एक्सप्लोरर

कनाडा में भारतीय दूतावास पर खालिस्तानी प्रदर्शन लाएगा संबंधों में गिरावट, जस्टिन ट्रूडो कर रहे अपरिपक्व राजनीति

एक चीज तो बहुत स्पष्ट है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपरिपक्व बयान देने के लिए ख्यात हो गए हैं और पिछले कुछ समय से वह ऐसे बयान लगातार दे रहे हैं, जिसके पीछे कोई तथ्य नहीं है. कनाडा की सरकार कनाडा के अंदर जो चरमपंथी, कट्टरपंथी लोग हैं और जो भारत के खिलाफ लगातार षडयंत्र रच रहे हैं, भड़काऊ बयान दे रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई करने में नाकाम रही है. इस विफलता के पीछे जो कारण हैं, उन्हें ही हमारे विदेशमंत्री एस जयशंकर ने बता दिया है. वह अभी पांच दिवसीय ब्रिटेन यात्रा पर थे. उसी दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेताओं, भारतवंशी लोगों से भी मिले. उसी में एक कार्यक्रम इस विषय पर भी था कि भारत अब दुनिया को कैसे देखता है? यह कार्यक्रम इस संदर्भ में था कि बीते कुछ समय से भारत एक महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है और उसका रुख, उसका नजरिया अब मायने रखता है. एस जयशंकर उसी कार्यक्रम में इसी मसले पर अपने विचार रखते थे, जब उनसे कनाडा और भारत के संबंध और कनाडा के लगाए आरोप (कि आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ है) पर प्रश्न आए, तो उन्होंने कनाडा को चुनौती दी कि वह सबूत दे, भारत कार्रवाई करने को तैयार है.

भारत ने दिए हैं कनाडा को सबूत

भारतीय विदेशमंत्री ने फिर दोहराया कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने संसद में यह आरोप सितंबर में लगाया था, तब से भारत उनसे सबूत देने को कह रहा है और वह सबूत नहीं दे पा रहे हैं. भारत कार्रवाई को तैयार है, जांच को भी तैयार है, लेकिन फैक्ट्स और सबूत के साथ. केवल बयानबाजी से कुछ नहीं हासिल होने वाला है. दूसरी तरफ, भारत ने कनाडा को लगातार सबूत दिए हैं कि खालिस्तानी आतंकी उसके दूतावासों के लिए खतरा पेश कर रहे हैं, उसके राजनयिकों की सुरक्षा भी चिंता का विषय है. वहां धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं, एक खास समुदाय के लोगों को कनाडा छोड़ जाने की धमकी आतंकी पन्नू दे रहा है, दूतावास के सामने जो हालिया प्रदर्शन हुआ, वह भी लगातार खालिस्तानी 15 अगस्त, 26 जनवरी, ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी वगैरह को बिल्कुल ही ये काम करते हैं. वे दूतावासों पर हमला और प्रदर्शन करते हैं और यही उन्होंने आज बुधवार 16 नवंबर को भी किया.

हालांकि, कनाडा को यह समझने की जरूरत है कि आज का प्रदर्शन भले उन्होंने यह दिखाने को किया है कि वे जयशंकर के बयान का विरोध कर रहे हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कनाडा जो कर रहा है, वह आग से खेलने के बराबर है. कनाडा की इसी डांवाडोल विदेशनीति का प्रभाव इजरायल के साथ उसके संबंधों पर भी पड़ा है. एक तरफ तो वह यूएन में जो रेजोल्यूशन आता है, उसमें इजरायल का समर्थन करता है. दूसरी तरफ वह इजरायल को यह सलाह भी देता है कि हमास से संघर्ष में इजरायल 'एक्सट्रीम रेजिस्टेंस' दिखाए. जबकि ट्रूडो को यह बोलना था कि हमास ने सिविल आबादी को ढाल बना लिया है, उसके अंदर से वह हमले कर रहा है और सिविलियन की जान ले रहा है और इसके लिए हमास की निंदा होनी चाहिए. यही वजह है कि इजरायल ने भी अपने बयान में यह कहा कि ट्रूडो को समझने में शायद थोड़ी दिक्कत हुई है, वह हमास के बदले इजरायल का नाम ले गए. जो आरोप वह लगा रहे हैं, वह तो हमास को सोचने चाहिए. इजरायल तो अपनी रक्षा करेगा ही, यह उसका अधिकार है. 

भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट 

भारत का रिस्पांस आज दूतावास के बाहर की घटना पर और ओवरऑल कनाडा के साथ संबंधों पर बिल्कुल स्पष्ट और एक है. वह कनाडा को चेतावनी देता रहा है कि भारतीय राजनियकों को धमकियां मिल रही हैं, दूतावासों पर हमला और प्रदर्शन हो रहा है और अगर इन कट्टरपंथी तत्वों पर कनाडा ने अंकुश न लगाया, तो उसे भी भुगतना होगा. इसके खिलाफ ही भारत लगातार कार्रवाई करने को कहता रहा है. उसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री का वह बेतुका बयान, फिर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर जो प्रगति हो रही थी, उस पर होल्ड लगा देना, तो तब रिश्ते बिल्कुल निचाई पर चले गए. भारत ने भी प्रतिक्रिया में कार्रवाई की है. भारत ने अपने एक्शन से जताया है कि कनाडा को कुछ करने की जरूरत है. फिर, भारत लगातार सबूत दे रहा है, लेकिन कनाडा कोई सबूत नहीं पेश कर पाया है. भारत देख रहा है कि कनाडा की सरकार में खालिस्तानियों को समर्थन मिल रहा है, उनको हीरो की तरह ट्रीट किया जा रहा है. भारत कनाडा को यह भी याद दिला रहा है कि आतंकवाद का शिकार केवल भारत नहीं, कनाडा भी रहा है. 1985 के कनिष्क विमान कांड में, जब खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान को उड़ा 300 लोगों की जान ली, तो उसमें कनाडा के नागरिक सर्वाधिक थे. अब उसी खालिस्तान को कनाडा पाल-पोस रहा है, इससे अधिक अचरज की बात क्या होगी? 

