ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश बना नंबर वन
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में शीर्ष दस में झारखंड चौथे स्थान पर, गुजरात पांचवे पर, छत्तीसगढ़ छठे, मध्य प्रदेश सातवें, कर्नाटक आठवें, राजस्थान नौवें पर और पश्चिम बंगाल दसवें स्थान पर रहा. सूची में मेघालय आखिरी 36 वें स्थान पर रहा.

नई दिल्लीः देश में कारोबार करने में सुगमता यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिहाज से आंध्रप्रदेश सबसे शीर्ष पर रहा है. औद्योगिक नीति और सवर्द्धन विभाग-डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) और विश्व बैंक द्वारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच की गई रैंकिंग में आंध्र प्रदेश अव्वल रहा है. डीआईपीपी के इस संबंध में जारी बयान के मुताबिक तेलंगाना और हरियाणा इस मामले में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में शीर्ष दस में झारखंड चौथे स्थान पर, गुजरात पांचवे पर, छत्तीसगढ़ छठे, मध्य प्रदेश सातवें, कर्नाटक आठवें, राजस्थान नौवें पर और पश्चिम बंगाल दसवें स्थान पर रहा. सूची में मेघालय आखिरी 36 वें स्थान पर रहा.
डीआईपीपी, विश्वबैंक के साथ मिलकर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता के आधार पर रैंकिंग करता है. डीआईपीपी कारोबारी क्षेत्र में और सुधार लाने के लिये कारोबार सुधार कार्ययोजना (ब्रैप) के तहत यह करता है. बयान के अनुसार, ‘‘ब्रैप 2017 में सुझाए गए कई सुझावों पर बड़ी संख्या में राज्यों ने महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है.’’
डीआईपीपी के अनुसार 17 राज्यों का सुधार साक्ष्य अंक ब्यौरा 90 फीसदी से अधिक रहा है, जबकि संयुक्त अंक में 15 राज्यों को 90 फीसदी से अधिक अंक मिले हैं. जिन राज्यों का सुधार साक्ष्य अंक 80 फीसदी से अधिक रहा है वह देश के 84 फीसदी भू भाग, 90 फीसदी आबादी और देश के सकल घरेलू उत्पाद के 79 फीसदी का प्रतिनिधित्व करते हैं. ब्रैप 2017 के तहत कुल 7758 सुधारों को लागू किया गया जिनकी संख्या 2015 में 2532 थी.
ब्रैप 2017 के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संयुक्त अंक प्रदान किए गए. इन संयुक्त अंकों का आधार दो तरह के अंक ‘सुधार साक्ष्य अंक’ और ‘प्रतिपुष्टि अंक’ हैं. सुधार साक्ष्य अंक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों पर आधारित हैं, जबकि प्रतिपुष्टि अंक कारोबारियों को दी जाने वाली सेवाओं के वास्तविक उपयोक्ताओं से जुटायी गई प्रतिक्रिया के आधार पर तय किए गए हैं.
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Source: IOCL























