एक्सप्लोरर

तो क्या राम मंदिर की तारीख ने ही कर दिया 2024 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट?

Narendra Bhalla Blog on Ram Mandir and Lok Sabha Election 2024: हमारे देश में हिंदी के सबसे मशहूर व्यंग्यकार हुए हैं- हरिशंकर परसाई, जिन्होंने अपनी लेखनी के जरिये समाज और राजनीति के गिरते हुए पतन को लेकर जो कुछ और जितना लिखा है, वो लिखने की हिम्मत शायद आज कोई भी जुटा नहीं पाएगा. उन्होंने अपनी मौत से पहले साल 1991 में लिखे अपने एक व्यंग्य में इस तरफ ध्यान दिलाया था कि धर्म किस तरह से राजनीति का सबसे बड़ा औजार बन जाता है.

परसाई ने तब अपने व्यंग्य में लिखा था, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकारवादी, विध्वंसवादी बेकार युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती है. इसका प्रयोग महत्वाकांक्षी खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति और समूह कर सकते हैं. इस भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी ने किया था. यह भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है. यह भीड़ किसी भी ऐसे संगठन के साथ हो सकती है जो उनमें उन्माद और तनाव पैदा कर दे. फिर इस भीड़ से विध्वंसक काम कराए जा सकते हैं. यह भीड़ फासिस्टों का हथियार बन सकती है. हमारे देश में यह भीड़ बढ़ रही है. इसका उपयोग भी हो रहा है. आगे इस भीड़ का उपयोग सारे राष्ट्रीय और मानव मूल्यों के विनाश के लिए, लोकतंत्र के नाश के लिए करवाया जा सकता है."

कहते हैं कि दुनिया में कहीं भी एक अच्छा लेखक अपने देश का एक ऐसा भविष्यदृष्टा होता है, जो एक-दो दशक बाद पैदा होने वाले हालात का आकलन पहले ही लगा लेता है और उसे अपनी लेखनी में पिरोकर दुनिया के सामने रख देता है. परसाई ने भी वही किया. ये अलग बात है कि कट्टरपंथी विचारधारा रखने वाले बहुत सारे समर्थक न तो इस पर गौर करेंगे और न ही उनकी इस दलील को मानेंगे.

बेशक वे न मानें लेकिन किसी भी देश के बदलते हुए हालात आखिरकार एक लेखक की लिखी बातों को सच साबित करने में कोई भेदभाव नहीं करते.

इस देश में राम तो सबके हैं और कोई राजनीतिक दल ये दावा नहीं कर सकता कि राम के नाम का पेटेंट सिर्फ उसी ने करा रखा है लेकिन चुनाव के वक्त ही अगर राम की याद आने लगे या फिर राम के नाम को ही अपनी चुनावी नैया पार लगाने की बैसाखी बना लिया जाये तो फिर विपक्षी दलों का चिल्लाना और विरोध करना कुछ तो जायज बनता ही है. वह इसलिये कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में धार्मिक भावनाओं को उभारकर या भड़काकर कोई भी पार्टी सत्ता में आने की कोशिश करती है तो उसे लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश के रूप में ही देखा जाता है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये एलान कर दिया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण 1 जनवरी 2024 को पूरा हो जाएगा और लोगों के दर्शनों के लिए खुल भी जाएगा. उनकी इस घोषणा ने देश की सियासत में उबाल इसलिये भी ला दिया है कि मंदिर के उद्घाटन की टाईमिंग महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी साल अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं. जाहिर है कि शाह के एलान के बाद विपक्षी दलों की ये आशंका और ज्यादा मजबूत हो गई है कि 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी सिर्फ धार्मिक कार्ड खेलकर ही लड़ना चाहती है.

हालांकि, कुछ सियासी जानकर मानते हैं कि ये पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक है, जो उन्होंने राहुल गांधी की भारत यात्रा के जवाब में दिया है. सब जानते हैं कि अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है और उसके बनते ही लाखों लोग उसकी झलक पाने और दर्शन के लिए अयोध्या की तरफ कूच करेंगे. जाहिर है कि मोदी सरकार इसका सियासी फायदा लेने का कोई भी मौका नहीं छोड़ने वाली है, इसीलिये विपक्षी खेमे में अभी से इसे लेकर एक डर और घबराहट का माहौल बनता दिख रहा है.

विपक्षी नेताओं के बयानों से उनकी बौखलाहट साफ झलक रही है लेकिन शायद उन्हें ये अहसास नहीं कि उनकी ऐसी बातों से आखिरकार बीजेपी को ही फायदा मिल रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता जगदानंद सिंह ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. जगदानंद सिंह ने कहा, "कण-कण में रहने वाले राम अब पत्थरों की चहारदीवारी में चले गए हैं, जहां नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. अब भारत में उन्मादियों के राम बचेंगे. अब गरीबों के, झोपड़ीवालों के, तुलसी के राम, अयोध्या के राम, शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम अब भारत में नहीं, बल्कि पत्थरों की भीतर रहेंगे."

अमित शाह के बयान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब 1 तारीख से राम होंगे. "भारत के राम तो कण-कण में रहेंगे. आरएसएस के राम जहां चाहें वहां रहेंगे. भारत के राम को कभी भी लोगों से छीनकर कैद नहीं किया जा सकता. हम लोग हे राम वाले हैं, जय श्रीराम वाले नहीं." उन्होंने सवाल किया कि क्या अब राम केवल मंदिर के होंगे? क्या राम अब देश के नहीं होंगे?

हालांकि, उनके इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसे लेकर तो जगदानंद सिंह के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

वहीं, कांग्रेस अध्य्क्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस मुद्दे पर अमित शाह से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या वह राम मंदिर के पुजारी हैं, जो वह ऐसी घोषणा कर रहे हैं. ऐसी घोषणा तो साधु-संतों को करनी चाहिए और गृह मंत्री के तौर पर शाह का जो कर्तव्य है उन्हें उस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने तो ये भी आरोप दोहराया कि बीजेपी द्वारा लालच देकर और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है. राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख करते हुए खरगे भले ही ये कहना नहीं भूले कि ‘‘राहुल गांधी का धैर्य और साहस देखकर सबको अचंभा हुआ है. हम तो राहुल गांधी को दिल्ली में देखते थे... ये राहुल तो अलग ही निकले." ..लेकिन उन्हें अब ये याद रखना होगा कि 2024 का सियासी मुकाबला धर्म की उस बिसात पर होने वाला है, जिसका एलान बीजेपी ने अभी से कर दिया है. इसलिये कांग्रेस को तो इस असल चुनौती का सामना करने की तैयारी करना है.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

यह भी पढ़ें- 2024 के लिए बीजेपी की इन तैयारियों का मुकाबला आखिर कैसे करेंगे राहुल गांधी?

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Loksabha Election 2024: चुनाव से पहले कोहराम..जल रहा नंदीग्राम | Mamata Banerjee |  West BengalLoksabha Election 2024: बुजुर्ग मां-बाप...केजरीवाल..और कैमरा ! Delhi Police | PM Modi | KejriwalLoksabha Election 2024: सबसे बड़ा रण...कौन जीतेगा आजमगढ़ ? Dinesh Lal Nirahua | Dharmendra YadavAAP और कांग्रेस साथ, इंडिया गठबंधन को वोट की बरसात या फिर बीजेपी को 7 में 7? KBP Full

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
Embed widget