पीएम मोदी से कांग्रेस क्या अब भी ये पूछेगी कि आखिर वे नेहरू को याद क्यों नहीं करते?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के भीतर व बाहर वैसे तो शुरु से ही अपने भाषणों के जरिये कांग्रेस पर हमलावर रहे हैं लेकिन तकरीबन पौने आठ साल में शायद आज ये पहला मौका था, जब उन्होंने इतिहास का सहारा लेकर कांग्रेस और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों की याद इतनी तीखी भाषा में दिलाई हो.
अक्सर कांग्रेस नेता पीएम मोदी पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि वे पंडित नेहरू की उपलब्धियों का जिक्र नहीं करते, लिहाज़ा आज लोकसभा में मोदी ने कांग्रेस की ये शिकायत दूर करते हुए अपने चिर-परिचित अंदाज़ में नेहरू का स्मरण कुछ इस तरीके से किया, जिसकी कल्पना कांग्रेसियों ने भी नहीं की होगी. नेहरू के ही पुराने भाषणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेसियों को ये याद दिलाया कि तब महंगाई जैसे अहम मुद्दे पर उनकी पार्टी के सर्वश्रेष्ठ नेता का देश के प्रति कितना असंवेदनशील नजरिया था.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने के लिए मोदी आज मानों ये ठानकर आये थे कि नेहरू-इंदिरा गांधी की सरकारों से लेकर पिछली मनमोहन सिंह सरकार की एक-एक करतूत की याद देश को दिलाना जरुरी है. महंगाई, कोरोना और मेक इन इंडिया जैसे मुद्दों पर कांग्रेसी नेताओं को कठघरे में खड़ा करते हुए पीएम मोदी ने जहां अपना आक्रामक रुप दिखाया, तो वहीं अपने भाषण में अक्सर धार्मिक ग्रंथों के श्लोक का जिक्र करने वाले पीएम मोदी ने आज अपने स्वभाव के विपरीत शेरो-शायरी का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
सत्ता से बेदखल होने के बाद भी कांग्रेसी नेताओं के अहंकार में कोई कमी न आने का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस की उस करतूत का भी खुलासा किया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने किस तरह से बेशर्मी की हदें पार कर दी थीं.
चूंकि तीन दिन बाद ही वेस्ट यूपी की 58 सीटों पर वोटिंग होनी है, लिहाज़ा मोदी ने लोकसभा के मंच का इस्तेमाल कांग्रेस पर तीखे हमले करते हुए बीजेपी के पक्ष में हवा बनाने की बेहद प्रभावी सियासी रणनीति को भी अंजाम देने का काम कर दिखाया. कांग्रेस को इतिहास से सबक लेने की नसीहत देते हुए मोदी ने विपक्षी पार्टी पर इतना बड़ा हमला शायद पहले कभी नहीं किया होगा.
उन्होंने कहा कि "कांग्रेस के बयानों, उनके कार्यक्रमों और जिस प्रकार से आप बोलते हैं, जिस प्रकार से आप मुद्दों को जोड़ते हैं, उससे ऐसा लगता है कि आपने (कांग्रेस ने) मन बना लिया है कि आपको 100 साल तक सत्ता में नहीं आना है. आपने तय कर लिया 100 साल तक नहीं आना, तो मैंने भी कर लिया है."
हालांकि सख्त रुख अपनाने वाले पीएम मोदी ने आज सदन के गंभीर माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए एक शायरी का भी सहारा लिया, तो वहीं कई मौकों पर हंसते हुए कांग्रेस के हर आरोप का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई साथियों ने खूब शेरो-शायरी की है. अब मैं भी कुछ उसी अंदाज में बोलना चाहता हूं-
"वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ
नहीं मानोंगे तो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे,
जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ देंगे
वो मगरूर है खुद की समझ में बेइंतहा,
इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आइने को भी तोड़ देंगे"
लेकिन महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस जिस तरह से मोदी सरकार को लगातार घेरती आई है, उसका जवाब देने के लिए पीएम आज कुछ ऐसा होम वर्क करके आये थे, जिसके बाद कांग्रेसी सदस्यों के पास सिवा खामोश रहने के और कोई चारा नहीं था. पीएम मोदी ने नेहरू के लाल किला से दिए गए भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि, "जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि, कभी-कभी कोरिया में चल रही लड़ाई भी हमें प्रभावित करती है. इसके चलते वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है और ये हमारे नियंत्रण से भी बाहर हो जाती है. देश का पहला प्रधानमंत्री देश के सामने अपने हाथ खड़े कर देता है. पंडित नेहरू आगे कहते हैं कि, अगर अमेरिका में कुछ हो जाता है तो उसका भी वस्तुओं की कीमत पर असर पड़ता है."
पीएम मोदी ने कहा कि, दुर्भाग्य ये है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है. देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं.
कांग्रेसी नेताओं के अहंकार पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, "इतने चुनाव हारने के बाद आपके (कांग्रेस) 'अहंकार' में कोई बदलाव नहीं आया है. कोरोना काल में कांग्रेस पार्टी ने सारी हदें पार कर दीं. पहली लहर के दौरान, जब लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे थे, दिशानिर्देश, सुझाव दे रहे थे कि लोग जहां हैं वहीं रहें, तब कांग्रेस मुंबई स्टेशन पर खड़ी थी और निर्दोष लोगों को डरा रही थी. तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े रहकर मुंबई के प्रवासी श्रमिकों को वहां से जाने के लिए उनको टिकट दिया गया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया गया." मोदी के इस भाषण के बाद कांग्रेस का कोई समझदार नेता शायद अब ये आरोप लगाने की हैसियत में नहीं रहेगा कि पीएम मोदी आखिर अपने भाषणों में नेहरू को याद क्यों नहीं करते?
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