पैसे लेकर फ्लैट के लिए बार-बार घुमाता रहा बिल्डर, ग्राहक ने RERA में कर दी शिकायत; फिर जो हुआ
Real Estate Regulatory Authority: 1.07 करोड़ रुपये चुकाने के बावजूद जब बिल्डर फ्लैट देने में बार-बार टालमटोल करता रहा, तो ग्राहक ने आखिरकार RERA में शिकायत दर्ज कराई.

Real Estate Regulatory Authority: एक घर खरीदने में इंसान अपनी सारी जमा पूंजी लगा देता है, लेकिन जब उसे घर को पाने में चक्कर काटने पड़ते हैं तो मजबूरन कानून का सहारा लेना पड़ता है. आज हम आपको एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं, जहां एक व्यक्ति को अपने फ्लैट के लिए 10 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा. जबकि उसने बिल्डर को पूरे पैसे चुका दिए थे. मामला गुड़गांव का है. यहां एक कपल ने साल 2013 में 1.16 करोड़ रुपये की कीमत का एक फ्लैट बुक किया.
पैसे पूरे चुकाने के बावजूद नहीं मिला फ्लैट
पहले लगभग 12 लाख रुपये का बुकिंग अमाउंट चुकाया गया और 2014 में बाकी के 95 लाख रुपये चुकाने पर सेल एग्रीमेंट हुआ. बाद में जब दोनों साइट विजिट पर गए, तो पता चला कि फ्लैट बनाने का काम ही अभी शुरू नहीं हुआ है. इसके बाद दोनों बुकिंग कैंसिल कराने और रिफंड लेने बिल्डर के ऑफिस पहुंचे. बिल्डर ने उन्हें बुकिंग कैंसिल करने से जैसे-तैसे रोका और अपने ही एक अलग प्रोजेक्ट में 1.55 करोड़ रुपये की कीमत पर एक दूसरे फ्लैट पर पैसा लगाने के लिए कहा. हालांकि, इस फ्लैट का काम भी तय समय पर पूरा नहीं हुआ. दोनों ने फिर से बुकिंग कैंसिल कराने के लिए बिल्डर से कॉन्टैक्ट किया. इस बार भी रिफंड के बदले किसी और फ्लैट पर इंवेस्टमेंट करने के लिए उन्हें मना लिया गया.
ग्राहक ने RERA में दर्ज कराई शिकायत
2013 के बाद यह तीसरी बार था कि 1.07 करोड़ रुपये चुकाने के बावजूद उन्हें अब तक एक भी फ्लैट नहीं दिया गया. 21 जुलाई, 2022 की तय तारीख पर भी जब बिल्डर फ्लैट डिलीवर नहीं कर सका, तो दोनों के सब्र का बांध आखिरकार टूट गया और बिल्डर के खिलाफ हरियाणा RERA में शिकायत दर्ज कराई गई. इन्होंने अपनी बुकिंग कैंसिल कराने के साथ-साथ मुआवजे के तौर पर ब्याज सहित 1.07 करोड़ रुपये वापस मांगे. हरियाणा RERA ने धारा 2(za),नियम 15, धारा 18(1) के तहत फैसला सुनाते हुए बिल्डर को 2.26 रुपये के भुगतान का आदेश दिया. इसमें 1.07 करोड़ रुपये का रिफंड और 11.1 परसेंट इंटरेस्ट शामिल था.
क्या है RERA ?
बता दें कि रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट 2016 (रेरा / RERA) एक ऐसा कानून है, जो ग्राहकों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसके तहत अगर बिल्डर पोजेशन देने में देरी करता है, तो उपभोक्ता को बुकिंग कैंसिल कर रिफंड मांगने का अधिकार है. इसमें प्रोमोटर्स, रियल एस्टेट एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया जा सकता है.
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Source: IOCL





















