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Car Insurance During Monsoon: बारिश-बाढ़ में डूबी कार तो न करें ये गलती, वर्ना कवरेज के बाद भी रिजेक्ट होगा इंश्योरेंस का क्लेम

Expert Tips For Vehicle Insurance Claims During Floods: बारिश का मौसम जोरों पर है और लगभग पूरे देश को मॉनसून ने कवर कर लिया है. अगर आपके पास भी कार है तो कुछ सावधानियां आपके लिए जरूरी हैं...

बारिश का मौसम पूरा जोर पकड़ चुका है और पूरे देश को मॉनसून ने कवर कर लिया है. इस साल देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. उत्तर भारत के कुछ राज्यों में तो बारिश ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बदलते मौसम के साथ सभी के लिए अतिरिक्त सावधानियां जरूरी हो जाती हैं. खासकर अगर आपके पास कार है, तब तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, वर्ना आपको भारी नुकसान हो सकता है.

कई शहरों में बाढ़ का कहर

सोशल मीडिया पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली जैसे राज्यों की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं. हिमाचल प्रदेश में बारिश से भारी तबाही हुई है. हजारों कारें फ्लैश फ्लड में पलक झपकते बह गई हैं. कई गाड़ियां पार्किंग में खड़ी-खड़ी डूब गई हैं. दिल्ली जैसे शहर, जहां लगभग हर किसी के पास कार है, वहां कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. अभी मुंबई में भी बारिश जोरों पर है. इसके पहले भी हमने चेन्नई, कोलकाता से लेकर बेंगलुरू तक जैसे शहरों में अचानक बाढ़ आते देखा है.

कई बार रिजेक्ट हो जाता है क्लेम

जब भी अचानक भारी बारिश होती है, शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं, और इस आपदा में सबसे पहले शिकार होती हैं कारें. अब चूंकि इस तरह के इवेंट आम हो चले हैं, लोग उसी हिसाब से मोटर इंश्योरेंस भी खरीदने लग गए हैं. आम तौर पर कम्प्रहेंसिव कार इंश्योरेंस में बारिश और बाढ़ का कवरेज होता ही है. उसके अलावा लोग तमाम ऐड-ऑन लेकर कवरेज का दायरा बढ़ाते हैं. हालांकि इसके बाद भी जरूरी नहीं है कि आपको कार डूबने का क्लेम करने पर कवरेज मिल ही जाए.

जरूरी खरीदें ये ऐड-ऑन कवरेज

आगे बढ़ने से पहले आपको ये बता दें कि ऐसी परिस्थितियों में अपना नुकसान कम करने के लिए आपको क्या-क्या उपाय करने चाहिए... सबसे पहले तो कम्प्रहेंसिव कार इंश्योरेंस जरूर खरीदें. उसके बाद कुछ ऐड-ऑन जरूरी हैं. जीरो डेप और इंजन प्रोटेक्शन कवरेज जरूरी ऐड-ऑन हैं. आपको नो-क्लेम बोनस प्रोटेक्शन कवर भी रखना चाहिए. यह होने पर क्लेम करने के बाद भी आपको नो क्लेम बोनस का फायदा मिलेगा. रिटर्न टू इनवॉयस कवर होने से आपको आईडीवी और टोटल वैल्यू के बीच के अंतर का नुकसान नहीं होगा. कंज्यूमेबल्स कवरेज जरूरी है, यह आपको कई ऐसी जरूरी चीजों के खर्च से बचाता है, जो एक ही बार यूज होने वाली होती हैं. रोड साइड असिस्टेंस कहीं कार के डूब जाने पर उसे टो कराने के खर्च से बचाएगा.

इन एहतियातों का रखें ध्यान

अगर आपकी कार भी बाढ़ में शिकार हो जाए तो क्लेम करने में कुछ एहतियात बरतें. सबसे पहले तो फोटो और वीडियो बनाकर कार के डूबने व नुकसान होने का सबूत जुटा लें. बाढ़ जैसी घटनाएं खबरों में आती ही हैं, तो उन्हें भी जुटा लें. घटना संज्ञान में आते ही इंश्योरेंस कंपनी को सूचित कर दें. क्लेम करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस यानी डीएल और पॉलिसी डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ सकती है.

इस कारण रिजेक्ट होते हैं क्लेम

अब सबसे जरूरी बात. कई बार ऐसा होता है कि कार बाढ़ में डूब जाए और क्लेम करने पर कंपनी रिजेक्ट कर दे. बीमा कंपनियां ऐसे मामलों में क्लेम रिजेक्ट का सबसे बड़ा कारण कंसीक्वेंशियल डैमेज बताती हैं, यानी कि कार को आपकी किसी गलती से नुकसान हुआ है. उदाहरण के लिए, आपकी कार पानी में डूब गई है और आप उसे खुद से निकालने का प्रयास कर रहे हैं. इस क्रम में गाड़ी बंद हो जाती है या किसी अन्य वजह से इंजन तक पानी पहुंच जाता है, ऐसे में इंजन को नुकसान होगा और कंपनी इसे कंसीक्वेंशियल डैमेज बता देगी.

घबराएं नहीं... ऐसे करें काम

अगर आप भी कभी इस तरह के सिचुएशन में फंस जाएं तो सबसे पहले घबराएं नहीं. यह कोई अनोखी या नई घटना नहीं है, इसका ध्यान रखें. अगर खड़ी कार पानी में डूब गई है तो उसे स्टार्ट न करें. उसे टो कराएं और सर्विस सेंटर ले जाएं. अगर सड़क पर पानी से कार निकालने में इंजन बंद हो जाए तो उसे दोबारा स्टार्ट न करें. धक्के देकर या टो कर उसे पानी से निकालें. सर्विस सेंटर ले जाकर उसे ठीक करा लें. ऐसी स्थितियों में आपको इंजन प्रोटेक्शन कवरेज बड़े काम आ सकता है, तो इसे इंश्योरेंस में ऐड कराना न भूलें.

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