कप्तान विराट की दाढ़ी में तिनका!
बतौर बल्लेबाज आप कितने भी सफल हो जाएं लेकिन बतौर कप्तान आप तब तक सफल नहीं माने जाते जब तक कि विदेशी धरती पर जीत आपकी झोली में ना आए

बतौर बल्लेबाज आप कितने भी सफल हो जाएं लेकिन बतौर कप्तान आप तब तक सफल नहीं माने जाते जब तक कि विदेशी धरती पर जीत आपकी झोली में ना आए. केपटाउन में 208 का टारगेट नहीं पार कर पाई टीम इंडिया तो सेंचुरियन में एक बार फिर जान के लाले पड़े हैं. सेंचुरियन टेस्ट की ही बात करते हैं इसमें बतौर बल्लेबाज विराट सुपरहिट रहे लेकिन बतौर कप्तान उनसे एक ऐसी गलती हुईं जो नहीं होनी चाहिए थीं.
शमी से क्या शरमाना ? सेंचुरियन टेस्ट मैच के चौथे दिन मोहम्मद शमी इकलौते ऐसे गेंदबाज रहे जिनको देखकर लगा कि वो जीत के लिए उम्मीद का दामन कसकर पकड़े हैं.लेकिन बतौर कप्तान यहां विराट से एक बड़ी चूक हुई और वो चूक ये रही कि उन्होंने चौथे दिन शमी को देर से गेंद थमाई. शमी को विराट ने दिन के 12वें और पारी के 40वें ओवर में गेंद दी. शमी ने उसके बाद अफ्रीका के तीन बड़े बल्लेबाज आउट कर दिए. शमी ने गेंद पकड़ी और उसके महज 6.3 ओवर में सिर्फ 19 रन पर अफ्रीका के तीन विकेट गिर गए. तीनों विकेट शमी ने लिए लेकिन 54वें ओवर में विराट ने उन्हें फिर से हटा दिया. जबकि शमी ने अपने इस स्पैल में 3 विकेट लिए.ओवर रन विकेट 07 26 03
40 मिनट में भी नहीं मिला आराम ?
शमी ने टीम इंडिया को मैच में वापसी का रास्ता दिखाया लेकिन सिर्फ 7 ओवर बाद कप्तान ने उन्हें हटा दिया. शमी के थकने का तर्क भी यहां नहीं चलेगा क्योंकि जब कप्तान ने शमी को हटाया तो उसके दो ही ओवर बाद लंच हो गया. चलिए ये भी ठीक है. लंच 40 मिनट का होता है, उतने समय में शमी आराम करके दोबारा तरोताजा भी हो गए होंगे. लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि विराट ने शमी को दोबारा गेंद थमाई 82वें ओवर में. मतलब पूरे 28 ओवर बाद जिसमें बीच में 40 मिनट का लंच भी हुआ. हैरानी तब होगी आपको जब ये पता चलेगा कि लंच से टी के बीच शमी ने सिर्फ एक ही ओवर किया. शमी के 82वें ओवर में गेंदबाजी के बाद टी हो गया.
चाय के बाद शमी का धमाल शमी को विराट ने टी के बाद गेंद थमाई और उन्होंने टी के बाद के छठे ओवर में रबाडा को पविलियन भेजकर फिर से सफलता दिला दी. अगर लंच और चाय के बीच विराट ने शमी को ज्यादा इस्तेमाल किया होता तो हो सकता है दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका 258 तक के स्कोर तक नहीं पहुंचा होता. हो सकता है भारत को सेंचुरियन में 40 से 50 रन का टारगेट कम मिला होता, तब भारत के जीत की संभावनाएं और मजबूत होतीं. सवाल ये है कि जब आपका एक गेंदबाज लगातार अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशान कर रहा है तो फिर उसे हटाना क्यों. जब नया बल्लेबाज क्रीज पर आया तो शमी को क्यों हटाया गया? लंच के बाद शमी को फिर से ओवर क्यों नहीं फिंकवाए गए ? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो विराट से इस दौरे पर लगातार पूछे जाएंगे, कभी शमी के बहाने कभी किसी और के बहाने. दक्षिण अफ्रीका में बतौर बल्लेबाज तो विराट कमाल कर सकते हैं लेकिन बतौर कप्तान वो कितने सवाल खारिज कर पाएंगे , इसी के जवाब में विराट और उनके विजन का भविष्य तय होगा.
सेंचुरियन में कैसे टूटेगा सन्नाटा ? क्रिकेट में हर दिन इतिहास बदलता है लेकिन कई बार इतिहास ये भी बताता है कि काम होना है या नहीं. सेंचुरियन के इतिहास में जो सबसे बड़ा लक्ष्य का पीछा हुआ है वो 249 रन का हुआ है जिसे इंग्लैंड ने साल 2000 में हासिल किया था. उसके बाद सेंचुरियन में टेस्ट मैच तो कई हुए लेकिन इतना बड़ा टारगेट कभी हासिल नहीं किया किसी टीम ने.




























