NRI : भारत में निवेश करने से पहले एनआरआई ये कर लें नहीं तो बुरी तरह फंसेंगे
NRI Investment: भारत लौट रहे प्रवासियों के लिए यह सबसे जरूरी है कि वे यहां कोई भी निवेश करने से पहले हर तरह के फाइनेंशियल और टैक्स रेगुलेशन को अच्छे तरीके से समझ लें.

NRI Investment In India: विदेश में रहकर अपने देश की बहुत याद आती है. उसमें भी भारत जैसा देश जो पूरी दुनिया में निवेश का सुंदर ठिकाना लगता है, किसका मन अपने मदरलैंड की ओर लौटकर पैसा कमाने के लिए नहीं ललचाएगा. अभी डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को जिस तरह से लौटाया है, वैसे में कौन ऐसा एनआरआई होगा जिसका मन कड़वाहट से नहीं भर गया होगा. ऐसी स्थिति में भारत लौट रहे प्रवासियों के लिए यह सबसे जरूरी है कि वे यहां कोई भी निवेश करने से पहले हर तरह के फाइनेंशियल और टैक्स रेगुलेशन को अच्छे तरीके से समझ लें.
NRI अकाउंट बंद कर खोलें कॉमन रेजिडेंट अकाउंट
बैंकों में जो उनके एनआरई या एनआरओ अकाउंट हैं, उनसे ऑपरेशन बंद कर कॉमन रेजिडेंट अकाउंट खोल लें. साथ ही भारत के आम नागरिकों के लिए जिस डीमैट अकाउंट का प्रोविजन है, उसे ही अपने लिए खुलवा लें. टैक्स रेगुलेशन और इन्वेस्टमेंट से संबंधित केवाईसी अपडेट का जो भी प्रोसेस है, उसे जल्दी से पूरा करें और उसमें लेटलतीफी नहीं करें.
निवेश के लिए किसी भी अनरजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर की सेवा नहीं लें. इतनी सावधानी बरतने के बाद ही किसी भी एनआरआई को भारत लौटने के बाद निवेश की दिशा में कदम बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर कानूनी पचड़े और धोखाधड़ी दोनों में फंसने का खतरा पैदा हो सकता है.
एनआरआई बंद कर दें पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट सर्विस अकाउंट
भारत लौटने वाले एनआरआई अगर शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो पहले से चल रहे पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट सर्विस अकाउंट को निश्चित रूप से बंद कर दें. इसकी जगह इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लिए रेगुलेर ब्रोकरेज अकाउंट या डीमैट अकाउंट खोल लें.
एफसीएनआर अकाउंट को आरएफडी अकाउंट में कनवर्ट करें
एनआरआई के लिए यह भी जरूरी है कि वे अपने एफसीएनआर यानी फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट अकाउंट को आरएफडी यानी रेजिडेंट फॉरेन करेंस अकाउंट में कनवर्ट करा लें. अगर एनआरआई फॉरेन करेंसी में ही फंड रखना चाहते हैं तो यह जरूरी है. अगर इंडियन रेजिडेंट के रूप में आपका स्टेटस बदलता है तो इस पर मिला कोई भी सूद भारतीय टैक्स कानून के दायरे में आएगा.
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Source: IOCL





















