BUDGET 2019: किसानों, टैक्सपेयर्स के लिए तो हुए एलान पर युवाओं के हाथ रहे खाली
सबसे बड़ी राहत सरकार ने इनकम टैक्स के मोर्चे पर दे दी है. सरकार ने 5 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है.

नई दिल्लीः देश का बजट पेश हो चुका है और वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मौजूदा मोदी सरकार के आखिरी बजट में सभी तबकों को लुभाने की कोशिश की है. इस बजट के जरिए मोदी सरकार आने वाले लोकसभा चुनावों की नैया पार लगाना चाहती है. हालांकि मोदी सरकार के इस आखिरी बजट में कई क्षेत्र ऐसे हैं जो छूट गए हैं लेकिन सबसे बड़ी राहत सरकार ने इनकम टैक्स के मोर्चे पर दे दी है. सरकार ने 5 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है.
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मिडिल क्लास को क्या मिला इस बजट से मिडिल क्लास के लिए सरकार ने कुछ कदमों का एलान किया है जैसे 5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री कर दी गई है. इसके अलावा 1.5 लाख रुपये तक के निवश पर टैक्स छूट आपको मिल सकती है. स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है.
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युवाओं को क्या मिला मोदी सरकार के बजट के बाद भी युवाओं के हाथ खाली रहे हैं. उनके रोजगार के लिए सरकार की तरफ से किसी स्कीम का एलान नहीं किया और रोजगार के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. नौकरी के मुद्दे पर तो कोई एलान नहीं किया गया लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया कि मुद्रा योजना’ के तहत कुल मिलाकर 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ लोन बांटे गए हैं. वहीं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए 1 करोड़ से भी अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे वो आगे चलकर अपने लिए रोजगार का सृजन कर सकें.
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किसानों को क्या मिला सरकार ने छोटे और सीमान्त किसानों को राहत देने के लिए उन्हें 6000 सालाना की न्यूनतम सालाना आय देने की योजना पेश की है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का बजट पेश करते हुए ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’’ (प्रधानमंत्री किसान योजना) की घोषणा की. इस योजना का फायदा दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगा. इस योजना से 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. इसके तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उनके बैंक खाते में प्रदान की जाएगी. यह राशि उन्हें 2000 रुपये की तीन किस्तों में दी जाएगी. पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी. ये स्कीम दिसंबर 2018 से लागू हो जाएगी. इसके अलावा वित्त मंत्री ने 2019-20 के लिए मनरेगा के तहत आवंटन बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये करने की भी घोषणा की है.
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श्रमिकों को क्या मिला न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को और उदार किया गया है सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को बढ़ाकर 10 फीसदी से 14 फीसदी कर दिया है. ग्रेच्युटी के भुगतान की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. सभी श्रमिकों के न्यूनतम पेंशन प्रतिमाह 1000 रुपये तय की गई है. सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में ईपीएफओ द्वारा राशि 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक तय की गई है. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को हर महीने 3,000 रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा पिछले पांच सालों के दौरान सभी श्रेणियों के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में भी 42 फीसदी की बढ़त की गई है जो अब तक की सबसे ज्यादा है.
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महिलाओं को क्या मिला महिलाओं के लिए इस बजट में कोई एलान नहीं हुए हैं. हालांकि सरकार ने अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया है कि उज्जवला योजना के तहत सरकार ने बताया कि 6 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं जिसका फायदा महिलाओं को मिला है. वित्त मंत्री ने ये बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दी गई है. आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत सभी श्रेणियों के कार्मिकों के मानदेय में लगभग 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. अंतरिम बजट 2019-20 में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1330 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस मद में मिशन के लिए 2018-19 के संशोधित अनुमान की मुकाबले 174 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
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टैक्स बजट में सबसे बड़ा एलान टैक्स के मोर्चे पर ही किया गया है. मोदी सरकार ने 5 लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया है. एफडी के 40,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री हो जाएगा.
रक्षा बजट वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है. सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन लागू किया है और अब तक इस पर 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आ चुका है. साल 2018-19 के बजट अनुमानों में 2,82,733 करोड़ रुपये की तुलना में साल 2019-20 के लिए बजट अनुमानों में 3,05,296 करोड़ रुपये प्रदान किये गये हैं. रक्षा बजट 2019-20 में प्रथम बार 3,00,000 करोड़ रूपये के आंकड़े को पार कर रहा है.
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रेलवे सरकार ने रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. रेलवे का समग्र पूंजीगत व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये का है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आवंटन को बजटीय अनुमान 2018-19 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़ाकर बजटीय अनुमान 2019-20 में 58,166 करोड़ रुपये किया गया है. पहली बार कोलकाता से वाराणसी तक अंतर्देशीय जल मार्ग पर कंटेनर फ्रेट की ढुलाई शुरू हुई है.
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हाउसिंग सेक्टर के लिए क्या रहा वित्त मंत्री ने 2 करोड़ रुपये तक के कैपिटल गेन को हासिल करने वाले एक टैक्सपेयर के एक रेसिडेंशियल होम से दूसरे रेसिडेंशियल होम में निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत कैपिटल गेन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है. हालांकि इस फायदे को जीवन में एक बार ही लिया जा सकता है. सस्ते घरों के अंतर्गत और ज्यादा घरों को मुहैया उकराने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80-आईबीए के तहत बेनेफिट को एक और साल के लिए बढ़ाया जा रहा है, यानी यह 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर लागू होगा. वित्त मंत्री ने बिना बिके हुए घरों/फ्लेटों के अनुमानित किराये पर टैक्स-चार्ज से छूट की अवधि को प्रोजेक्ट पूरा होने के साल के अंतिम समय के एक साल से बढ़ाकर दो साल तक कर दिया है.
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Source: IOCL






















