एक्सप्लोरर

कारगिल विशेष : शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का आखिरी वादा ‘जंग जीत कर तिरंगा लहराता आऊंगा, या उसे ओढ़ कर लौटूंगा’

कारगिल युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ था, जब स्थानीय चरवाहों ने सूचना दी कि पाकिस्तानी घुसपैठिये भारतीय सीमा में घुस आए हैं. पाकिस्तानी सेना की दो ब्रिगेड भारतीय सीमा में घुस कर सेना के सामने चुनौती बन आ खड़ी हुई थीं.

कारगिल युद्द के 19 साल बाद भी उसकी यादें धुंधली नही हुई है. आम लोगों के मन में इस युद्ध के शहीदों की शहादत का सम्मान रस्मी नही बल्कि दिल से जुड़ा है. ये मान-सम्मान ही कारगिल युद्ध के शहीदों के परिवार वालों का मरहम है. इसकी झलक कारगिल युद्ध के हीरो, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा की बातों में मिलती है. कैप्टन बत्रा के पिता ने कारगिल पर एक किताब की प्रस्तावना लिखते हुए जो बातें लिखी हैं वो दिल को छू जाती हैं. . कैप्टन बत्रा के पिता लिखते हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बहादुर बेटा ऐसे अनुपम सम्मान का भागीदार बना जाएगा, जो देश भर के लोग उन्हें पिछले 20 सालों से दे रहे हैं. सूरत में भीगी पलकों के सामने विक्रम आ गया उन्होंने लिखा है - “हमने कल्पना भी नहीं की थी कि एक सुपुत्र कभी अपने अभिभावकों को इतना सम्मान दिला सकता है, जितना हमें उसकी शहादत के बीस साल बाद भी देश के लोगों से मिल रहा है. एक परमवीर चक्र प्राप्त सुपुत्र के गौरवांवित अभिभावक के रूप में उसने हमारा मान-सम्मान बढ़ा दिया.” पुस्तक की प्रस्तावना में उन्होंने सूरत (गुजरात) के बाशिंदों द्वारा किए गए स्वागत-सम्मान का जिक्र कुछ यूं किया है- “जब बग्घी पर सवार कोई 20 किलोमीटर लंबे मार्ग से हम गुजरे तो रास्तों के दोनों ओर खड़े लगभग चार लाख सूरतवासी पंखुड़ियों की वर्षा कर स्वागत करते रहे. इसने मुझे भावुक कर दिया. भीगी पलकों के सामने विक्रम आ गया. मैंने सोचा काश, यह सम्मान देखने के लिए मेरे बेटे को और जीवन मिला होता” गौरव से भरे बत्रा कहते हैं कि मुझे हर पल बेटे की याद आती है, लेकिन यह सोच कर शांति मिल जाती है कि आत्मिक रूप से वह उनके साथ है. उन्होंने लिखा “ऐसे अनमोल रत्न का जाना निश्चित ही दुखदायी है, लेकिन ऐसा बेटा पाना भी बहुत किस्मत की बात है. हमें आजीवन उस पर गर्व रहेगा” . 8 जुलाई को शहीद हुए कैप्टन बत्रा कारगिल युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ था, जब स्थानीय चरवाहों ने सूचना दी कि पाकिस्तानी घुसपैठिये भारतीय सीमा में घुस आए हैं. पाकिस्तानी सेना की दो ब्रिगेड भारतीय सीमा में घुस कर सेना के सामने चुनौती बन आ खड़ी हुई थीं. यह ऐसी घुसपैठ थी, जिसके बारे में भारतीय सेना कल्पना तक नहीं कर सकती थी. प्रारंभिक दौर में भारतीय सेना के हमले कमजोर रहे, लेकिन 8 जुलाई 1999 की सुबह भारत ने पॉइंट 4875 जीत लिया. अलबत्ता इस जंग में 24 साल के बहादुर कैप्टन विक्रम बत्रा शहीद हो गए. पॉइंट 4875 जीत लेने के बाद लद्दाख से संपर्क मार्ग सुरक्षित हो गया. भारतीय सेना के वाहन अब श्रीनगर-लेह हाईवे पर आसानी से आ-जा सकते थे. बेटे की शहादत का दुख औऱ गौरव बत्रा उन पलों को याद करते हैं जब विक्रम की पार्थिव देह घर लाई गई. वह सब बहुत ह्रदय विदारक था. “गालों पर