जहरीली हवा से सूने पड़े दिल्ली के बाजार, प्रदूषण ने रिटेल कारोबार की रफ्तार पर लगाया ब्रेक
व्यापारियों का कहना है कि प्रदूषण के चलते लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं, जिसके कारण वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलना नहीं चाहते.

Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में लगातार गंभीर होती जा रही वायु गुणवत्ता ने अब सिर्फ आम लोगों की सेहत ही नहीं, बल्कि राजधानी के रिटेल कारोबार की रफ्तार पर भी गहरा असर डालना शुरू कर दिया है. जहरीली हवा और बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के प्रमुख बाजारों में पहले जैसी चहल-पहल नजर नहीं आ रही है. जहां आम दिनों में एनसीआर के अलग-अलग इलाकों से करीब 3 से 4 लाख लोग खरीदारी के लिए दिल्ली के बाजारों का रुख करते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर लगभग एक लाख तक सिमट गई है.
प्रदूषण को लेकर टीवी, अखबारों और सोशल मीडिया पर लगातार आ रही चेतावनियों के चलते लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं. खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोग बाजारों में आने से परहेज कर रहे हैं, जिससे दुकानदारों के सामने ग्राहकों की भारी कमी की समस्या खड़ी हो गई है.
क्रिसमस-न्यू ईयर से पहले बढ़ी व्यापारियों की चिंता
व्यापारियों का कहना है कि प्रदूषण के चलते लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं, जिसके कारण वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलना नहीं चाहते. इसका सीधा असर बाजारों के फुटफॉल पर पड़ा है और कई इलाकों में दुकानें दिनभर लगभग सूनी नजर आ रही हैं.
यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब क्रिसमस और न्यू ईयर जैसे बड़े त्योहार नजदीक हैं, जिनसे आमतौर पर बाजारों में अच्छी खरीदारी की उम्मीद रहती है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और महासचिव गुरमीत अरोड़ा के मुताबिक, हर साल इस समय दिल्ली के बाजारों में न केवल एनसीआर बल्कि दूसरे राज्यों से भी ग्राहक आते हैं, लेकिन इस बार प्रदूषण ने कारोबार की संभावनाओं पर पानी फेर दिया है.
केंद्र सरकार से इमरजेंसी मीटिंग की मांग
व्यापारिक संगठनों का मानना है कि यह समस्या सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे एनसीआर में हालात लगभग एक जैसे हैं. नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे शहरों में भी AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है. सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि जब तक दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की सरकारें मिलकर साझा रणनीति नहीं बनातीं, तब तक प्रदूषण पर काबू पाना मुश्किल है. इसी मांग को लेकर सीटीआई ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की अपील की है, जिसमें सभी संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री शामिल हों.
व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में रिटेल कारोबार को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. सीटीआई के संरक्षक सुरेश अग्रवाल और उपाध्यक्ष राजेश खन्ना ने कहा कि दिल्ली के करीब 20 लाख व्यापारी सरकार के साथ खड़े हैं और प्रदूषण से निपटने के लिए हर जरूरी कदम में सहयोग देने को तैयार हैं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि बाजारों के खुलने-बंद होने के समय में बदलाव जैसे उपाय किए जाते हैं, तो सभी मार्केट एसोसिएशन सरकार का पूरा समर्थन करेंगे. कुल मिलाकर, जहरीली हवा ने दिल्ली के बाजारों की रौनक छीन ली है और जब तक प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण नहीं होता, तब तक रिटेल सेक्टर की मुश्किलें बढ़ती ही जाएंगी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















