वित्त मंत्रलाय का सिर्फ 'वो' एक बयान और क्यों भरभरा कर गिरा पेटीएम का शेयर, 10 प्रतिशत फिसला
फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जारी 11 जून की सफाई में कहा गया कि यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर या फिर किसी तरह का यूपीआई ट्रांजेक्शन लागू नहीं होगा.

PayTM Share Falls: वित्त मंत्रालय की तरफ से एक स्पष्टीकरण दिया गया कि यूपीआई के किसी भी ट्रांजेक्शन पर एमडीआर यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट नहीं चार्ज किया जाएगा. मंत्रालय की तरफ से ये बयान आते ही पेटीएम के शेयर नीचे गिर गए. वन97 कम्युनिकेशंस, पेटीएम की पैरेंट कंपनी है. लेकिन, वित्त मंत्रालय के उस बयान के बाद पेटीएम के शेयर में 10 प्रतिशत बड़ी गिरावट गुरुवार को देखने को मिली है.
बीएसई पर गुरुवार को पेटीएम का शेयर 6.13 प्रतिशत गिरकर 901.30 पर आ गया है. इससे पहले साल 2024 में 17 दिसंबर को पेटीएम के शेयर 1063 रुपये तो वहीं पिछले साल की 12 जून को ये 376,85 रुपये पर आ गए.
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
दरअसल, कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आयी, जिसमें ये दावा किया जा रहा था कि बैंकों और पेमेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर की मदद के लिए 3000 या फिर इससे ज्यादा लेन-देन पर सरकार एमडीआर लागू करने की सोच रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि बैकों को मर्चेंट टर्नओवर के बदले ट्रांजेक्शन वैल्यू पर एमडीआर लगाने की वित्त मंत्रालय की तरफ से मंजूरी दी जा सकती है. इसी कारण से पेटीएम का शेयर उछला और रिकॉर्ड 978 तक पहुंच गया.
फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जारी 11 जून की सफाई में कहा गया कि यूपीआई लेन-देन पर एमडीआर या फिर किसी तरह का यूपीआई ट्रांजेक्शन लागू नहीं होगा. साथ ही, दावों को भ्रामक और पूरी तरह से गलत करार दिया गया. शेयर बाजार बंद होने के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से ये स्पष्टीकरण जारी किया गया था.
गौरतलब है कि बैंक की तरफ से रियल टाइम में पेमेंट्स की प्रोसेसिंग के लिए मर्चेंट्स से जो फीस वसूलते हैं, उसे एमडीआर कहा जाता है. सरकार की तरफ से देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए साल 2020 में एमडीआर फीस खत्म कर दी गई थी. हालांकि, इस साल सरकार से पेमेंट काउंसल ऑफ इंडिया ने दोबारा यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर जीरो एमडीआर पर पुनर्विचार करने को कहा था.
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Source: IOCL






















