![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के टैरिफ वार से भारत के लिए ‘आपदा में अवसर’!
US Tariffs of Chinese Goods: अमेरिकी सरकार ने इस सप्ताह चीन के लगभग 18 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर 100 फीसदी तक भारी-भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान किया है...
![US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के टैरिफ वार से भारत के लिए ‘आपदा में अवसर’! India May get benefitted as US imposes heavy tariffs on several chinese goods US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के टैरिफ वार से भारत के लिए ‘आपदा में अवसर’!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/16/e4b3ef6797ddf12c7a1cbe4d3d969ae21715844131357685_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन एक बार फिर से व्यापार युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार ने चीन के कई उत्पादों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने की योजना तैयार की है. इसके बाद प्रत्युत्तर में चीन के द्वारा भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाए जाने की आशंका है, जैसा कि पहले भी देखा जा चुका है. नए सिरे से उभरे व्यापारिक तनाव के बीच भारत के लिए फायदे की स्थिति तैयार हो सकती है.
अमेरिकी सरकार ने इस बार चीन के जिन उत्पादों पर भारी-भरकम शुल्क लगाया है, उनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी और पीपीई किट, ग्लव्स, सिरींज जैसे कई मेडिकल उत्पाद शामिल हैं. चीन में बनने वाले जिन मेडिकल उत्पादों पर शुल्क लगाने की तैयारी है, उनमें फेस मास्क, इंजेक्शन में इस्तेमाल होने वाले सिरींज और नीडल, मेडिकल ग्लव्स आदि प्रमुख हैं. उनके अलावा नेचुरल ग्रेफाइट जैसे मिनरल्स पर भी भारी टैरिफ लगा है.
इन उत्पादों पर बढ़ गया टैरिफ
कुछ उत्पादों पर तो टैरिफ लगाने का ऐलान भी हो चुका है. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को चीन से आने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया. चीन के इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैरिफ को 25 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया गया है. इसी तरह टैरिफ को सोलर सेल पर 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी और कई स्टील व एल्युमिनीयम उत्पादों तथा नॉन-लीथियम आयन बैटरी पार्ट्स पर 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया. फेस मास्क, क्रिटिकल मिनरल और शिप-टू-शोर क्रेन जैसे कई उत्पादों पर पहले कोई टैरिफ नहीं था, अब 25 फीसदी की दर से टैरिफ लगेगा.
दोहराने वाली है पुरानी कहानी
अमेरिका का कहना है कि इन टैरिफ से चीन से वहां जाने वाले लगभग 18 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर असर होगा. इससे पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में भी दोनों देश टैरिफ वार में शामिल हो चुके हैं. उस समय भी अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाया था. इस बार भी वही कहानी दोहराने की आशंका जताई जा रही है.
पहले से ही फायदे में भारत
अमेरिका अभी करीब 26 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वहीं चीन करीब 21 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर है. दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आपस में टकराने से वैश्विक व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. हालांकि इस विपरीत स्थिति में भारत के लिए नए मौके तैयार हो सकते हैं. अमेरिका पहले से ही चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है, जिसके तहत कई अमेरिकी कंपनियों ने हालिया सालों में चीन से अपने मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन बेस को अन्य देशों में शिफ्ट किया है. उनमें से कइयों ने भारत को बेस बनाना शुरू कर दिया है. उदाहरण के लिए सबसे बड़ी स्मार्टफोन व गैजेट कंपनी एप्पल अपने लोकप्रिय आईफोन समेत कई उत्पादों की मैन्यु्फैक्चरिंग भारत में शुरू करा चुकी है और मेड इन इंडिया उत्पादों को अन्य देशों के बाजारों में भी बेच रही है.
इन उत्पादों का बढ़ सकता है निर्यात
एनालिस्ट का कहना है कि ताजे टैरिफ वार से एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भारत को खासा फायदा हो सकता है. भारत पहले से मेडिकल अप्लायंसेज एंड एसेसरीज, कृषि उत्पादों, चावल, कपड़े आदि का बड़े पैमाने पर निर्यात कर रहा है. कोविड के बाद के सालों में भारत ने मास्क समेत अन्य मेडिकल अप्लायंसेज की मैन्युफैक्चरिंग तेज की है. चीन के उत्पादों के लिए रास्ते बंद होने के बाद अमेरिका का बाजार भारत के उत्पादों के लिए अधिक अनुकूल बन सकता है.
ये भी पढ़ें: इस छोटे से देश ने कैसे कर ली ज्वालामुखी से अरबों के बिटकॉइन की माइनिंग?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)