एक्सप्लोरर

BLOG: जब औरतें चुनाव लड़ने की कोशिश न करें, तो समझिए लोकतंत्र का शोकगीत बज रहा है

आरक्षण का मुद्दा इसीलिए महत्वपूर्ण बन जाता है. इसके बिना सालों इंतजार और काम करने के बावजूद तवज्जो नहीं मिलती. किसी भी समुदाय को और औरतें भी उन्हीं में आती हैं. वैसे पूर्वोत्तर के कई राज्यों में मातृसत्ता का बोलबाला रहा है.

यह काफी हैरान करने वाली खबर है कि देश के पूर्वोत्तर में स्थित दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में पहली बार दो महिला उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया है. लोकसभा के पहले चरण के चुनावों में पूर्वोत्तर की 13 सीटें के लिए वोटिंग हुई, और इन दो राज्यों में पहली बार औरतों ने लोकसभा चुनाव लड़ा है. आप जिताएं, न जिताएं- लेकिन औरतें खुद ही प्रत्याशी न बनें, यह थोड़ा चौंकाने वाला है. लेकिन है सौ फीसदी सच. पूर्वोत्तर राज्यों के महिलाओं आंदोलनों ने कई बार देश को झकझोरा है. शादी और संपत्ति के अधिकारों को लेकर मिजो महिला आंदोलन का एक लंबा इतिहास है. इसकी कन्वीनर पी. सनखुमी को कौन नहीं जानता. इसी तरह अरुणाचल की टाइगर मॉम्स की हुंकार देश के बाकी हिस्सों में भी गूंजी है जिन्होंने राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ एक जुझारू संघर्ष किया है.

फिर भी औरतें राजनीतिक फैसलों से दूर ही रहें तो अच्छा है. इसीलिए मिजोरम में पहली बार किसी महिला ने लोकसभा की सीट पर चुनाव लड़ा है- ये हैं 63 साल की लालथलामौनी जोकि स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. दूसरी तरफ अरुणाचल में कभी कांग्रेस में रहीं जरजुम इटे ने इस बार जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा है. वैसे घोषणापत्र में इटे की पुरानी पार्टी ने महिला आरक्षण के नाम पर खूब ढोल पीटे हैं. अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की दो सीटें हैं और मिजोरम में एक. मिजोरम की एक सीट पर छह उम्मीदवार थे. औरत सिर्फ एक थी. वैसे लोकसभा के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भी हुए हैं. यहां विधानसभा की 60 सीटें हैं और इन पर 11 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है. इससे पहले 2014 में सात महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में थीं और उनमें से सिर्फ गुम तायंग दंबुक विधानसभा क्षेत्र से जीती थी. दूसरी करया बगांग को चयांगताजो से निर्विरोध चुना गया था. इस बार कांग्रेस ने पांच, भाजपा ने तीन, पीपीए और जदयू ने एक-एक महिला प्रत्याशी को टिकट दिया था. यूं विधानसभा में भेजना, एक बात है और लोकसभा में भेजना दूसरी. राष्ट्रीय पटल का महत्व अलग होता है- औरतों को वह आसानी से नहीं, मुश्किल से भी नहीं मिलता.

आरक्षण का मुद्दा, इसीलिए महत्वपूर्ण बन जाता है. इसके बिना, सालों इंतजार और काम करने के बावजूद तवज्जो नहीं मिलती. किसी भी समुदाय को- औरतें भी उन्हीं में आती हैं. वैसे पूर्वोत्तर के कई राज्यों में मातृसत्ता का बोलबाला रहा है. परिवार की मुखिया औरत, बाजार पर नियंत्रण औरत का. लेकिन यह परंपरागत बात हो गई- राजनीतिक के टेढ़े गलियारों में आदमी ही कुलांचे भरना चाहता है. जहां मुट्ठी में ताकत बंद होती है. मुट्ठी जिस दिशा में खुलती है, उस दिशा में शक्ति का सहज स्फुरण हो जाता है. ऐसी शक्ति, औरतों से बांटने की हिम्मत आदमी कतई नही कर पाता. पूर्वोत्तर भी इससे कुछ अलग नहीं है. इसीलिए सिर्फ एक असम को छोड़कर आजादी के बाद से एक भी महिला मुख्यमंत्री इस क्षेत्र में नहीं हुई. असम में कांग्रेस की सैय्यदा अनवरा तैमूर भी छह महीने ही मुख्यमंत्री रहीं. दिलचस्प बात यह है कि असम के नेशनल रजिस्टर से उनका नाम भी गायब था.

