एक्सप्लोरर

क्या ईसाई बहुल मेघालय में इस बार बीजेपी अपने दम पर लहराएगी भगवा परचम?

पूर्वोत्तर के दो अहम राज्यों मेघालय और नागालैंड में सोमवार 27 फरवरी को वोटिंग होनी है. दोनों ही राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं, लेकिन मेघालय का चुनाव इस मायने में ऐतिहासिक माना जा रहा है कि बीजेपी यहां पहली बार सभी 60 सीटों पर अपने बूते ही चुनाव-मैदान में कूदी है.

70 फीसदी से ज्यादा ईसाई आबादी वाले इस राज्य में मुकाबला तो त्रिकोणीय है लेकिन बीजेपी ने यहां भगवा परचम लहराने के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी के 90 फीसदी उम्मीदवार ईसाई समुदाय से ही हैं, इसलिए सवाल है कि पूरे देश में हिंदुत्व की छवि रखने वाली बीजेपी यहां के ईसाई वोटरों में क्या इतना भरोसा पैदा कर लेगी कि सत्ता की बागडोर उसके हाथों में आ जाये?

वैसे तो 'सेवन सिस्टर्स' के नाम से मशहूर पूर्वोत्तर के सात राज्यों में छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर कांग्रेस ने ही लंबे समय तक राज किया है. लेकिन साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से ही बीजेपी ने इन राज्यों में अपने पैर जमाने की जो कोशिश की है, उसका ही नतीजा है कि आज असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में उसकी अपनी सरकार है. जबकि मेघालय और नागालैंड में वो गठबंधन के साथ अब तक सत्ता में थी. मेघालय में नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली सरकार थी जिसमें स्थानीय यूडीपी और बीजेपी के साथ अन्य दल शामिल हैं. एनपीपी के नेता कोनराड संगमा फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री हैं. वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष दिवंगत पीए संगमा के बेटे हैं. वही संगमा जिन्होंने शरद पवार के साथ कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी. लेकिन इस चुनाव में एनपीपी,यूडीपी और बीजेपी तीनों एक साथ नहीं बल्कि एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन अब बीजेपी ने गठबंधन से नाता तोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का जो फैसला लिया है,उसे लेकर कुछ सियासी विश्लेषक मानते हैं कि यह उसके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

जहां तक मुद्दों की बात है, तो मेघालय चुनावों में अन्य मुद्दों के अलावा एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है, ईसाई बनाम गैर ईसाई का है. खासकर खासी पहाड़ी क्षेत्रों में इसका असर कुछ ज्यादा है. यही मुद्दा बीजेपी के ख़िलाफ़ एक साइलेंट फैक्टर बन सकता है.हालांकि पार्टी ने इसका जवाब देने के लिए ही 90 फीसदी सीटों पर ईसाइयों को ही उम्मीदवार बनाकर विपक्ष के इस आरोप को धोने की कोशिश की है कि बीजेपी ईसाई विरोधी नहीं है.

लेकिन मुख्य विपक्षी तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ,बीजेपी की हिंदुत्व राजनीति को सबसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. पर बीजेपी भी इस ईसाई विरोधी नैरेटिव का लगातार जवाब देते रही. उसके चुनाव प्रचारक आक्रामकता में भी पीछे नहीं रहे. मसलन, एलेक्जेंडर हेक शिलांग से पांच बार से बीजेपी विधायक हैं. वे विपक्ष के इस आरोप पर कहते हैं, "अन्य राजनीतिक दल कह रहे हैं कि बीजेपी केवल हिंदुओं की पार्टी है. मैं खुद एक ईसाई हूं. मैं 1996 से बीजेपी में हूं. मैं 1998 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा हूं और पांच बार जीता हूं. बीजेपी में मैं ईसाई हूं और मैं ईसाई रहूंगा."

राज्य के कुछ राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि ईसाई बनाम गैर ईसाई का मुद्दा शायद अब इतना बड़ा नहीं रहा कि बीजेपी को उसका ज्यादा नुकसान हो. द शिलॉन्ग टाइम्स' की संपादक और लेखिका पेट्रीसिया मुखिम को लगता है कि आरएसएस और बीजेपी कई सालों से पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय है और पार्टी के 'ईसाई-विरोधी' होने की धारणा अब यहाँ काफी 'कमजोर' हो चुकी है. उनके मुताबिक "हमें यह भी याद रखना होगा कि आरएसएस इस क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहा है. कई लोगों को यह भी पता नहीं है कि वे दो दशक से अधिक समय से चुपचाप यहां काम कर रहे हैं. कई संघ कार्यकर्ता यहां रहते हैं, स्थानीय भाषा बोलते हैं और ख़ासकर ग्रामीण इलाकों में जनजातीय समुदाय के लोगों की मदद करते हैं. इसलिए मुझे लगता है कि बीजेपी ईसाइयों के ख़िलाफ़ है, यह धारणा अब कमजोर हो चुकी है."

उधर,नागालैंड में भी बीजेपी ने पांच साल पुराने अपने गठबंधन के साथ दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगाया है.वहां सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. चुनाव प्रचार खत्म होने के आखिरी दिन दीमापुर में हुई पीएम की रैली में उमड़ी भीड़ को गठबंधन की वापसी का संकेत माना जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा था कि यहां BJP-NDPP सरकार के लिए इतना समर्थन आज इसलिए है, क्योंकि हम नॉर्थ ईस्ट के तेज विकास का संकल्प लेकर दिन-रात काम कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के शासन काल में नागालैंड को लेकर हमेशा राजनीतिक अस्थिरता रही है और राज्य सरकार को दिल्ली से रिमोट से चलाया गया क्योंकि दिल्ली में फैमिली फर्स्ट की सोच थी. उन्होंने ये भी कहा कि नॉर्थ ईस्ट को कांग्रेस के नेताओं ने जेब भरने के लिए केवल एटीएम ही समझा है. 

वैसे नागालैंड में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को मिलाकर 12 राजनीतिक दल मैदान में हैं. लेकिन गठबंधन का मुख्य मुकाबला कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट के बीच ही होता दिख रहा है.कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. हालांकि आरजेडी, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित अन्य दल भी मैदान में हैं. साथ ही नागालैंड में 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget