Food Inflation: अप्रैल 2023 से शुरू हो जाएगी अनाज के दाम में बढ़ोतरी! जानें क्यों महंगी होगी खाने की थाली
Food Inflation Estimate by CRISIL: वित्त वर्ष 2023 खत्म होने को है और अगला वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही खाने-पीने के सामान की महंगाई को लेकर एक चिंता वाली खबर आ गई है. जानें क्या है वो खबर-

Food Inflation Estimate by CRISIL: केंद्र सरकार देश में गेहूं की खुली बिक्री और खाने के तेल के तेल पर आयात ड्यूटी जैसे उपायों से खाद्य महंगाई दर को काबू में रखने के प्रयास कर रही है पर अब एक ऐसी खबर आई है जो सरकार के लिए चिंता की वजह हो सकती है.
जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितता, मजबूत वैश्विक और घरेलू मांग के कारण अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अनाज कीमतें उच्चस्तर पर बनी रह सकती हैं. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह जानकारी दी है. क्रिसिल ने साफ तौर पर कहा है कि हाल के अनुभव से लगता है कि अनाज की कीमतों में और वृद्धि की संभावना नहीं है, लेकिन ग्लोबल कारणों से देश में अनाज के दाम बढ़ सकते हैं जिसके चलते खाने-पीने के सामान की महंगाई में इजाफा देखा जा सकता है.
क्रिसिल की रिपोर्ट में क्या है खास
क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 50 वर्षों में अनाज का घरेलू उत्पादन लगातार बढ़ा है लेकिन इसकी कीमतों में कहीं अधिक तेजी आई है. वित्त वर्ष 2017-22 के दौरान अनाज की फसलों के लिए भारित औसत फसल मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर 3-4 फीसदी रहा है.
चालू वित्त वर्ष में भी महंगा हुआ है अनाज- आगे के लिए क्या है संभावना
इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में भी अनाज की कीमतों में पहले नौ महीनों में सालाना आधार पर काफी वृद्धि हुई है. गेहूं और धान में 8-11 फीसदी और मक्का, ज्वार और बाजरा में 27-31 फीसदी की वृद्धि हुई है.
क्रिसिल ने कहा, "अनाज फसलों के लिए कीमतों का रुझान समग्र रूप से मजबूत रहने की उम्मीद है." मौजूदा रबी सत्र में गेहूं के अधिक उत्पादन की उम्मीद से स्टॉक की स्थिति में सुधार आएगा, जिससे कीमतों पर दबाव कम हो सकता है. यदि सामान्य मानसून का फैलाव अच्छा रहता है तो धान, मक्का और बाजरा जैसी खरीफ फसलों के लिए उत्पादन की उम्मीदें सकारात्मक होंगी.
ये भी पढ़ें
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