इस मसला फिर कभी... लेकिन महिला राजनेताओं को पूर्वोत्तर में लगभग किनारे ही लगाया गया है. असम की प्रबद्ध राजनीतिज्ञ सुष्मिता देव कांग्रेस की अत्यंत सक्रिय नेता हैं. भाजपा की बिजया चक्रवर्ती भी किसी से कम नहीं. ये दोनों 16 वीं लोकसभा में असम की दो सीटों का प्रतिनिधित्व करती थीं. संसद में अक्सर सवाल उठाती रहती थीं. सुष्मिता देव ने महिला विधेयकों पर अच्छी खासी बहस की है और अपने पक्ष से सबको कायल किया है. बिजया चक्रवर्ती भी स्थानीय के साथ-साथ राष्ट्रीय लेवल की वक्ता हैं. लेकिन बाकी के राज्यों को अभी महिला प्रतिनिधियों पर विचार करना बाकी है. यूं असम में लोकसभा की 14 सीटें हैं, ऐसे में दो लोकसभा सदस्य होना, ज्यादा खुशी की बात नहीं है. यह लगभग 14 परसेंट ही बैठता है. 33 परसेंट अभी सपना ही है.

वैसे मिजोरम और अरुणाचल, दोनों जगहों पर महिला वोटर, पुरुष वोटरों से ज्यादा हैं. लेकिन यह भी सच्चाई है कि मौजूदा मिजो विधानसभा में एक भी महिला विधायक नहीं है. इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय एक महिला विधायक थी जिसे सितंबर 2017 में मंत्री बनाया गया था. मिजोरम के पिछले 30 साल के इतिहास में मंत्री बनने वाली इस महिला का नाम है लालऊमपी चवांग्थू. इस बार लोकसभा की सीट के लिए लड़ने वाली लालथलामौनी ने पिछली विधानसभा में विधायक पद के लिए भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सिर्फ 69 वोट मिले थे.

इसी पर इरोम शर्मिला की उम्मीदवारी भी याद आती है. 2017 में मणिपुर विधानसभा के चुनावों में उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले थे. यूं मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह को तो चुनाव जीतना ही था, जिनके खिलाफ वह खड़ी हुई थीं. लेकिन आफ्स्पा के खिलाफ उनके 16 साल के संघर्ष का नतीजा 90 वोट हों, यह बहुत दुखद था. मणिपुर की आयरन लेडी इरोम के पक्ष में मशहूर समाजशास्त्री नंदिनी सुंदर ने कहा था, कम से कम 90 लोगों में कुछ नैतिकता और आशा तो बची थी. कथाकार मैत्रेयी पुष्पा ने सटीक विश्लेषण किया था- क्या इस राज्य में नब्बे ही औरतें थीं? नहीं, वोट इसलिए नहीं मिले क्योंकि इरोम पर किसी आका की कृपा नहीं थी, उन्होंने अपने संघर्ष के दम पर यह फ़ैसला लिया था. मगर हमारे देश की स्त्रियां अपना फैसला आज भी अपने पुरुषों पर छोड़ती हैं.

पुरुषों पर फैसला छोड़ने का ही परिणाम है कि इन दोनों राज्यों में लालथलामौनी और जरजुम को टफ फाइट करनी पड़ी. जुरजुम के खिलाफ भाजपा के गृह राज्य मंत्री किरेन रिरिजू और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी हैं. अरुणाचल प्रदेश में इससे पहले सिर्फ एक महिला ओमेन दिओरी राज्यसभा की सदस्य रही है- वह भी 1984 में. बाकी निल बटे सन्नाटा ही है. तो, पुरुषों के फैसले का ही नतीजा है कि इन दोनों राज्यों से अब तक एक भी औरत ने संसदीय चुनाव लड़ने की कोशिश नहीं की है. अब कोशिश हो रही है तो स्वागत है. ऐसी कोशिश औरतें हर जगह कर रही हैं. घर से निकलकर पढ़ने की. पढ़ने के बाद नौकरियां तलाशने की. नौकरियों में ऊंचे पदों की प्रतिस्पर्धा में शामिल होने की. मर्दों से जिरह करने की. अपनी जगह तलाशने की. फैसले लेने की, फैसले सुनाने की. घर के बाहर- घर के भीतर भी. लालथलामौनी और जरजुम की उम्मीदवारी मानो लोकतंत्र का मंगलगान है. उम्मीद है इरोम शर्मिला के बाद मतदाताओं ने पुराने शोकगीत नहीं दोहराया होगा और आदर्शवाद को एक मौका जरूर दिया होगा.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

