हेल्प नहीं कर रहे हैं. ऐसे में आपको प्रोडक्ट्स पर अमेरिका में 500 प्रतिशत की टैरिफ लगाया जाएगा.
गौरतलब है कि ट्रंप ने एक दिन पहले यानी बुधवार को ब्रुनेई, फिलीपिंस, अल्जीरिया, मोल्दोवा, इराक, लीबिया और श्रीलंका के साथ ही ब्राजील पर भारी भरकम टैरिफ का ऐलान किया है. इसके बाद एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता वाली स्थिति पैदा हो गई है.
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Source: IOCL






















