क्या एसी का स्विच ऑन करते वक्त इन बातों का आया है ख्याल? इस तरह से कर रहे अपना और कुदरत का नुकसान
Air Conditioner: देश में एयर कंडीश्नर की ऐसी ताबड़तोड़ बिक्री हो रही है कि कंपनियों के स्टॉक खत्म हो रहे हैं. पिछले साल 1.4 करोड़ एसी की बिक्री हुई. 2050 तक एसी की बिक्री नौ गुना बढ़ सकती है.

Air Conditioner: भारत इस वक्त भीषण गर्मी की चपेट में है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, लू लगने का खतरा भी बढ़ रहा है. आलम यह है कि इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों में एयर कंडीश्नर खरीदने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि देश में एयर कंडीश्नर की बिक्री पिछले पांच सालों में दोगुनी बढ़ गई है. पिछले साल भारत में रिकॉर्ड तोड़ डेढ़ करोड़ एसी बिके.
अब सिर्फ लग्जरी नहीं रह गया एसी
एयर कंडीश्नर की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कंपनियां भी सेल बढ़ाने के लिए तरह-तरह के ऑफर्स और स्कीम्स निकाल रही हैं. इसी का नतीजा है कि अभी हर साल लोग एक से डेढ़ करोड़ एसी खरीद रहे हैं क्योंकि लोग दिनभर के कामकाज के बाद रात में चैन की नींद और कम्फर्ट से कोई समझौता नहीं करना चाह रहे हैं.
अनुमान लगाया जा रहा है कि 2050 तक एसी की बिक्री नौ गुना बढ़ सकती है. ऐसे में अब लगता है कि एसी लग्जरी न होकर जरूरत का सामान बन गया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत के पास इतनी एसी चलाने के लिए पर्याप्त बिजली है? या इससे जलवायु को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए कितनी तैयारी है?
भारत को बढ़ाना होगा बिजली उत्पादन
2024 दुनिया का सबसे गरम साल रहा. 1880 के बाद पहली दफा तापमान में डेढ़ डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का इजाफा हुआ. भारत में भी पिछले साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस साल लोगों ने 1.4 करोड़ एसी खरीदे. देश में एयर कंडीश्नर की मांग ऐसे बढ़ रही है कि कंपनियों के स्टॉक खत्म हो रहे हैं. यह हाल तब है जब अभी सिर्फ 10 परसेंट घरों में ही एसी है. एक स्टडी के मुताबिक, सिर्फ एसी चलाने मात्र से ही अगले पांच सालों में बिजली की मांग 120 गीगावाट बढ़ जाएगी और अगले दस सालों में 180 गीगावाट तक बढ़ जाएगी.
कोयला जलाकर किया जा रहा बिजली उत्पादन
हमारे देश में अभी भी अधिकतर बिजली का उत्पादन कोयले को जलाकर किया जाता है, जिसका असर जलवायु पर पड़ता है. इसी के साथ-साथ एक और चुनौती यह है कि एसी से क्लोरोफोरोकार्बन (CFC) और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC) जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचती है. नतीजतन, ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ती है.
एसी चलाना भी नहीं खतरे से खाली
एक सरकारी बयान के मुताबिक, भारत ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के मामले पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर है. ऊपर से 2024-25 में बिजली के उत्पादन के लिए एक बिलियन टन कोयला जलाया गया. इससे धरती का तापमान और बढ़ रहा है. इन्हीं सबका नतीजा है कि 2012 से 2021 के बीच भारत में हीटस्ट्रोक से लगभग 11,000 लोगों की मौत हो चुकी है.
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Source: IOCL






















