एक्सप्लोरर

लाडली बहना चली तो बीजेपी सरकार बनायेगी वरना उखड़ जायेगी ....

शायद पहला मौका है जब पांच साल में एक बार होने वाली वोटिंग के परिणामों को जानने के लिये पंद्रह दिन से ज्यादा का इंतजार करना होगा. बैचेनी इसलिये और बढ रही है कि वोटिंग के बाद होने वाले एग्जिट पोल के रिजल्ट भी सभी राज्यों में चुनाव निपटने के बाद यानिकी 30 नवंबर को ही आयेंगे.

ऐसे में फिर वो सवाल उठना लाजिमी है कि वोटर ने किसको जिताया है और किसको हराया है, किसकी सरकार बनेगी तीन दिसंबर के बाद और कौन बनेगा मुख्यमंत्री. इन सवालों को सुलझाना आसान तो नहीं हैं मगर यदि सुलझा नहीं पाये तो किस बात के पत्रकार जो इतना घूमते फिरते और नेता जनता के संपर्क में रहने का दम भरते हैं. आचार संहिता के बाद के महीने भर के प्रचार अभियान के मुद्दों और रैलियों को देखने के बाद लगता है कि ये चुनाव बिना किसी लहर का चुनाव रहा.

हालांकि दोनों दलों ने कोई कसर नहीं छोड़ी मतदाता के दिमाग में नये नये मुद्दे भरने की. पीएम मोदी की एक दिन में तीन तीन होने वाली विशाल रैलियां तो राहुल प्रियंका की सभाएं भी कम नहीं हुयीं. राष्ट्रीय नेताओं को छोड दें तो भी बीजेपी से शिवराज और कांग्रेस से कमलनाथ ने भरपूर सभाएं प्रदेश भर में की. मगर कोई ऐसा मुद्दा उभर कर नहीं आया जिससे पूरा चुनाव उसके इर्द गिर्द घूमता दिखे. एक सौ पैंसठ सभाएं करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज अपनी लाडली बहनों और लाडली लक्ष्मी के भरोसे रहे तो कमलनाथ पुरानी सरकार को बदलने की बात करते रहे. कह सकते हैं कि ये चुनाव लाडली बहना विरूद्व एंटी इंकम्बेंसी या सरकार विरोध रहा.
मतदान के बाद आये आंकडों से प्रसन्न बीजेपी ये दावा कर रही है कि बहनों ने शिवराज भैया को बढ चढ़कर वोट दिये हैं. 2018 के मुकाबले 2023 में महिलाओं की वोटिंग में जो दो फीसदी की बढोतरी हुयी है. साथ ही मध्यप्रदेश में ऐसे 34 जिले हैं जहां पर महिलाओं ने पुरूषों से ज्यादा वोट किये हैं. बीजेपी का दावा है कि प्रदेश में लाडली बहना की संख्या एक करोड 31 लाख हैं. 24 लाख लाडली लक्ष्मियां भी हैं. सरकारी संरक्षण में चल रहे स्व सहायता समूहों में भी महिलाओं की संख्या लाखों में हैं और ये सभी मिलकर मुख्यमंत्री शिवराज का बडा वोट बैंक बन गया है जो चुनाव में कतार में लगकर बीजेपी को वोट देता आया है इस बार भी लाडली बहनें अपने भैया की पार्टी को निराश नहीं करेंगी.

मगर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले ये जानना भी जरूरी है कि महिलाओं की संख्या मतदान में तो बढी है मगर पुरूष वोटों के सामने रखें तो महिला वोटरों की संख्या दो फीसदी कम है. पिछले चुनाव में भी यही आंकडा था कि कुल महिला मतदान पुरुषों के मुकाबले करीब दो फीसदी कम ही रहा. जिन जिलों में महिला मतदान ज्यादा हुआ है वहां पर सामाजिक आंकड़े देखें तो वो प्रदेश के गरीब इलाके हैं जहां पर पुरुषों के पलायन की समस्या ज्यादा है. इन इलाके के गांवों में पुरुष मतदाताओं के नाम सूची में तो दर्ज हैं मगर रोजगार के कारण रहते गांव के बाहर ही हैं. पिछली चुनाव में 54 जिले थे जहां महिला मतदान ज्यादा हुआ था उस हिसाब से इस बार ऐसे जिले कम हैं. फिर भी महिला मतदान के आंकड़े सरकार के दावों को मजबूत करते हैं और लोकतंत्र को भी.

वैसे बीजेपी के रणनीतिकार मानते हैं कि वो सीटें जो करीबी मुकाबलों में फंस गयी हैं वहां दो से तीन हजार लाडली बहनों के बढे वोट उन सीटों को बीजेपी के पक्ष में गिराकर बहुमत तक पहुंचा देंगी. वैसे बातचीत में तो मुख्यमंत्री शिवराज इस योजना को चुनावी योजना मानने को तैयार नहीं होते मगर वोटिंग के बाद देखें तो इस चुनाव में बीजेपी के पास इस योजना के अलावा उल्लेख करने लायक कुछ रहा नहीं.

