एक्सप्लोरर

New Year 2021: नए साल में नया क्या होगा? बहुत कुछ बदलेगा लेकिन रफ्तार बहुत धीमी होगी

साल 2020 तो जैसे तैसे आपने काट दिया लेकिन अगला साल कैसा होगा. कुल मिलाकर नये साल में बहुत कुछ बदलेगा लेकिन बदलने की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है.

पिछला साल तो जैसे तैसे आपने काट दिया लेकिन अगला साल कैसा होगा. क्या कोरोना का टीका आपको लग जाएगा. क्या गई नौकरी वापस आ जाएगी. क्या देश की इकोनामी पटरी पर आएगी. क्या आप मनपंसद की गाड़ी इस साल खऱीद पाएंगे. ऐसे ही कुछ सवाल आपके दिल में उठ रहे होंगे. जवाब तलाशते हैं. इस साल बेरोजगारी दर 27 परसेंट रही. करीब बारह करोड़ लोगों की नौकरी गयी. लेकिन इस साल के लास्ट कवार्टर में बेरोजगारी दर घटकर सात परसेंट पर आ गयी. इससे पहले के कवार्टर में 21 परसेंट थी यानि लोगों को वापस नोकरियां मिल रही हैं. कहा जा रहा है कि जो 12 करोड़ नोकरियां गयी उनमें से भी आठ करोड को दोबोरा काम मिल गया. यही सिलसिला जारी रहा तो आप उम्मीद कर सकते हैं कि अगले साल बेरोजगारी दर और ज्यादा कम होकर पांच परसेंट तक आ सकती है. यानि अच्छी खबर.

लेकिन यह काम इतना आसान नहीं होगा. भारत में हर साल 80 लाख से एक करोड़ नये मजदूर बाजार में आ जाते हैं. अब वोकल फॉर लोकल की जो बात हो रही है या फिर जो पैकेज छोटे मीडियम उदयोगों के लिए दिया गया है, मेक इन इंडिया का जो नारा दिया जा रहा है उससे बहुत काम चलने वाला नहीं है. हालांकि जानकारों का कहना है कि कोरोना काल में वर्क फ्राम होम का चलन बड़ा. दफ्तर से बाहर काम करने का भी चलन बढ़ा.यह सिलसिला जारी रहने वाला है. इससे कंपनियौं को फायदा हुआ है लेकिन ओवरआल रोजगार देने में कामयाबी नहीं मिली है. तो कुल मिलाकर यह साल कुछ राहत तो देगा लेकिन सबके दुख दूर नहीं ही हो पाएंगे.

यहां सुझाव दिया जा रहा है कि कोरोना में गांव लोटे मजदूरों को भी प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाना चाहिए. इसका एक फायदा यह होगा कि जो मजदूर वापस शहर जाने से डर रहे हैं उनमें आत्मविस्वास आएगा और वह वापस लौट सकेंगे. वैसे भी जानकारों का कहना है कि शहरों से भी गांव लौटने वालों का सिलसिला भी हालात सामान्य नहीं होने तक जारी रहेगा. ऐसे मजदूरों को भी पहले टीका लगा दिया जाए तो शहरों से गांवों और गांवों से शहरों में कोरोना फैलने की एक आशंका तो खत्म होगी. मेरी नजर में यह बड़ा व्यवहारिक सुझाव है. इस पर भारत सरकार को जरुर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.

विकास दर बढ़ेगी

इस साल पहले कवार्टर में इकोनामी माइनस 24 परसेंट रही. दूसरे कर्वाटर में सुधार आया. 7.5 परसेंट माइनस में आ गयी. कहा जा रहा है कि 31 मार्च को जब फाइनेंशियल ईयर खत्म होगा तो इकोनामी की विकास दर या तो प्लस में रहेगी या जीरो के आसपास. दोनों ही सूरत में ये माइनस 24 परसेंट से तो ठीक ही रहेगी. यानि अच्छी खबर. सेसेक्स की अब बात करते हैं. मार्च में जब लाकडाउन लगाया गया था तो सेंसेक्स 35 परसेंट टूटा था. ये घटकर 25981 पर था लेकिन साल के अंत में ये बढकर 47 हजार के पार पहुंच गया कुल मिलाकर 81 परसेंट की उछाल. अब कहने को जानकार कह रहे हैं कि इसका भारतीय बाजार से उतना लेना देना नहीं था जितना कि विदेशी कारणो का. अब कारण चाहे जो रहे हों शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को फायदा हुआ.

