BLOG: पीके से मिल कर ममता बंगाल में बीजेपी को रोकना चाहती हैं
ममता बनर्जी से भेंट के बाद पीके ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अगले महीने से वे मिशन बंगाल पर काम शुरू कर देंगे.

प्रशांत किशोर अब ममता बनर्जी के लिए काम करेंगे. आज उन्होंने कोलकाता में ममता से मुलाक़ात की. दो घंटे तक चली बैठक के बाद साथ साथ काम करने का फ़ैसला हुआ. बंगाल में लगातार मज़बूत हो रही बीजेपी को रोकने के लिए ममता ने प्रशांत किशोर से से संपर्क किया था. वहां दो साल बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 22 और बीजेपी को 18 सीटें मिली थीं. चुनाव बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में झगड़ों की ख़बरें लगातार आ रही हैं.
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर अब ममता दीदी को चुनावी जीत का फ़ंडा बतायेंगे. तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को वे बीजेपी से दो दो हाथ करने का गुरू मंत्र समझायेंगे. ममता बनर्जी से भेंट के बाद पीके ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अगले महीने से वे मिशन बंगाल पर काम शुरू कर देंगे. उनकी संस्था इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी इस पर होम वर्क भी करने लगी है. अगले हफ़्ते तक आईपैक के लोग बंगाल का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट लेंगे. आँध्र प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी की शानदार जीत हुई. नतीजे के तुरंत बाद जगन और पीके के गले मिलने की फ़ोटो सोशल मीडिया में ख़ूब वायरल हुई थी. प्रशांत किशोर और उनकी टीम पिछले दो सालों से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रही थी.
पिछले कई सालों से परदे के पीछे रह कर काम करने वाले प्रशांत किशोर अचानक एक्टिव्स पॉलिटिक्स में आ गए थे. उन्हें जनता दल यूनाइटेड पार्टी में उपाध्यक्ष बनाया गया. नौजवानों को पार्टी से जोड़ने का काम पीके ने शुरू किया. लेकिन जेडीयू के कुछ बड़े नेताओं को पीके का काम पसंद नहीं आया. प्रशांत किशोर के बढ़ते राजनैतिक ताक़त के ख़िलाफ़ पार्टी के नेता गोलबंद हो गए. अपने कुछ बयानों को लेकर भी पीके विवादों में रहे. नीतीश कुमार और उनके बीच दूरियाँ बढ़ने लगीं. नीतीश ने यह कर सबको चौका दिया कि अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने प्रशांत को पार्टी में लिया.
जेडीयू में बढ़ती तनातनी के बीच प्रशांत किशोर ने अचानक पटना छोड़ दिया. वे आँध्र प्रदेश पहुँच गए. जेडीयू अब तक उन्होंने छोड़ी नहीं है. तो क्या पार्टी में रह कर ही वे ममता बनर्जी के लिए काम करेंगे. बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए में जेडीयू भी है. तो फिर सवाल ये है कि क्या एनडीए में रहते हुए प्रशांत किशोर तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करेंगे. बंगाल में बीजेपी ने ममता बनर्जी के लिए ख़तरे की घंटी बजा दी है. बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. हाल के लोकसभा चुनाव के नतीजों के हिसाब से टीएमसी को 171 सीटें मिल सकती हैं. जो बहुमत से 23 अधिक है. इसी फ़ार्मूले पर बीजेपी को 116 सीटें मिल सकती है. जिस बंगाल में बीजेपी का कोई नामलेवा नहीं होता था, उसी बंगाल में अब सिर्फ़ बीजेपी की चर्चा होती है. अमित शाह की अगुवाई में पार्टी ने हर हाल में बंगाल में सरकार बनाने का एलान किया है.
कभी वंदे मातरम तो कभी जय श्री राम के नारों को लेकर ममता बनर्जी विवादों में हैं. जय श्री राम नारे लगाने वालों को उन्होंने गिरफ़्तार करवा दिया था. ममता बनर्जी लगातार बीजेपी के एजेंडे में फँसती जा रहीहैं. इसीलिए उन्होंने प्रशांत किशोर को याद किया. समझा जाता है कि ममता बनर्जी बिहार के फ़ार्मूले पर बंगाल में चुनाव लड़ना चाहती हैं. जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन ने 2015 के चुनाव में बीजेपी को धूल चटा दिया था. तब प्रशांत किशोर ही गठबंधन के रणनीतिकार हुआ करते थे.उस चुनाव में मुस्लिम नेताओं को परदे के पीछे रखा गया था. बीजेपी ध्रुवीकरण न करा पाये, गठबंधन इस कोशिश में कामयाब रही. ममता अब पीके की मदद से बंगाल में बीजेपी को रोकने की जुगत में हैं.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)




























