F&O ट्रेडिंग में होने जा रहा बड़ा बदलाव, जानें क्या है सेबी का नया प्लान
सेबी ने नए प्रस्ताव पर लोगों से उनकी राय पूछी है और 17 अप्रैल 2025 तक स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव दे पाएंगे. सेबी की बिना पूर्व अनुमति के कोई भी एक्सचेंज कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी या फिर सेटमेंट तारीख में बदलाव नहीं कर पाएगा.

सेबी ने शेयर बाजार में डेरिवेटिव्स (F&O) से जुड़े नियमों के बदलाव का प्लान बनाया है, जिससे एक्पपायरी के लिए एक समान नियम होंगे. दरअसल, इसका लक्ष्य होगा निवेशकों में सुरक्षा और मार्केट में स्थिरता बनाए रखना. साथ ही, एक्सपायरी वाले दिन बढ़ती ट्रेडिंग वॉल्यूम से जुड़े रिस्क को कम करना.
सेबी की तरफ से कंसल्टेंट पेपर में एक सुझाव दिया गया है कि किसी तरह के एक्सचेंज इक्विटी डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी गुरुवार या फिर मंगलवार को हो, जिससे एक्सपायरी के दिनों में ज्यादा उतार-चढ़ाव से बचने में मदद मिले और ट्रेडिंग अस्थिरता को काबू किया जा सके. सेबी ने नए प्रस्ताव पर लोगों से उनकी राय पूछी है और 17 अप्रैल 2025 तक स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव दे पाएंगे.
आइये जानते हैं कि नए प्रस्ताव में के क्या कुछ नियम हैं:
1-सेबी की बिना पूर्व अनुमति के कोई भी एक्सचेंज कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी या फिर सेटमेंट तारीख में बदलाव नहीं कर पाएगा.
2-इंडेक्स फ्यूचर्स, स्टॉक फ्यूचर्स और अन्य नॉन बेंचमार्क इंडेक्स विकल्प की न्यूनतम अवधि एक महीने रहागी. हर महीने के अंतिम मंगलवार या गुरुवार को इनकी एक्सपायरी होगी.
3-हर एक्सचेंज को एक साप्ताहिक बेंचमार्क इंडेक्स कॉन्ट्रैक्ट विकल्प मिलेगी, जिसकी मंगलवार या गुरुवार को एक्सपायरी होगी. जिसे वे खुद एक्सचेंज विकल्प चुन पाएंगे.
गौरतलब है कि सेबी की तरफ से ये प्रस्ताव ऐसे वक्त पर आया है बज एक्सपायरी के दिन ही इंडेक्स ऑप्शंस की ट्रेडिंग में काफी इजाफा देखा जा रहा है, जिससे निवेशकों की सुरक्षा और मार्केट की स्थिरता बढ़ गई है. सेबी ने इससे पहले 2024 के अक्टूबर में सर्कुलर जारी कर एक्सपायरी से जुड़ी अस्थिरता को कंट्रोल करने के निर्देश दिए थे.
Source: IOCL






















