Diesel Petrol Demand: पिछले महीने बढ़ी डीजल-पेट्रोल की डिमांड, कम हो गई बिजली की खपत
Fuel Demand in India: डीजल व पेट्रोल जैसे ईंधनों की मांग तथा बिजली की खपत के आंकड़ों से देश में संबंधित अवधि के दौरान की आर्थिक गतिविधियों का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है...
मौसम में लगातार दिख रहे बदलाव और आर्थिक गतिविधियों के कारण पिछले महीने देश में ईंधन व बिजली की मांग पर असर बढ़ा. अप्रैल महीने के दौरान जहां एक ओर डीजल और पेट्रोल की मांग में तेजी आई, वहीं दूसरी ओर बिजली की खपत कम हो गई. ताजा आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है.
डीजल की मांग में इतनी वृद्धि
पेट्रोलियम उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने यानी अप्रैल 2023 में डीजल की मांग 71.5 लाख टन रही. यह साल भर पहले यानी अप्रैल 2022 की तुलना में 6.7 फीसदी ज्यादा है. अप्रैल महीने में देश भर में कुल ईंधन खपत में डीजल का हिस्सा करीब 40 फीसदी रहा. मासिक आधार पर डीजल की बिक्री में 4.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. मार्च में मौसमी सुस्ती होने से डीजल की खपत 68.3 लाख टन रही थी.
इन कारणों से बढ़ी डीजल की मांग
डीजल की मांग को कृषि व उद्योग जगत की गतिविधियों से समर्थन मिला है. रबी फसलों की कटाई का समय होने और आर्थिक गतिविधियों में उछाल से अप्रैल में डीजल की मांग बढ़ी है, जिसने ओवरऑल ईंधन की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज कराई.
पेट्रोल की भी बढ़ी मांग
अप्रैल महीने में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर करीब 2.5 फीसदी बढ़कर 26.4 लाख टन हो गई. हालांकि मार्च महीने की तुलना में मासिक आधार पर पेट्रोल की बिक्री में 0.5 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई. दरअसल, मार्च के दूसरे पखवाड़े से ही औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से पेट्रोल और डीजल की मांग में तेजी देखने को मिल रही है.
एटीएफ में वृद्धि, एलपीजी में गिरावट
विमानन क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के समय लगी सभी बंदिशें खत्म होने का असर देश के कुल यात्री आवागमन पर देखा जा रहा है. हवाई यात्रियों की संख्या अब महामारी-पूर्व के स्तर के करीब पहुंच चुकी है. इस कारण विमान ईंधन यानी एटीएफ की मांग अप्रैल 2022 की तुलना में 15.4 फीसदी बढ़कर 5.95 लाख टन पर पहुंच गई. वहीं दूसरी ओर रसोई गैस एलपीजी की बिक्री अप्रैल महीने के दौरान साल भर पहले की तुलना में 2.7 फीसदी घटकर 21.9 लाख टन पर आ गई.
कम हुई बिजली की खपत
बिजली की खपत की बात करें तो अप्रैल के दौरान लगातार दूसरे महीने इसमें गिरावट आई है. अप्रैल में बिजली की खपत 1.1 फीसदी कम होकर 130.57 अरब यूनिट रही. विभिन्न इलाकों में हो रही बारिश से एसी, कूलर जैसे उपकरणों का उपयोग पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कम हुआ है. इससे बिजली की खपत कम हुई है. पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 132.02 अरब यूनिट रही थी.
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