एक्सप्लोरर

अलग सुर, ऊंची महत्वाकांक्षा और बेतरतीब तालमेल... महागठबंधन में सीटों को लेकर रार, कई कलई खुलनी अभी बाकी

राजनीति में अक्सर यह कहा जाता है कि जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं. विपक्षी गठबंधन इंडिया की 14 सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक दिल्ली में बेनतीजा रही. इसमें नेतृत्व के मुद्दे और सीटों को लेकर फैसला लिया जाना था, उस पर अब भी आपसी सहमति नहीं बन पाई है. सहमति बनाना आसान भी नहीं दिख रहा है.  

जेडीयू और राजद के राग अलग-अलग 

महागठबंधन में बिहार से मुख्य रूप में जेडीयू और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ही है. सिर्फ बिहार में ही अगर देखें तो दोनों पार्टी अलग -अलग राग अलाप रही है. बिहार से कोऑर्डिनेशन कमेटी के दो सदस्य जेडीयू से ललन सिंह और आरजेडी से तेजस्वी यादव ही नेतृत्व के मुद्दे पर एक साथ नहीं दिख रहे हैं. ललन सिंह ने तो हाल में ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को आगे बढ़ाने की बात कहीं. वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तो शुरुआत से ही राहुल गांधी को आगे लाकर नेतृत्व करने की बात कर रहे हैं. हाल में ही देवघर में भी उन्होंने बयान दिया था कि अगली बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर फैसला कर लिया जाएगा. दरअसल, लालू प्रसाद यादव यह खुद भी नहीं चाहते कि नीतीश महागठबंधन का नेतृत्व करें और इसलिए नीतीश कुमार को वे विपक्ष के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट भी नहीं करना चाहते. यह बात नीतीश कुमार भी जानते हैं. कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक से ललन सिंह ने तो दूरी बना ली. कहा यह गया कि वे बीमार है लेकिन राजनीति में बीमार होना और बीमार दिखाना यह तो सर्वविदित है. 

अन्य राज्यों में भी महागठबंधन के सुर जुदा-जुदा

महागठबंधन में सबकुछ ठीक दिख नहीं रहा है. कोलकाता में भी ममता दीदी को नेतृत्व करने के लिए आवाज उठ रही है. महागठबंधन में भले ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस साथ दिख रहे हों लेकिन कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ही ममता को राष्ट्रपति द्वारा दिए गए जी-20 के भोज में शामिल होने पर कटाक्ष कर चुके हैं. अन्य कई पार्टियों के मुख्यमंत्री भी इस भोज में पहुंचे थे. विपक्षी गठबंधन द्वारा इस पर भी सवाल उठाया गया. दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल के लिए आम आदमी पार्टी के नेता नेतृत्व की मांग कर चुके हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी राजस्थान में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर पहले ही महागठबंधन के अंदर की स्थिति को जगजाहिर कर चुकी है. हर राज्य में अमूमन कुछ न कुछ यहीं स्थिति है. ऐसे में महागठबंधन की राह आसान तो कतई नहीं है. 

कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में आखिर हुआ क्या?

जिस अहम सवाल पर कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक होनी थी, उस पर तो कोई बात ही नहीं हुई. आखिर लोकसभा चुनाव में जनता के बीच किन मुद्दों और नीतियों के सहारे जाया जाएगा और सबसे अहम सवाल कि नेतृत्व की भूमिका में कौन रहेगा? 

कोऑर्डिनेशन कमेटी की बुधवार हुई बैठक में देशभर में संयुक्त रूप से सार्वजनिक सभाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया. पहली आम बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह भोपाल में आयोजित होगी. इन सार्वजनिक सभाओं में नेताओं के बीच ही आपसी खींचतान होगी तो फिर जनता किसे अपना नेतृत्व मानेगी. तो दूसरी ओर मीडिया के कुछ एंकरों के कार्यक्रम के बहिष्कार की बात की जा रही. यह तो समझ से परे है कि मीडिया से कैसे महागठबंधन की पार्टियों के लिए खतरा है. आज कल तो यह फैशन सा बनता जा रहा कि राजनीतिक पार्टियां मीडिया का ही विरोध कर रही हैं.

