6 वर्षों में GDP हाई ग्रोथ, निचले स्तर पर महंगाई और रोजगार… इन 5 कारणों से याद किए जाते रहेंगे साल 2025
वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों के बावजूद मजबूत घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को गति दी, जिसके चलते वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ग्रोथ 7.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत दर्ज की गई.

साल 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम रहा है और आने वाले वर्षों में इसे एक मजबूत आर्थिक दौर के रूप में याद किया जाएगा. सरकार की वार्षिक समीक्षा के अनुसार, तेज आर्थिक वृद्धि, नियंत्रित महंगाई, निर्यात में मजबूती और श्रम बाजार में सुधार इस वर्ष के प्रमुख आधार रहे. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले छह वर्षों का उच्चतम स्तर है.
मजबूती इकोनॉमी के संकेत
वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों के बावजूद मजबूत घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को गति दी, जिसके चलते वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ग्रोथ 7.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत दर्ज की गई. महंगाई पूरे साल निचले स्तर पर बनी रही. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जनवरी 2025 में 4.26 प्रतिशत था, जो नवंबर तक घटकर लगभग 3.55 प्रतिशत रह गया, वहीं थोक मूल्य सूचकांक भी नियंत्रण में रहा, जिससे कीमतों में स्थिरता बनी और आरबीआई को नीतिगत दरों में नरमी का अवसर मिला.
श्रम बाजार में बेहतर स्थिति
रोजगार के मोर्चे पर भी सुधार देखने को मिला, जहां नवंबर 2025 में बेरोजगारी दर घटकर 4.7 प्रतिशत रह गई, जो अक्टूबर में 5.2 प्रतिशत थी और अप्रैल 2025 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट मानी गई. निर्यात क्षेत्र में भी मजबूती रही और नवंबर में वस्तु निर्यात बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि सेवा क्षेत्र में भारतीय सॉफ्टवेयर और व्यावसायिक सेवाओं की वैश्विक मांग में तेज वृद्धि दर्ज की गई.
सरकार ने कहा- गोल्ड लॉक्स मूवमेंट
सरकार ने इस संतुलित स्थिति को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए “गोल्डीलॉक्स मूवमेंट” बताया है, जहां मजबूत मांग और नियंत्रित महंगाई का संतुलन बना हुआ है. इसी क्रम में, घरेलू उत्पादन को मापने वाला ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) भी वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 8.1 प्रतिशत पर पहुंच गया, जिसमें औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों का अहम योगदान रहा.
कुल मिलाकर, भारत की जीडीपी 4.18 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले समय में भी मजबूती के साथ आगे बढ़ती रहेगी.
Source: IOCL