बहते आंसुओं के बीच मेरी पत्नी ने कहा ‘कोई माता-पिता अपने जवान बेटे का मृत शरीर नहीं देख सकते. अपने बेटे ने तीन चोटियां फतह कीं. उसने देश को तूफान से बचा लिया, लेकिन अब वह हमारे बीच नहीं है. जब भी भगवान हमें अपार दुख देता है, वह उसे सहने की शक्ति भी देता है. गुरु गोबिंद सिंह ने देश पर अपने चार बेटे कुर्बान कर दिए. शायद यही कारण होगा कि भगवान ने मुझे जुड़वां बेटे दिए हैं – एक देश पर कुर्बान होने के लिए और दूसरा मेरे लिए.” ‘जंग जीत कर तिरंगा लहराता आउंगा’ बत्रा ने अपनी प्रस्तावना में यह भी लिखा है कि विक्रम के एक दोस्त ने उसे सतर्क किया था कि वह सावधान रहे, क्योंकि जंग शुरू हो चुकी है. इस पर विक्रम ने उसे जवाब दिया, ‘चिंता मत करो, या तो मैं जंग जीत कर तिरंगा लहराता हुआ आऊंगा, या उसी को ओढ़ कर वापस लौटूंगा.’ बत्रा कहते हैं, विक्रम ने अपनी दोनों बातें निभा दीं. दिल को छू लेने वाले अंदाज में उन्होंने लिखा, “उसने भारत का विजयी तिरंगा 17 हजार फुट की ऊंचाई पर लहरा दिया, जब उसे पॉइंट 5140 को फतह करने में कामयाबी मिली. बाद में जब वह देश के लिए पॉइंट 4875 हासिल करने की जंग लड़ते-लड़ते शहीद हो गया, तो उसका शरीर हमारे राष्ट्रीय ध्वज में लपेट कर घर लाया गया. हमारे बेटे विक्रम की बहादुरी और देशभक्ति ऐसी महान थी” किताब में है युद्ध का आंखों देखा हाल कैप्टन बत्रा के पिता ने ये बातें कारगिल युद्ध पर लेखक-पत्रकार हरिंदर बवेजा की एक किताब ‘अ सोल्जर्स डायरीः कारगिल, द इनसाइड स्टोरी’ की प्रस्तावना में लिखी हैं. डायरी के रूप में लिखी गई ये ये किताब कारगिल युद्ध का आंखों देखा हाल है. इसमें कारगिल युद्द की तमाम अहम घटनाओं का विस्तृत वर्णन है. रॉली बुक्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का दूसरा व संशोधित एडिशन 26 जुलाई 2018 को कारगिल विजय दिवस पर जारी किया जा रहा है. उस युद्ध में अग्रिम पंक्ति के कमांडर्स में से एक के द्वारा वर्णित आंखों देखा हाल के आधार पर बवेजा ने इस किताब का तानाबाना बुना है.इस नए संस्करण में जीएल बत्रा की प्रस्तावना भी शामिल है, जो सर्वोच्च बहादुरी सम्मान परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता हैं. (पत्रकार व लेखक रशीद किदवई ओआरएफ के विजिटिंग फेलो हैं)
View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Bihar News: बिहार के नवादा में पुलिस को चकमा देकर कैदी फरार | ABP News
सिडनी में 'पहलगाम'? आतंकियों ने चुन-चुन कर मारा!
Janhit: PM मोदी ने फिर चौंकाया! | National Executive President | Nitin Nabin | BJP | PM Modi
UP Politics: यूपी BJP को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष...27 का शुरू अभियान | CM Yogi
Sandeep Chaudhary: BJP के कार्यकारी अध्यक्ष बने  नितिन नबीन, विपक्ष में हलचल | Nitin Nabin |PM Modi

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
Sunday Box Office Collection: 'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे किसने कितना कमाया
'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे कलेक्शन
New BJP President: अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
Black Box Warning: कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
Embed widget