सोने-चांदी की कीमत में आई गजब की तेजी, US फेड रिजर्व के रेट का दिख रहा असर; जानें लेटेस्ट रेट
Gold-Silver Price Today: अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती का असर आज सोने की कीमतों में देखने को मिला. 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती ने सोने-चांदी में नया जोश भर दिया है.

Gold-Silver Price Today: ब्याज दरों में कटौती को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले भारत में 10 ग्राम के 24 कैरेट सोने की कीमत 130,000 रुपये और 100 ग्राम की कीमत 13,00,000 रुपये के आसपास बनी हुई थी. जैसे ही फेड रिजर्व ने 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की घोषणा की, वैसे ही सोने-चांदी की कीमतों में आज तेजी देखने को मिली.
MCX पर चढ़ा सोने का भाव
MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर 11 दिसंबर को सोने की कीमतों में 0.50 परसेंट की तेजी देखने को मिली. सुबह 10 बजे के करीब MCX फरवरी 2026 एक्सपायरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 667 रुपये यानी 0.51 परसेंट चढ़कर 130,463 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता नजर आया.
जबकि MCX मार्च कॉन्ट्रैक्ट वाला सिल्वर 3,334 रुपये यानी कि 1.9 परसेंट उछलकर 192,400 रुपये प्रति किलो पर कारोबार करता नजर आया. फेड रेट कटौती से पहले 24 कैरेट सोने की 10 ग्राम कीमत 1,30,320 रुपये, 22 कैरेट की कीमत 1,19,460 रुपये और 18 कैरेट की कीमत 97,740 रुपये थी. अब ये अपने रिकॉर्ड हाई के करीब हैं.
कितनी है आज 24 और 22 कैरेट की कीमत?
देश में आज 24 कैरेट सोने की कीमत 13,032 रुपये प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की कीमत 11,946 रुपये प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने (जिसे 999 गोल्ड भी कहा जाता है) की कीमत 9,774 रुपये प्रति ग्राम है. वहीं, 100 ग्राम सोना 24 कैरेट में 13,03,200 रुपये, 22 कैरेट में 11,94,600 रुपये और 18 कैरेट में 97,740 रुपये में मिल रहा है.
चांदी की कीमत में भी उछाल
वहीं, अगर चांदी की बात करें, तो यह अब 2 लाख रुपये के लेवल को छूने के करीब है. आज 1 किलो चांदी की कीमत 1,99,000 रुपये , जबकि 100 ग्राम और 10 ग्राम चांदी की रेट क्रमशः 19,900 रुपये और 1,990 रुपये है.
फेड रिजर्व ने की 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती
अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने दो दिनों तक चली लंबी बैठक के बाद 10 दिसंबर को बेचमार्क ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया. 0.25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के साथ अब यह 3.50 परसेंट से सीधे 3.75 परसेंटके लेवल पर आ गया है. यह बीते तीन सालों में सबसे निचला स्तर है. हालांकि, फेड रिजर्व ने सख्त रूख के साथ ब्याज दरों में कटौती की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती न होने का संकेत दे दिया.
फेड के इस कदम को उठाने की वजह खासतौर पर बढ़ी हुई महंगाई को देखते हुए लेबर मार्केट में नरमी को देखते हुए उठाया है. फेड रिजर्व महंगाई को काबू में करने, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने, इकोनॉमी को मंदी से बचाने के लिए करता है. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्याज दर कम होने से उधार लेने की लागत कम होगी, जिससे कंपनियों को ज्यादा निवेश का मौका मिलेगा. यह भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए भी एक बढ़िया मौका है, जिससे विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना है.
ये भी पढ़ें:
Source: IOCL





