भारत में कोरोना पीडित एक करोड़ पार कर चुके हैं. मरने वालों की तादाद भी डेढ़ लाख के आसपास है. कुल मिलाकर भारत अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरे नंबर का देश है जहां कोरोना की सबसे ज्यादा मार पड़ी. लेकिन भारत में हैल्थ सैक्टर पुरातन काल में था. कोरोना ने सीख मिली. आमतौर पर टीका यानि वैक्सीन बनने में आठ साल लगते हैं लेकिन आठ महीनों में ही टीका बन गया और लगने की प्रक्रिया भी शुरु हो गयी. भारत में बेड की संख्या एक लाख 70 हजार थी जो बढ़कर 15 लाख हो गयी. आईसीयू बेड 22 हजार थे जो 80 हजार हो गये. वेंटिलेटर की संख्या तीस हजार से बढ़कर 70 हजार हो गयी. भारत पीपीई किट बनाने वाला दुनिया का दूसरा बड़ा देश बन गया. हर रोज दो लाख पीपीई किट बनाए जा रहे हैं. टेलीमेडिसन पर निभरता 21 परसेंट से बढ़कर 43 परसेंट हो गयी. योग और आयुर्वेद की तरफ लोगों का रुझान बड़ा. योग का बाजार 9 फीसद की दर से बड़ा.यानि आपदा में अवसर निकाला गया जो निकला भी.

जानकार कह रहे हैं कि इकोनामी सुधर रही है. मोदी सरकार को भी कड़े आर्थिक सुधार करने का मौका मिला है जिसका उसने फायदा यउठाया है. इससे भी इकोनामी को फायदा मिलेगा. लेबर ला में सुधार किये गये. किसानों के लिए तीन नये कानून बनाए गये. एयर इंडिया को बेचने के काम में तेजी आई,.उर्जा के क्षेत्र में भी सुधार के प्रपोजल है. जीएसटी में कई बदलाव किये गये हैं. अब कहा जा रहा है कि अगले फाइनेशइयल इयर में विकास दर बड़ेगी. अब ये चार फीसद की मामूली दर से आगे बढेगी या पहले की तरह सात परसेंट से ज्यादा होगी ये देखने की बात है. जानकार कह रहे हैं कि अगर आर्थिक सुधारों पर सरकार काम करती है और कुछ कड़े फैसले लेती है तो विकास दर सात से आठ परसेंट के बीच रह सकती है.

टीके से सुधार

वैसे बहुत कुछ निर्भर करेगा कि टीका लगाने में कितना पैसा खर्च होता है, टीका कितनी जल्दी लगाया जाता है और कोरोना से कितनी जल्दी हमें मुक्ति मिलती है. अभी टयूरिज्म और होटल रेस्तरां उददोग पर बहुत मार पड़ी है. अगर टीका लगता है तो ये सैक्टर खुलेंगे. ये सैक्टर खुलेंगे तो भारी मात्रा में रोजगार मिलेगा और इकोनामी में नई जान आएगी. कहा जा रहा है कि सरकार को चाहिए कि पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ साथ होटल और पर्यटन क्षेत्र के लोगों को भी पहले टीका लगा देना चाहिए ताकि इस सैक्टर का आत्मविश्वास बढ़े. ये सैक्टर करोड़ो लोगों को रोजगार देता है. आठ दस महीनों से घरों में बैठे लोग बुरी तरह बोर हो चुके हैं. घूमने फिरने का सुरक्षित माहौल में मौका मिलेगा तो लोग घरों से निकलेंगे. इससे एवीएशन, रेलवे, बस सर्विस सबकों फायदा मिलेगा.