कनाडा के अंदर जो ट्रूडो का विरोध हो रहा है, उसमें बहुतेरे सिख भी हैं. इसको तो कई मंचों पर दोहराया गया है और कई बार कहने की जरूरत है कि हरेक सिख खालिस्तानी नहीं है. वह जानता है जो उसने पंजाब में भुगता है, खालिस्तान के नाम पर. तो, वोटों के लिए जो ट्रूडो कर रहे हैं, वह दांव उल्टा पड़ सकता है. ठीक है कि कनाडा की संसद में भारतीय मूल के और खासकर सिख प्रभावित करते हैं, तो अभी तीन भारतीय मूल के लोग कैबिनेट मिनिस्टर हैं. ट्रूडो की सरकार अल्पमत हैं, जसमीत सिंह के समर्थन से सरकार चला रहे हैं और इसीलिए सिखों के नाम पर ये काम कर रहे हैं. इसके साथ एक बात यह भी याद रखें कि कुछ साल पहले जब कनाडा में ट्रकों की हड़ताल हुई थी और वे उनकी संसद तक पहुंच गए थे, तो ट्रूडो ने आपातकालीन शक्तियों का भी इस्तेमाल किया था. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गान करनेवाले ट्रूडो ऐसा कैसे कर सकते हैं? 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.]

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

'मैं वो वाला हुमायूं कबीर नहीं', बाबरी मस्जिद के लिए चंदा देने वाले लोग क्यों दूसरे विधायक को लगा रहे फोन, जानें अब तक कितना फंड जुटा
'मैं वो वाला हुमायूं कबीर नहीं', बाबरी मस्जिद के लिए चंदा देने वाले लोग क्यों दूसरे विधायक को लगा रहे फोन, जानें अब तक कितना फंड जुटा
इकरा हसन ने समझाया वंदे मातरम् के इन दो शब्दों का मतलब, वायरल हुआ बयान
इकरा हसन ने समझाया वंदे मातरम् के इन दो शब्दों का मतलब, वायरल हुआ बयान
Thailand Vs Indian Currency: थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
ABP Premium

वीडियोज

Parliament में आज Rahul Gandhi शुरू करेंगे बहस की शुरूआत, जानिए किन मुद्दों पर होगी बात
Parliament में आज जानिए किन मुद्दों पर होगी बात, सरकार और विपक्ष के बीच हो सकती है जमकर बहस
SIR Controversy: 'आखिरी सांस तक कोई डिटेंशन कैंप नहीं बनेगा'- Mamata Banerjee | TMC | West Bengal
Goa Nightclub Fire Case: नाइट क्लब के मालिकों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी | Breaking
UP News: धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर ब्लेड से हमला, युवती की हालत गंभीर | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'मैं वो वाला हुमायूं कबीर नहीं', बाबरी मस्जिद के लिए चंदा देने वाले लोग क्यों दूसरे विधायक को लगा रहे फोन, जानें अब तक कितना फंड जुटा
'मैं वो वाला हुमायूं कबीर नहीं', बाबरी मस्जिद के लिए चंदा देने वाले लोग क्यों दूसरे विधायक को लगा रहे फोन, जानें अब तक कितना फंड जुटा
इकरा हसन ने समझाया वंदे मातरम् के इन दो शब्दों का मतलब, वायरल हुआ बयान
इकरा हसन ने समझाया वंदे मातरम् के इन दो शब्दों का मतलब, वायरल हुआ बयान
Thailand Vs Indian Currency: थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
मीरा राजपूत के साथ शाहिद कपूर ने किया प्रैंक, फोन पर क्रैक देख गुस्से से हुईं आग बबूला!
मीरा राजपूत के साथ शाहिद कपूर ने किया प्रैंक, फोन पर क्रैक देख गुस्से से हुईं आग बबूला!
Video:
"और ले लो सेल्फी" बंदर के साथ पोज मार रही थी पापा की परी, तभी हो गया हमला- वीडियो वायरल
Most Venomous Snake: यह है दुनिया का सबसे जहरीला सांप, एक बूंद जहर भी है जानलेवा
यह है दुनिया का सबसे जहरीला सांप, एक बूंद जहर भी है जानलेवा
UPSC ने खोला सुनहरा मौका! ट्रेडमार्क्स-जीआई एग्जामिनर और डिप्टी डायरेक्टर के पदों पर बड़ी भर्ती
UPSC ने खोला सुनहरा मौका! ट्रेडमार्क्स-जीआई एग्जामिनर और डिप्टी डायरेक्टर के पदों पर बड़ी भर्ती
Embed widget