अगर चीन और पाकिस्तान ने समंदर में दिखाई चालाकी तो खोज-खोज पनडुब्बियों को तहस-नहस कर देगा 'रोमियो', जानें कितना खतरनाक?
अगर चीन-PAK ने समंदर में दिखाई चालाकी तो पनडुब्बियों को तहस-नहस कर देगा 'रोमियो', कितना खतरनाक?
'मैं दिल्ली के लोगों से माफी मांगता हूं', प्रदूषण का जिक्र कर बोले पर्यावरण मंत्री सिरसा
'मैं दिल्ली के लोगों से माफी मांगता हूं', प्रदूषण का जिक्र कर बोले पर्यावरण मंत्री सिरसा
बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान IPL ऑक्शन में मालामाल, 9.20 करोड़ रुपये में बिके; टिम सीफर्ट को भी मिला खरीदार
बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान IPL ऑक्शन में मालामाल, 9.20 करोड़ रुपये में बिके; टिम सीफर्ट को भी मिला खरीदार
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
ABP Premium

वीडियोज

Bihar Politics: मुस्लिम लड़की चेहरे से हिजाब हटाने पर घिरे Nitish Kumar | JDU | NDA | ABP News
New Mgnrega Bill: 'राम जी' Vs गांधी...बिल पर पक्ष-विपक्ष क्यों आमने-सामने? | VB-G RAM G | BJP
हटेगा 'बापू' का नाम..संसद में शुरू हुआ नया संग्राम?
IPO Alert: KSH International IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band| Paisa Live
India में Crypto Invest: छोटे शहरों और युवा पीढ़ी का बढ़ता रुझान| Paisa Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अगर चीन और पाकिस्तान ने समंदर में दिखाई चालाकी तो खोज-खोज पनडुब्बियों को तहस-नहस कर देगा 'रोमियो', जानें कितना खतरनाक?
अगर चीन-PAK ने समंदर में दिखाई चालाकी तो पनडुब्बियों को तहस-नहस कर देगा 'रोमियो', कितना खतरनाक?
'मैं दिल्ली के लोगों से माफी मांगता हूं', प्रदूषण का जिक्र कर बोले पर्यावरण मंत्री सिरसा
'मैं दिल्ली के लोगों से माफी मांगता हूं', प्रदूषण का जिक्र कर बोले पर्यावरण मंत्री सिरसा
बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान IPL ऑक्शन में मालामाल, 9.20 करोड़ रुपये में बिके; टिम सीफर्ट को भी मिला खरीदार
बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान IPL ऑक्शन में मालामाल, 9.20 करोड़ रुपये में बिके; टिम सीफर्ट को भी मिला खरीदार
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
Aashram Season 4 कंफर्म, बॉबी देओल की सुपरहिट सीरीज की शूटिंग डिटेल्स भी आई सामने
'आश्रम S4' कंफर्म, बॉबी देओल की सुपरहिट सीरीज की शूटिंग डिटेल्स भी आई सामने
Cancer Risk In Women: इमिशन वाले ईंधन बन रहे महिलाओं में कैंसर का कारण, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
इमिशन वाले ईंधन बन रहे महिलाओं में कैंसर का कारण, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
Land Rover Village: भारत का वो गांव जहां टैक्सी में चलती है Land Rover, कहां से आई यहां इतनी अमीरी?
भारत का वो गांव जहां टैक्सी में चलती है Land Rover, कहां से आई यहां इतनी अमीरी?
Video: ट्रेन के टॉयलेट को बनाया OYO, दरवाजा लगाकर रंगरलियां मनाते कैमरे में कैद हुआ कपल- वीडियो वायरल
ट्रेन के टॉयलेट को बनाया OYO, दरवाजा लगाकर रंगरलियां मनाते कैमरे में कैद हुआ कपल
Embed widget