बिहार में सीटों को लेकर फंसा पेंच

अभी असली पेंच तो नेतृत्व और हर राज्य में सीटों को लेकर बंटवारे का ही है. बिहार में इसी मुद्दे पर तो विपक्ष की सभी पार्टियों के सुर अलग दिखने लगे हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह तो पहले ही 10 लोकसभा सीट मांग कर यह दिखाने की कोशिश कर रहे है कि यहां सीटों के बंटवारे में उनके फैसले ही होंगे लेकिन ऐसा कहीं से होगा ही नहीं.

कांग्रेस यह मन बना चुकी है कि 2019 के लोकसभा सीटों पर जिन नौ सीटों पर वह चुनाव लड़ी थी वे सभी सीटें उन्हें दिए जाएं. कांग्रेस की मांग के बाद वाम दल भी इसमें कहां पीछे रहने वाले थे उन्होंने भी 5 सीटों की मांग कर दी. उनका कहना है कि बिहार में उनका जनाधार बढ़ा है. पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतरीन रहा है. ऐसे में कई लोकसभा क्षेत्र हैं जहां से वे अपने लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. जिनमें शाहाबाद, सिवान, गोपालगंज, छपरा और मगध शामिल है. कांग्रेस और वाम दलों को कितनी सीटें दी जाएगी इसका निर्णय एक मात्र लालू प्रसाद यादव ही करेंगे. नीतीश भी इस मुद्दे पर आगे आने से बचेंगे. वहीं वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले है कि वे इंडिया के साथ जाएंगे या एनडीए के साथ. जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव भी महागठबंधन में शामिल होने के लिए जोर आजमाइश किए हुए है. पप्पू यादव पर लालू प्रसाद कोई दांव नहीं लगाना चाहते क्योंकि वे जानते है कि ऐसा करके वे अपने पुत्र तेजस्वी के लिए ही मुसीबत खड़ी कर देंगे. बिहार में जातिगत राजनीति यहां की सच्चाई है इससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है. आगे आने वाले चुनावों में यह और हावी होगा यह भी प्रतीत हो रहा है. 

इंडिया गठबंधन के लिए लालू प्रसाद यादव होंगे 'तुरुप का इक्का' 
 
महागठबंधन में सबको सीटों के मुद्दे पर साथ लाना और सबको नेतृत्व स्वीकार करवाना यह काम लालू प्रसाद यादव के जिम्मे ही होगा. लालू प्रसाद केंद्र की राजनीति में मंझे हुए नेता रहे हैं जिन पर विपक्ष की सभी पार्टियों को भरोसा भी है. ऐसे में इंडिया गठबंधन को पार लगाने की जिम्मेदारी, क्राइसिस मैनेजमेंट और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के बीच समन्वय लालू प्रसाद ही कर सकते हैं. तेजस्वी को भी समन्वय समिति में शामिल करा कर वे उन्हें केंद्रीय राजनीति में लॉन्च कर चुके हैं. लालू यादव अपनी किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हाल के दिनों के काफी सक्रिय भूमिका में देखे जा चुके हैं. बिहार में भी वे कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए नजर आए हैं तो कुछ दिन पहले के उनके झारखंड दौरे को भी राजनीतिक यात्रा के रूप में देखा जा रहा है जहां वे दुमका और गोड्डा लोकसभा के राजद कार्यकर्ताओं से बैठक कर 2024 के चुनाव के लिए जोश भरते नजर आए हैं. वहीं जमानत पर चल रहे लालू यादव पर लैंड फॉर जॉब्स मामले पर केस चलने की अनुमति भी मिल गई है. तेजस्वी यादव पर भी सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी. ऐसे में लालू परिवार के लिए मुसीबतें फिर से बढ़ने वाली हैं.
 
