By: एबीपी न्यूज वेब डेस्क | Updated at : 24 Oct 2016 11:44 PM (IST)
नई दिल्लीः टाटा समूह से बेहद चौंकाने वाली खबर आ रही है. सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है. इस फैसले के बाद रतन टाटा को 4 महीने के लिए टाटा ग्रुप का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा समूह के नए चेयरमैन की तलाश सेलेक्शन पैनल करेगा और नए चेयरमैन के आने तक रतन टाटा को अस्थाई पद पर नियुक्त किया गया है.
सायरस मिस्त्री को करीब 4 साल पहले टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर दिया गया था. 29 दिसंबर 2012 को सायरस मिस्त्री ने रतन टाटा की जगह टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभाला था. फिलहाल सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के कारण का खुलासा नहीं किया गया है. साइरस पलोनजी मिस्त्री एक भारतीय व्यापारी है जो 28 दिसंबर 2012 को टाटा ग्रुप के अध्यक्ष बने थे. सायरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के छठे अध्यक्ष हैं.
सेलेक्शन कमिटी में रतन टाटा के अलावा, उद्योगपति वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित चंद्रा, राजनयिक एवं अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत रोनेन सेन तथा वार्बिक मैन्यूफैक्चरिंग ग्रुप के संस्था एवं चेयमैन तथा भारतीय प्रबंध संस्थान खड़गपुर के स्नातक लार्ड कुमार भट्टाचार्य को रखा गया है. टाटा संस के पदाधिकारियों के सेलेक्शन नियमों के मुताबिक कमेटी को 4 महीने के अंदर नए चेयरमैन चुनने की प्रक्रिया हर हाल में पूरी करनी है.
क्यों हटाया गया सायरस मिस्त्री को? चर्चाएं हैं कि टाटा स्टील की स्थिति बहुत खराब चल रही है और इसके साथ टाटा समूह की बाकी कंपनियों के हालात भी खराब हैं जिसकी वजह से सायरस मिस्त्री को हटाया जाने की . हालांकि शेयर बाजार और इंडस्ट्री को सायरस मिस्त्री के हटाए जाने के फैसले की भनक तक नहीं थी. एक बात और है कि टाटा से जुड़ी ये बड़ी खबर स्टॉक मार्केट के बंद होने के बाद आई है तो इस खबर का असर कल टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर जरूर दिखाई देगा.
टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी टाटा स्टील के खराब होते हालातों के चलते शायद सायरस मिस्त्री की चेयरमैन पद से छुट्टी की गई है. आपको ध्यान रहे कि जब सायरस को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया उस समय भी ये काफी चौंकाने वाला मामला था. हालांकि सायरस के काम की तारीफ हुई है लेकिन फ्लैगशिप ब्रांड टाटा स्टील की खस्ता हालत को ही उनके हटाए जाने की वजह माना जा रहा है. हालांकि आधिकारिक तौर पर कुछ भी साफ नहीं बताया गया है और ये चर्चाएं बाजार सूत्रों के हवाले से हैं.
सायरस मिस्त्री को कमान देते वक्त कंपनी का कारोबार 100 अरब डॉलर था और बोर्ड ने कंपनी की बागडोर मिस्त्री के हाथ में देते हुए 2022 तक उनके लिए टाटा ग्रुप के कारोबार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का टार्गेट दिया था. लेकिन टाटा ग्रुप की उम्मीद के मुताबिक प्रोजेक्ट से रेवेन्यू नहीं आया. सायरस के नेतृत्व में टाटा ग्रुप उतनी तेज ग्रोथ नहीं दिखा पाया जितनी उम्मीदें उनसे थीं और इसे ही उनके हटाए जाने की मुख्य वजह बताया जा रहा है.
कौन हैं सायरस मिस्त्री? यहां जानिए सायरस मिस्त्री 2006 से टाटा संस के डायरेक्टर ग्रुप में शामिल थे और टाटा ग्रुप के चेयरमैन होने के साथ-साथ टाटा की समूह कंपनियों टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जगुआर लैंडरोवर ऑटोमोटिव, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर कंपनी, द इंडियन होटल कंपनी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस, टाटा कैमिकल्स, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा टेलीसर्विसेज के भी चेयरमैन थे.
सायरस मिस्त्री पहले शापूरजी पोलानजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर थे और उनकी लीडरशिप में शापूरजी पोलानजी कंस्ट्रक्शंस एक बिलियन डॉलर कंपनी बनी थी.
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