पहले 12 लाख तक टैक्स फ्री, अब मिडिल क्लास को 7 फरवरी को मिलने जा रहा एक और बड़ा तोहफा!
Loan Rate Cut: फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है, जिसे फरवरी 2023 से नहीं बदला गया है. इससे पहले, कोविड-19 महामारी के दौरान मई 2020 में दरों में कटौती की गई थी.

यह भारतीय मिडिल क्लास के लिए जश्न की घड़ी है. एक फरवरी को 12 लाख तक की आमदनी के टैक्स फ्री होने के गुड न्यूज का सेलिब्रेशन अभी चल ही रहा है कि हफ्ते भर के अंदर एक और बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है. यह तोहफा मिडिल क्लास की मुट्ठी और जेब ही नहीं बल्कि झोली भी नगदी से भर देने वाला है. पहले मिले लोन की ईएमआई सस्ती होने वाली है.
आगे अगर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो वह भी सस्ता मिलेगा. रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक की कटौती करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद बैंकों को लोन की रेट में कटौती करनी पड़ेगी. आगामी सात फरवरी को होने जा रही रिजर्व बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में इस पर फैसला होना है.
लोगों के हाथ में बढ़ेगी नगदी, मार्केट में बढ़ेगा डिमांड
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट घटाने की तैयारी का मकसद यह है कि इससे लोन सस्ता होगा तो EMI सस्ती होगी. उतनी नगदी लोगों के हाथ में बचेगी. इससे लोग अपनी घरेलू खपत बढ़ाएंगे और मार्केट में डिमांड बढ़ेगा, जिससे इकोनॉमी को बूस्टर डोज का मौका मिल सकेगा. जानकारों के मुताबिक, दो साल में पहली बार रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव करने जा रहा है.
फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है, जिसे फरवरी 2023 से नहीं बदला गया है. इससे पहले, कोविड-19 महामारी के दौरान मई 2020 में दरों में कटौती की गई थी. जानकारों का मानना है कि इस बार रेपो रेट में कटौती की संभावना अधिक है. क्योंकि, आरबीआई पहले ही 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ाने के लिए कदम उठा चुका है. इससे लोन लेने की लागत कम हो सकती है, जिससे बाजार की स्थिति मजबूत होगी.
चार फीसदी रहेगी महंगाई, इसलिए इंट्रेस्ट रेट घटाना जरूरी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस साल खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर घटकर चार फीसदी के आसपास आ सकती है. ऐसे में रिजर्व बैंक को इंट्रेस्ट रेट घटाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. वैसे भी रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का रुख पिछले गवर्नर शक्तिकांत दास के उलट है. इनकी नीतियां महंगाई को लेकर डरते रहने के बजाय इकोनॉमी को सपोर्ट करने की तरफ है. इसलिए वह रेपो रेट घटाने से नहीं डरेंगे.
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Source: IOCL






















