ये शेयर निवेशकों की लगा रहा लंका, 6 महीने में 32% और 1 साल में 70% टूटा, अब मालिक बेच रहे हिस्सेदारी
कंपनी की ओर से हालांकि इस पर सफाई दी गई है कि भावेश अग्रवाल ने यह हिस्सेदारी अपने ऊपर लिए गए करीब 260 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने के लिए बेची है.

Ola Electric Share: ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में बीते एक साल के दौरान आई तेज़ गिरावट ने निवेशकों की चिंता को और गहरा कर दिया है. गुरुवार को कंपनी का शेयर करीब 4 प्रतिशत टूटकर 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे इसका कुल नुकसान सालाना आधार पर लगभग 70 प्रतिशत तक हो गया है. इस कमजोर प्रदर्शन के बीच सबसे ज्यादा हलचल उस समय मची जब कंपनी के प्रमोटर और संस्थापक भावेश अग्रवाल ने खुले बाजार में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पिछले दो दिनों में 200 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की बिक्री की है. ऐसे समय में जब कंपनी पहले से ही दबाव में है, प्रमोटर द्वारा हिस्सेदारी घटाने की खबर ने बाजार में भरोसे को और झटका दिया है और निवेशक इसे कंपनी के भविष्य को लेकर नकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं.
ओला इलैक्ट्रिक स्टॉक्स का खराब प्रदर्शन
कंपनी की ओर से हालांकि इस पर सफाई दी गई है कि भावेश अग्रवाल ने यह हिस्सेदारी अपने ऊपर लिए गए करीब 260 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने के लिए बेची है और इसका ओला इलेक्ट्रिक के कारोबार या दीर्घकालिक रणनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि हिस्सेदारी बिक्री के बाद भी भावेश अग्रवाल के पास लगभग 34 प्रतिशत हिस्सेदारी बनी रहेगी.
इसके बावजूद बाजार में यह सवाल उठ रहे हैं कि जब कंपनी लगातार घाटे में चल रही है, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में अपेक्षित ग्रोथ नहीं दिख रही है और प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, ऐसे समय में प्रमोटर का शेयर बेचना निवेशकों के भरोसे को कमजोर करता है.
कंपनी बोली- नहीं पड़ेगा फर्क
वास्तविकता यह है कि ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों का प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा है. बीते एक महीने में शेयर करीब 25 प्रतिशत, तीन महीनों में लगभग 50 प्रतिशत और एक साल में करीब 70 प्रतिशत तक टूट चुका है. इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में मांग की रफ्तार धीमी पड़ने, बढ़ती लागत, लगातार घाटे और मुनाफे की स्पष्ट टाइमलाइन न होने जैसी चुनौतियों ने कंपनी को दबाव में रखा है.
ऐसे में निवेशक अब कंपनी के भविष्य की रणनीति, फंडिंग जरूरतों और मुनाफे तक पहुंचने की योजना पर स्पष्टता चाहते हैं. कुल मिलाकर, प्रमोटर की हिस्सेदारी बिक्री भले ही निजी कर्ज चुकाने का कारण बताई जा रही हो, लेकिन कमजोर शेयर प्रदर्शन के बीच यह कदम बाजार में अनिश्चितता और आशंकाओं को और बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है.
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डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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