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Google Employee: गूगल ने कर्मचारियों के आगे घुटने टेके, एक कर्मचारी को नौकरी से निकालने की कीमत पड़ी 2.7 करोड़ डॉलर

Google Case: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल अपने कर्मचारियों को समझौते के तहत लगभग 2.7 करोड़ डॉलर देगी. यह अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता है. कंपनी पर अनफेयर लेबर प्रेक्टिसेस का आरोप लगा था. 

Google Case: गूगल (Google) ने लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार कर्मचारियों के आगे घुटने टेक दिए हैं. दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी अपने कर्मचारियों को समझौते के तहत लगभग 2.7 करोड़ डॉलर देगी. यह अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता है. यह पैसा गूगल के सभी कर्मचारियों में बांटा जाएगा. कर्मचारियों ने कंपनी पर अनफेयर लेबर प्रेक्टिसेस का आरोप लगाया था. 

एक लाख कर्मचारियों के बीच बांटा जाएगा पैसा 

यह समझौता कैलिफोर्निया की एक अदालत में हुआ. यह केस 2016 में दाखिल हुआ था. यह विवाद एक कर्मचारी को नौकरी से निकालने के बाद शुरू हुआ था. यहां कर्मचारियों ने धैर्य और साहस से गूगल जैसी दिग्गज कंपनी का सामना किया और उसे झुकने को मजबूर कर दिया. समझौते में मिलने वाली ज्यादातर रकम का हिस्सा सरकार को जाएगा. इसे गूगल के लगभग एक लाख कर्मचारियों के बीच बांटा जाएगा. हर कर्मचारी को 20 से 70 डॉलर तक मिलेंगे. 

मैनेजमेंट के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में की थी शिकायत

गूगल के स्वामित्व वाली कंपनी नेस्ट (Nest) में काम करने वाले एक कर्मचारी ने मैनेजमेंट के खिलाफ फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में शिकायत की थी. इसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. इसके बाद गूगल, फेसबुक और नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों के प्रदर्शन हुए. कर्मचारियों ने कई जगह काम का बहिष्कार किया और पत्र भी लिखे. इसके चलते कई कंपनियों से लोगों को निकाला गया और कई जगह पॉलिसी में बदलाव भी करने पड़े थे. कंपनियां लगातार मुखर हो रहे कर्मचारियों से निपटने में दिक्कतों का सामना कर रही थीं.

कंपनी को बदलने पड़े थे नियम 

गूगल ने कर्मचारी को निकालते हुए आरोप लगाया था कि उसने डेटा क्लासिफिकेशन गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया. उसने कोर्ट में शिकायत देते हुए कहा था कि कंपनी की गाइडलाइन्स बहुत व्यापक हैं. सरकार ऐसे लेबर कानून बनाए, जिससे कि कर्मचारियों को कंपनी के अंदर अपनी स्थिति पर आवाज उठाने का मौका मिले. इसके बाद 2017 में गूगल ने अपनी गाइडलाइन्स में सुधार कर लिया था. 

गूगल बोली- केस को खत्म करना सबके हित में

गूगल के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम अपनी गाइडलाइन्स में पूरा विश्वास रखते हैं. हमने कुछ गलत नहीं किया है. मगर, लगभग आठ साल की मुकदमेबाजी के बाद हमने निर्णय लिया है कि इस केस को खत्म कर देना चाहिए. यही सबके हित में है.

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