हालांकि बीजेपी जब चुनाव में उतरी तो इस बात से प्रसन्न थी कि शिवराज सरकार की सोलह सरकारी योजनाओं के ढाई करोड लाभार्थी प्रदेश में हैं और ये सब चुनाव में सरकार के साथ रहेंगे. इन लाभार्थियों को बार बार अलग अलग तरीकों से याद दिलाया गया था और चुनाव के दौरान भी बीजेपी दफतरां में बने काल सेंटरों से वोट डालने जाने का आग्रह किया जा रहा था. कार्यकर्ताओं से भी दोपहर बारह बजे तक अपने वाले वोटरों को बूथ तक लाने की तैयारी थी उम्मीद थी कि इससे भी वोट प्रतिशत बढेगा और बीजेपी फायदे में रहेगी. पूरे प्रदेश में वोट प्रतिशत बढा तो मगर सिर्फ दो प्रतिशत ही जिसे उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता. ये वोट जागरूकता का बढा. बीजेपी के प्रभुत्व वाले जिलों में वोट प्रतिशत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढा ये पार्टी के लिये चिंता का कारण है.

अब बात कांग्रेस के दावों में बदलाव की लहर की करें तो चुनाव जानकार दावा करते हैं कि तीन से पांच प्रतिशत वोट प्रतिशत में बढता है तो सरकार मे बदलाव होता है 1990, 1993, 2003 में ऐसा हुआ था मगर इस बार ये प्रतिशत सिर्फ डेढ से दो प्रतिशत के आसपास ही बढा है. उसके बाद भी कांग्रेस बुंदेलखंड, बघेलखंड और ग्वालियर चंबल में अपनी सीटें बढने का दावा कर रही है. और सरकार में वापसी का दावा कर रही है.

कांग्रेस की सफलता चुनाव में यही रही कि पूरे चुनाव अभियान में कांग्रेस से कोई बडी गलती नहीं हुयी. कांग्रेस एकजुट होकर लडी और चुनाव को बीजेपी विरुद्ध कांग्रेस होने के जगह बीजेपी विरुद्ध जनता करती रही. प्रदेश में ढेरों प्रवचन बाबाओं के चलते लग रहा था कि चुनाव में हिंदू मुसलमान ध्रुवीकरण होगा मगर हिंदू राष्ट्र की पैरवी करने वाले बाबा शांत रहे और कांग्रेस ने ऐसे किसी भी प्रयास की हावी नहीं होने दिया.

इस चुनाव में सबसे दिलचस्प यह है कि बीजेपी कांग्रेस के नेताओं के दावों को छोड दें तो कोई भी जानकार और जनता ये नहीं बोल रही कि सरकार किसकी बनेगी. मगर ये लग रहा है कि लाडली बहना चली तो बीजेपी सरकार बनाने के करीब करीब पहुंच जाएगी और यदि नहीं चली होगी तो फिर बुरी तरह उखड जायेगी. 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Socialise: Jitendra Kumar, Chandan Roy, Deepak Mishra ने बताई 'Panchayat-3' की अनसुनी कहानीRicky Ponting ने भारतीय टीम का हेड कोच बनने से किया मना, BCCI ने की थी बात | Sports LIVEAaj ka Rashifal 24 May 2024 : इन 3 राशिवालों पर बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
Go Digit IPO: गो डिजिट आईपीओ की लिस्टिंग ने विराट, अनुष्का को दिया तगड़ा रिटर्न, हुआ इतने करोड़ का मुनाफा
गो डिजिट आईपीओ की लिस्टिंग ने विराट, अनुष्का को दिया तगड़ा रिटर्न
Flower Moon 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर आसमान में दिखेगा फ्लावर मून, जानिए क्या है इस दिन फूल और चंद्रमा का क्नेक्शन
बुद्ध पूर्णिमा पर आसमान में दिखेगा फ्लावर मून, जानिए क्या है इस दिन फूल और चंद्रमा का क्नेक्शन
नींबू बेचने वाला कैसे बना लखपति, 20 रुपये के लिए तरसा, आज 60 लाख महीने कमाता है ये यूट्यूबर
कभी 20 रुपये के लिए तरसा, आज 60 लाख महीने कमाता है ये यूट्यूबर
Patal Lok: पाताल लोक का रास्ता कहां से होकर जाता है,पंपापुर में कौन राज करता था?
पाताल लोक का रास्ता कहां से होकर जाता है,पंपापुर में कौन राज करता था?
Embed widget