सेंसेक्स से बाहर होने की कगार पर पहुंची Tata Motors, दिसंबर में हो सकता है फैसला; क्यों पैदा हुए ऐसे हालात?
Tata Motors: टाटा मोटर्स ने अक्टूबर में अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल के कारोबार को अलग कर दिया. इससे इसके मार्केट कैप में भारी कमी आई है. आलम यह है कि यह अब सेंसेक्स से बाहर होने की स्थिति में है.

Tata Motors: अक्टूबर में टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल के बिजनेस को बांटकर दो अलग कंपनियां बनाई. इसके बाद से टाटा मोटर्स के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई है. आलम यह है कि कभी सेंसेक्स की टॉप कंपनियों में शामिल टाटा मोटर्स अब अगले महीने 30-शेयर बेचमार्क से बाहर होने की कगार पर है.
इसकी जगह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) ले सकती है. Mcap के हिसाब से यह सबसे हाई रैंक करने वाली गैर-घटक कंपनी बनकर उभरी है. अक्टूबर मे डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल का कारोबार 1.19 ट्रिलियन का है, जबकि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स का एमकैप 1.37 ट्रिलियन है. इसके मुकाबले इंडिगो का मार्केट कैप इन दोनों से ही ज्यादा 2.27 ट्रिलियन है.
सेंसेक्स का पुराना साथी Tata Motors
सेंसेक्स का दिसंबर रिव्यू इसी महीने के आखिर तक होने की उम्मीद है, जिससे इंडेक्स में किया जाने वाला बदलाव 19 दिसंबर को कारोबार बंद होने के बाद से प्रभावी हो जाएगा. टाटा मोटर्स सेंसेक्स का पुराना स्टॉक है, जो 1986 से इससे जुड़ा हुआ है. हालांकि, बीच में साल 2019 और 2022 में इसे सेंसेक्स से हटाया जा चुका है, लेकिन फिर शामिल कर लिया गया.
सेंसेक्स को 1 जनवरी, 1986 में लॉन्च किया गया था. उस दौर के शुरुआती 30 स्टॉक्स में से आज केवल 3 ही स्टॉक इसका हिस्सा है- रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और ITC. टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, M&M और L&T जैसी कंपनियां बीच-बीच में बाहर हुई हैं, जिन्हें बाद में फिर से जोड़ लिया गया.
क्या होगा टाटा मोटर्स के इंडेक्स से हटने पर?
अगर टाटा मोटर्स को इंडेक्स से हटा दिया जाता है, तो इस पर शॉर्ट टर्म में दबाव बढ़ सकता है क्योंकि स्टॉक को लगभग 2,232 करोड़ के आउटफ्लो का सामना करना पड़ सकता है. जबकि इंडिगो में लगभग 3,157 करोड़ का इनफ्लो आ सकता है. अगर इस दौरान सेंसेक्स कमोडिटी एक्सपोजर को बढ़ाने का विकल्प चुनती है, तो ग्रासिम इंडस्ट्रीज (Grasim Industries) सेंसेक्स में शामिल हो सकता है. इससे Grasim में 2,526 करोड़ रुपये का पैसिव इनफ्लो आने की संभावना है. हालांकि, इंडिगो अब भी मजबूत दावेदार बना हुआ है.
कैसे काम करता है सेंसेक्स?
सेंसेक्स में आमतौर पर कंपनियों को 13 अलग-अलग सेक्टर से उनके मार्केट कैप के हिसाब से चुना जाता है. इन कंपनियों के प्रदर्शन की साल में दो बार- जून और दिसंबर में समीक्षा की जाती है. कमजोर प्रदर्शन के चलते जिन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आती है, उन्हें सेंसेक्स से हटा दिया जाता है.
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इसमें शामिल टॉप-30 कंपनियां देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने वाली और अच्छे तरह से स्थापित कंपनियों में से हो. सेंसेक्स में उछाल आने से पता चलता है कि देश की 30 बड़ी कंपनियां आगे बढ़ रही हैं, उनका विकास हो रहा है. इससे देश की प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ने की उम्मीद रहती है, रोजगार बढ़ने की संभावना बनी रहती है.
ये भी पढ़ें:
लिस्ट होते ही धमाल मचा रहा यह IPO, 4 दिन में 48 परसेंट तक चढ़ा शेयर; दांव लगाने वाले मालामाल
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