इन सबके बीच महागठबंधन को सीटों को लेकर जल्द तालमेल बैठाकर उसकी औपचारिक घोषणा किए जाने की जरूरत है. जिससे कार्यकर्ताओं में भी यह विश्वास पैदा होगा कि सभी विपक्षी पार्टियां साथ आकर एक मंच से चुनाव लड़ रही है. भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक लोकसभा सीट पर एक ही उम्मीदवार होगा. ऐसे में अब आगे क्या रणनीति बनाई जाएगी इस पर भी इंडिया गठबंधन को गंभीर चिंतन की आवश्यकता है और इन मुद्दों पर जल्द से जल्द समय पर फैसले लेकर प्रचार-प्रसार की ओर बढ़ना होगा तभी भाजपा को टक्कर दिया जा सकेगा.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर बवाल, हुमायूं कबीर का दावा - ‘हमें प्रशासन का...’
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर बवाल, हुमायूं कबीर का दावा - ‘हमें प्रशासन का...’
अजमेर दरगाह चादरपोशी पर बड़ा विवाद, हिंदू सेना की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस
अजमेर दरगाह चादरपोशी पर बड़ा विवाद, हिंदू सेना की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस
20 हार के बाद बदली किस्मत, 2023 के बाद अब भारत को मिली जीत; दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ 'करिश्मा'
20 हार के बाद बदली किस्मत, 2023 के बाद अब भारत को मिली जीत; दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ 'करिश्मा'
Bigg Boss 19: शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
ABP Premium

वीडियोज

Babri Masjid Controversy: बाबरी मस्जिद नाम पर बड़ा खेल, मचेगा बवाल! Mamata की डूबेगी लुटिया?
Indigo Flight News: क्या भारतीय विमान सेक्टर में इंडिगो मोनोपॉली का उठा रही फायदा ? | abp News
Indigo Flight News: इंडिगो की मनमानी... यात्रियों के लिए बनी बड़ी परेशानी ! | abp News
Indigo Flight News: 'घर से निकलने से पहले फ्लाइट  का स्टेटस चेक करें यात्री '- IGI Airport
Indigo Flight News:  वीडियो के जरिए इंडिगो संकट पर परेशान यात्री ने सुनाई अपनी दर्द भरी कहानी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर बवाल, हुमायूं कबीर का दावा - ‘हमें प्रशासन का...’
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर बवाल, हुमायूं कबीर का दावा - ‘हमें प्रशासन का...’
अजमेर दरगाह चादरपोशी पर बड़ा विवाद, हिंदू सेना की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस
अजमेर दरगाह चादरपोशी पर बड़ा विवाद, हिंदू सेना की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस
20 हार के बाद बदली किस्मत, 2023 के बाद अब भारत को मिली जीत; दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ 'करिश्मा'
20 हार के बाद बदली किस्मत, 2023 के बाद अब भारत को मिली जीत; दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ 'करिश्मा'
Bigg Boss 19: शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
न्यूक्लियर प्लांट, यूरिया प्रोडक्शन, टूरिस्ट वीजा और यूक्रेन वॉर... PM मोदी और पुतिन का ज्वाइंट स्टेटमेंट | बड़ी बातें
न्यूक्लियर प्लांट, यूरिया प्रोडक्शन, टूरिस्ट वीजा और यूक्रेन वॉर... PM मोदी और पुतिन का ज्वाइंट स्टेटमेंट | बड़ी बातें
क्या गारंटर न होने पर पैसे निकालने से मना कर सकते हैं बैंक, जान लीजिए नियम
क्या गारंटर न होने पर पैसे निकालने से मना कर सकते हैं बैंक, जान लीजिए नियम
रेलवे दे रहा 1 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स को जॉब, यहां क्लिक कर चेक कर लें पूरी डिटेल्स
रेलवे दे रहा 1 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स को जॉब, यहां क्लिक कर चेक कर लें पूरी डिटेल्स
Embed widget