लॉकडाउन की मार, पहली तिमाही में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 32 फीसदी घटा
इनकम टैक्स अधिकारियों के मुताबिक कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में लगभग 80 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है.

कोरोनावायरस संकट की वजह से सरकार के राजस्व पर तगड़ी चोट पड़ी है.अप्रैल-जून तिमाही में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 32.3 फीसदी की गिरावट आई है. एडवांस टैक्स कलेक्शन की पहली किस्त 76 फीसदी घट गई है. इस वजह से डायरेक्ट टैक्स में इतनी कमी आई है. सीधे तौर पर यह लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों के लगभग ठप पड़ जाने का नतीजा है.
कॉरपोरेट एडवांस टैक्स कलेक्शऩ 80 फीसदी घटा
इनकम टैक्स अधिकारियों के मुताबिक कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में लगभग 80 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं एडवांस पर्सनल टैक्स में 64 फीसदी की गिरावट आई है.
कंपनियों के लिए पहली तिमाही में एडवांस टैक्स जमा करने की आखिरी तारीख 15 जून थी. अप्रैल-जून में लॉकडाउन की वजह से कारोबार लगभग ठप रहा. टैक्स कलेक्शन पर इसका असर पड़ा है.
अगर जोन के हिसाब से देखें तो अप्रैल-जून में दिल्ली जोन में टैक्स कलेक्शन में 42.9 फीसदी की कमी आई. चेन्नई जोन में यह कमी 52.2 फीसदी दर्ज की गई. हैदराबाद जोन में 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि मुंबई जोन में टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई लेकिन यह मामूली रही. यहां इसमें सिर्फ 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बेंगलुरू जोन में हुई. यहां डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 16.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
2020-21 में कॉरपोरेट टैक्स लक्ष्य 6.81 लाख करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 6.81 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही 6.38 लाख करोड़ रुपये के इनकम टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य है. इसमें सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स भी शामिल है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेवेन्यू में कमी से सरकार के लिए और दिक्कतें पैदा होंगी. अब इसके सामने अपने खर्चे और योजनाओं को लागू करने के लिए फंड की कमी हो जाएगी. इसका आर्थिक विकास दर पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा.
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