One Nation, One Fertiliser : 2 अक्टूबर से ‘भारत’ नाम के ब्रांड से मिलेंगे सभी उर्वरक, कंपनियों हो रही नाराज
2 अक्टूबर 2022 से सभी तरह के उर्वरक ‘भारत’ नाम के एक ही ब्रांड से बिकेंगे. केंद्र की मोदी सरकार पूरे भारत में One Nation, One Fertiliser Scheme लागू होने जा रही है.
One Nation One Fertiliser Scheme : देश में 2 अक्टूबर 2022 से सभी तरह के उर्वरक ‘भारत’ नाम के एक ही ब्रांड से बिकेंगे. केंद्र की मोदी सरकार पूरे भारत में एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना (One Nation, One Fertiliser Scheme) लागू होने जा रही है. आपको बता दे कि केंद्र की मोदी सरकार देशभर में इस योजना से फर्टिलाइजर कंपनियों के ब्रांड्स में एक समानता लेकर आना चाहती है. केंद्र सरकार ने आदेश में कहा हैं कि सभी कंपनियों को अपने उत्पादों को ‘भारत’ नाम के सिंगल ब्रांड नाम से बेचने का आदेश दिया है.
अब ऐसे मिलेंगे उर्वरक
सरकार के नए आदेश के अनुसार, ये योजना लागू होने के बाद सभी तरह के उर्वरक जैसे यूरिया, डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP- Di-Ammonium Phosphate), म्यूरेट ऑफ पोटास (MOP) और एनपीके सहित सभी फर्टिलाइजर भारत ब्रांड से ही बिकेंगे. 2 अक्टूबर से ये ‘भारत यूरिया’, ‘भारत DAP’, ‘भारत MOP’ और ‘भारत NPK’ के नाम से बाजार में उपलब्ध होंगे. प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर, दोनों तरह की कंपनियों को अपने उत्पाद को 'भारत' ब्रांड नाम देना होगा.
ये लोगो नहीं लगेगा
इस परियोजना के तहत फर्टिलाइजर कंपनियों को अपने उर्वरक उत्पादों को न केवल भारत ब्रांड नाम देना होगा. साथ ही प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना (Prime Minister's Indian Fertilizer Project) का लोगो भी बैग पर लगाना होगा. सरकार उर्वरक पर सब्सिडी मुहैया कराती है. उर्वरक बैग पर कंपनी का नाम काफी छोटे शब्दों में लिखना होगा. केंद्र सरकार ने अपने आदेश में कहा कि उर्वरक कंपनियां 15 सितंबर के बाद पुराने बैग नहीं खरीद सकेंगी. कंपनियों को पुराने डिजाइन के बैग बाजार से वापस लेने के लिए 12 दिसंबर तक का समय दे दिया है.
कंपनियां नाखुश
केंद्र सरकार के इस कदम से उर्वरक कंपनियां काफी परेशान है. इस कंपनियो का कहना है कि सभी कंपनियों के उत्पाद का ब्रांड नेम एक जैसा होने से उनकी ब्रांड वेल्यू खत्म हो जाएगी. उर्वरक कंपनियां किसानों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए बहुत सारी गतिविधियां करती हैं. इससे उनके ब्रांड को प्रमुखता से प्रदर्शित किया है, जिससे कि कंपनी के ब्रांड का प्रचार हो. अब एक ब्रांड नेम होने से कंपनियों को परेशानी का सामना करना होगा.
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