रेस्तरा होटल खुलेंगे तो लोग चाहिए होंगे. सब्जी दूध मीट चिकन फल पहूंचाने वाले.ग्राहकों को सर्विस देने वाले.होटल से लाल किले ताजमहल ले जाने वाली बसें चाहिए.खाना बनाने वाले चाहिए.खाना परोसने वाले चाहिए.सफाई करने वाले चाहिए.यानि बड़ी सख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा जो अभी ठाले बैठे हुए हैं या गांवों में मनरेगा में काम करने को मजबूर हैं.

लेकिन जहां तक हवाई यात्रा की बात है तो लगता है कि कुछ समय और इंतजार करना पड़ सकता है. अभी भी बहुत से एयरपोर्ट बंद है. एक दूसरे को विशेष उड़ान की सुविधा देने का काम चल रहा है. भारत का 23 देशों के साथ एयर बब्बल है यानि दोनों देशों के बीच हवाई जहाज उडड रहे हैं कुछ शर्तों के साथ. जानकारों का कहना है कि टीका लगने का काम शुरु होने के साथ ही इस क्षेत्र में रियायतें देखने को मिल सकती है लेकिन इसके लिए कम से कम तीन चार महीनों का इंतजार रहेगा. पिछले साल भारतीय एवीयशन कंपनियों को कुल मिलाकर चार बिलियन डालर का नुकसान हुआ. यही सिलसिला इस साल भी जारी रह सकता है. भारत में घरेलु उड़ानों पर बहुत से रोक को हटाया गया है. एवियशन इंडस्ट्री का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अतंरराष्टीय स्तर पर भी शर्ते कुछ आसान की जायेगी.

गाड़ियों की चाहत 

मैंने आपसे पूछा था कि नये साल में आप कौन सी गाड़ी लेना पसंद करेंगे. जानकारों का कहना है कि पिछला साल जितना खराब रहा उतना आने वाला साल नहीं होने वाला है. कोरोना ने निजी गाड़ी के महत्व को सामने रखा है. लोग पूल में जाना पसंद नहीं करते हैं, टैक्सी में बैठने से कतराते हैं, एक गाड़ी में तीन चार के बैठने से डरते हैं. इस हिसाब से देखा जाए तो कोरोना से उबरने के साथ ही लोग खुद की गाड़ी लेना पसंद करेंगे. पसंद कर भी रहे हैं. एसयूवी और बड़ी सेडान गाड़ियों की हम बात नहीं कर रहे हैं फिलहाल तो बात हो रही है कि एन्ट्री लेवल गाडियों की. जानकार कहते है कि पहले चरण में इनका बाजार सुधरेगा. लाकडाउन हटने के बाद ऐसी तेजी दिखाई भी दी थी. गांव में कारों की संख्या बड़ा क्योंकि शहरों के मुकाबले गांवों में विकास दर ज्यादा रही, मानसून अच्छा रहा तो फसल अच्छी हुई. सरकार ने भी एमएसपी पर फससों की खऱीद ज्यादा की. कार कंपनियों ने भी भी अपनी रणनीति बदली. नई ओनरशिप स्कीम चालू की जिसका फायदा मिला. जानकार कहते हैं इस सालघऱेलु बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग का ब़ढ़ना तय है. कहा जा रहा कि मौजूदा वित्तीय साल में 23 लाख गाड़ियां बिकेंगी और अगले साल 28 लाख. इसी तरह एसयूवी की बिक्री भी ज्यादा होगी लेकिन संख्या का अनुमान कोई लगा नहीं पाया है.

