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म्यांमार से सटा, उत्तर में चीन और उग्रवादियों का एक्टिव समूह... सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण मणिपुर में जल्द हो शांति
![म्यांमार से सटा, उत्तर में चीन और उग्रवादियों का एक्टिव समूह... सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण मणिपुर में जल्द हो शांति Manipur has immense potential and it is very sensitive as far as security is concerned from china and myanmar view म्यांमार से सटा, उत्तर में चीन और उग्रवादियों का एक्टिव समूह... सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण मणिपुर में जल्द हो शांति](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/22/73480bb0486b22009a7122b264f459ef1687437283731120_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मणिपुर पिछले डेढ़ महीने से लगातार जल रहा है. यहां करीबन 100 लोगों की मौत हुई है. हजारों विस्थापित हुए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर विचार-विमर्श करने के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बारे में गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार (21 जून) को बयान जारी किया गया था. हालांकि, सोनिया गांधी ने आज गुरुवार यानी 22 जून को एक वीडियो बयान जारी कर मणिपुर में शांति की अपील की, लेकिन उनके बेटे और बर्खास्त सांसद राहुल गांधी ने इसे बेहद देर से आया, बेहद कम उपाय बताया. ममता बनर्जी ने भी कहा कि बहुत देर हो गयी है, लेकिन बैठक में उनकी पार्टी तृणमूल की तरफ से डेरेक ओ ब्रायन जाएंगे.
करीब 50 दिन पहले राज्य में मेइती और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी. मेइती समुदाय अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग कर रहा है, जिसके विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था. उसके बाद झड़पें शुरू हो गई थीं.
सामरिक लिहाज से अहम है मणिपुर
सामरिक लिहाज से मणिपुर अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इसकी लोकेशन ही ऐसी है. यह बर्मा से सटता है, इसके उत्तर में चीन है. यहां कई दशकों से इनसर्जेन्सी और काउंटर-इनसर्जेन्सी ऑपरेशन्स चलते रहे हैं. पहले यहां मैतेई, नगा, तांखुल नागा वगैरह भी ऑपरेट करते हैं. हम लोग नगालैंड में, मिजोरम में शांति ले आए, क्योंकि वहां एक ही पार्टी थी जो काम कर रहे थे, लेकिन यहां इतने सारे समूह हैं, नगा, कुकी, मैतेई और फिर मैतेई में इतने सारे छोटे-छोटे समूह हैं. जो हमारी चतुराई पिछली सरकारों की थी, इनकी तोड़ो, इनको बांटो तो अब परेशानी ये है कि कोई ऐसा ग्रुप नहीं है, जिनसे हम शांति के लिए बात कर सकें.
बर्मा से भी बहुत सारे विद्रोही यहां आ गए हैं और वे भी अब इस समस्या में अपनी दखल दे रहे हैं. प्रॉब्लम ये है कि जब कुकी को कोर्ट की तरफ से रिजर्वेशन मिल गया था तो उसके जवाब में बवाल खड़ा हो गया था. कुकी-नागा के साथ जो मैतेई हैं, वहीं दंगे शुरू हो गए. अब मणिपुर जल रहा है और 100 से अधिक लोग इसकी भेंट चढ़ चुके हैं. पिछले दस-बीस वर्षों की जो भी कमाई थी हमारी, शांति की, वह सब कुछ अब दांव पर है. यह बहुत सेंसिटिव प्रदेश है और अगर हम उत्तर-पूर्व को विकसित करना चाहते हैं तो मैतेई बहुत ही ऊर्जावान समुदाय है. खेल में, गेम्स में, ये बहुत आगे हैं. एथलेटिक समुदाय है ये और जब तक शांति नहीं आएगी, तो यहां कभी कुछ नहीं हो पाएगा.
विकास के बिना पूर्वात्तर का विकास बाधित
ये बहुत बड़ा सुरक्षा का मसला है. संवेदनशील बात है. जब तक शांति स्थापित नहीं होगी, बहुत दिक्कत है. रोजमर्रा के काम हो सकें, डेवलपमेंट के जो कुछ भी काम जो बहुत तेजी पकड़ रहे थे, वो भी बाधित हो गए हैं. यहां तो उल्टे बांस बरेली को हो गया. जो भी विकास हुआ था, वह आग में फूंकी जा रही है. बसें, गाड़ियां, दुकानें सब आग के हवाले हो रही है. तो, ये हमने बहुत खतरनाक स्थिति पैदा कर ली है. इसको रोकना अनिवार्य है.
जब भी कहीं ऐसे संवेदनशील इलाके में दंगा भड़कता है, तो जो भी आतंकी समूह हैं, इनसर्जेंट ग्रुप्स हैं, वे एकदम से कूद पड़ते हैं और फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. हवा देने की कोशिश करते हैं, आग में घी डालने की कोशिश करते हैं.
वे अभी मणिपुर में यही कर रहे हैं और उनको तुरंत प्रभाव से रोकना वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है. वहां जो विविधता है, जो बहुतेरे समूह हैं, वह बहुत दिक्कत वाली स्थिति पैदा कर देती है. अगर एक बार नस्ली हिंसा शुरू हो जाए, तो फिर वह बहुत तेजी से आग पकड़ती है. यहां कहना होगा कि स्टेट गवर्नमेंट की भी असफलता है कि वह पहले से अनुमान नहीं लगा सके पहले से स्थिति को भांप नहीं सके. हालांकि, अब उनको लॉ एंड ऑर्डर बहाल करने के लिए पूरी तरह क्रैकडाउन करना बहुत जरूरी है. अब पुलिस की वहां 17 राइफलें लूट ली गयीं. राज्य सरकार अपील कर रही है कि वे हथियार वापस सौंप दें. अब, ये भी है कि जहां हथियार फैलेंगे, वहां अराजकता होगी.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]
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