कोरोना काल में मनोरंजन क्षेत्र में उतार चढ़ाव देखे गये हैं. मल्टीपलेकस में जाकर फिल्म देखना बंद हुआ, फिल्म उद्योग को पाच हजार करोड़ड का घाटा हुआ. पिछले साल 155 करोड़ रुपए के टिकट बेचे गये थे कोरोना काल में इसमें 90 परसेंट की कमी आई. लेकिन मनोरंजन का नया रास्ता भी निकाला गया. अब आप घर बैठकर ओटीटी (ओवर द टाप) प्लेटफार्म पर फिल्म देख सकते हैं और देख रहे हैं. अब तो शायद आप लोगों को घर में बैठकर या फिर मोबाइल पर फिल्म देखने की आदत हो गयी होगी. नहीं हुई तो आदत डाल लिजिए क्योंकि सिनेमा घर खुलने में अभी समय लग सकता है जब सामान्य माहौल में आप बैठकर फिल्म का आनंद ले सकें.

तो कुल मिलाकर नये साल में बहुत कुछ बदलेगा लेकिन बदलने की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है. सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि आपको टीका कब कितनी जल्दी लगता है और कोरोना का प्रसार और ज्यादा कम होता है या कोरोना की कोई नई वेव नहीं आती है या कोरोना नये रुप में सामने नहीं आता है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो भी सरकार को जेब ठीली करनी ही पडेगी. लोगों की जेब में पैसा डालना ही होगा, 80 करोड़ लोगों को पांच किलों अनाज के साथ साथ एक किलो दाल हर महीने देना जारी रखना ही होगा. महिलाओं के जन धन खातोंमें पैसों की कमी नहीं रहे इसका भी ध्यान रखना ही होगा.सबसे बडडी बात है कि किसानों के आंदोलन को जल्द खत्म किया जाना जरुरी है. इसके लिए सरकार को चाहिए वो बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करे. कोरोना काल में अब तक इस आंदोलन से 14 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. ये बात सरकार को भूलनी नहीं चाहिए.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Putin India Visit: 'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
CM नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, 3 नए विभाग बनाने के निर्देश, किसे होगा फायदा?
CM नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, 3 नए विभाग बनाने के निर्देश, किसे होगा फायदा?
IndiGo Flight Cancel: संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

IPO Alert: Luxury Time IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band | Paisa Live
New Labour Code 2024: Take-Home Salary क्यों कम होगी ? Full Salary Breakdown Explained | Paisa Live
IPO Alert: Western Overseas Study Abroad Ltd. IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band|
GST का बड़ा खतरा: Property खरीदने में एक छोटी गलती और आपकी Property हो सकती है Attach| Paisa Live
India-Russia Mega Defense Deal! India को मिलेगी Russia की Nuclear-Powered Submarine

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Putin India Visit: 'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
CM नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, 3 नए विभाग बनाने के निर्देश, किसे होगा फायदा?
CM नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, 3 नए विभाग बनाने के निर्देश, किसे होगा फायदा?
IndiGo Flight Cancel: संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Year Ender 2025: साल 2025 में साउथ की फिल्मों ने चटाई बॉलीवुड को धूल,  हिंदी की दो फिल्में ही बचा पाईं लाज
साल 2025 में साउथ की फिल्मों ने चटाई बॉलीवुड को धूल, हिंदी की दो फिल्में ही बचा पाईं लाज
क्या इस भारतीय क्रिकेटर को मिला DSP सिराज से ऊंचा पोस्ट? बंगाल में ड्यूटी की जॉइन
क्या इस भारतीय क्रिकेटर को मिला DSP सिराज से ऊंचा पोस्ट? बंगाल में ड्यूटी की जॉइन
क्या आपके खाते में नहीं आई महतारी वंदन योजना की किस्त, मिनटों में ऐसे चेक कर सकते हैं स्टेटस
क्या आपके खाते में नहीं आई महतारी वंदन योजना की किस्त, मिनटों में ऐसे चेक कर सकते हैं स्टेटस
Indigo Flight: इंडिगो की फ्लाइट ने बिना दूल्हा-दुल्हन कराया रिसेप्शन, भुवनेश्वर से ऑनलाइन शामिल हुआ न्यूली वेड कपल
इंडिगो की फ्लाइट ने बिना दूल्हा-दुल्हन कराया रिसेप्शन, भुवनेश्वर से ऑनलाइन शामिल हुआ न्यूली वेड कपल
Embed widget