एक्सप्लोरर

बिहार चुनाव एग्जिट पोल 2025

(Source:  ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)

कांग्रेस हट रही दिल्ली चुनाव में पीछे, जीते तो बल्ले-बल्ले हारे तो जानें प्रत्याशी

दिल्ली में 13 जनवरी की सीलमपुर की रैली के बाद राहुल गांधी की एक भी रैली नहीं हुई है. अचंभे की बात यह है कि जिन राहुल गांधी की फिटनेस को लेकर सोशल मीडिया पर बेशुमार वीडियो भरे पड़े हैं जो केवल टी-शर्ट में पूरा जाड़ा काटते दिखाई देते रहे हैं, अब उनके बारे में कहा जा रहा है कि उनके अस्वस्थ होने के कारण उनकी दो रैलियां रद्द कर देनी पड़ी हैं. कोई भी नेता चुनावी रैली से तभी दूर रहता है जब उसका या तो गला बैठा हो या फिर उस से बैठ जाने की विनती की गई हो. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का इस प्रकार से दिल्ली के चुनावी समर से ग़ैर हाज़िर रहना कहीं न कहीं यह शक पैदा कर रहा है कि कांग्रेस जिस तड़प के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी उस में स्पीड ब्रेकर लग गया है.

कांग्रेस की रफ्तार पर स्पीडब्रेकर

सवाल यह है कि यह स्पीड ब्रेकर किस ने लगाया है? क्या कांग्रेस शुरू में अपने कैडर को दिखाने के लिए या उनका हौसला बनाए रखने के लिए मैदान में उतरी थी या उसके ऊपर दिल्ली के स्थानीय नेताओं का दबाव अधिक था कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी से सीधे तौर पर लड़े चाहे इसके कारण भाजपा की दिल्ली में सरकार ही क्यों न बन जाए. अब ऐसा लग रहा है कि या तो कांग्रेस को अंदाज़ा हो गया होगा कि उनके पूरे शीर्ष नेतृत्व के मैदान में आ जाने के बाद भी कांग्रेस को सम्मान जनक सीटें नहीं आयेंगी और ऐसा भी हो सकता है आम आदमी पार्टी के वोट बंट जाने से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने का रास्ता खुल जाए. अगर ऐसा होता है तो देश भर में इसका संदेश विपक्ष के लिए नकारात्मक होगा और भाजपा पहले ही हरियाणा महाराष्ट्र की जीत के बाद हौसलों से भरी हुई है तो उसको इसका लाभ आने वाले बिहार विधान सभा के चुनाव में हो सकता है. यही कारण इस समय बलवान लग रहा है क्योंकि राहुल गांधी गत दिनों दिल्ली का युद्ध छोड़ कर अचानक बिहार जा पहुंचे थे और उन्होंने ने महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर सकारात्मक रवैया अपनाया था. क्या माना जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल का कांग्रेस को घेरने के लिए इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को आगे बढ़ाना काम आ गया है और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अपने क़दम पीछे खींच लिए हैं.

अरविंद केजरीवाल का दांव आया काम

बात केवल राहुल गांधी या प्रियंका गांधी की ही नहीं है बल्कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत दिल्ली कांग्रेस और एआईसीसी (AICC) के बड़े नेता भी दिल्ली चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं. ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने घोषित उम्मीदवारों को भी उनके अपने हाल पर ही छोड़ दिया है. ऐसा लगता है कि जैसे दिल्ली में कांग्रेस मान कर बैठ गई है कि जो उम्मीदवार अपने दम पर चुनाव जीत लेगा उस से ही उनका दिल्ली में होना साबित हो जायेगा. ऐसा इसलिए भी कहीं तक सही लग रहा है कि दक्षिण दिल्ली के एक निर्वाचन क्षेत्र के लोकल कांग्रेसी नेता से जब उनके प्रत्याशी के बारे में हम ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वह मन से चुनाव ही नहीं लड़ रहा है, बस वॉट्सएप पर संवेदना बटोरने के लिए पुराने फ़ोटो और समाचार डाल रहा है. वैसे भी उसे पिछली बार टिकट नहीं मिला था और उसकी जगह जो उम्मीदवार कांग्रेस ने दिया था उसे तीन हज़ार से कम वोट मिले थे.

अब मतदान को जुमा-जुमा चार दिन ही शेष रह गए हैं और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अगर चुनावी समर से ग़ायब है तो इसका अर्थ यही हो सकता है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में चुनाव लड़ने से कहीं अधिक अपनी पगड़ी संभालने पर ज़्यादा ज़ोर दे रहा है. साथ ही दिल्ली के वह कांग्रेसी नेता जो आम आदमी पार्टी से टकराना चाहते थे उन्हें भी चुनावी दलदल में उतार कर कह दिया गया होगा कि अब जैसे भी चाहो डूबो या पार उतरो. क्योंकि तुम्हें ही आम आदमी पार्टी से दिल्ली में लड़ना था, अब लड़ो. अगर ऐसा है तो यह बात एक बार फिर साबित होने जा रही है कि कांग्रेस में दूरदृष्टि रखने वाले थिंक टैंक की कमी है जो करने से पहले आगे क्या होगा इस बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का अंदरखाने गठजोड़

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के चुनाव लड़ने के पीछे का एक और गणित भी नज़र आ रहा है जिस का आरोप बार-बार भाजपा भी लगा रही है. यह भी मुमकिन है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में अंदर खाने दिल्ली चुनाव को लेकर कोई गठजोड़ हुआ हो. आम आदमी पार्टी विरोधी वोट भाजपा को न जा कर कांग्रेस को जाएं इस लिए कांग्रेस को मैदान में मज़बूती से लड़ाने का फ़ैसला किया गया होगा, लेकिन जब आम आदमी पार्टी ने देखा होगा कि दिल्ली में तो लोग उस से भरे बैठे हैं और उसका अपना वोट भी कांग्रेस में कूदने को तैयार दिखाई दे रहा है. मुमकिन है तब ही उसके हाथ पांव फूल गए होंगे और उसने चुनावी रणनीति में बदलाव करवाया होगा.

कहने को कुछ भी कहा जा सकता है लेकिन जो इस समय दिखाई दे रहा है उस में यह बात साफ़ है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली चुनाव से एकदम से ग़ायब हो गया है. ले दे के चार पांच दिन बचे हैं तो ऐसे में यह समझा जा सकता है कि कांग्रेस ने दिल्ली पर इंडिया को प्राथमिकता दे दी है और दिल्ली के कांग्रेसी उमीदवार अखाड़े में अपने दम पर ही लंगोट कसने पर मजबूर हैं. वह जीते तो पार्टी जीतेगी और वह हारे तो हारे को हरिनाम है ही.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

राइसिन आतंकी साजिश: हैदराबाद में गुजरात ATS का बड़ा एक्शन, MBBS डॉक्टर का घर सील, हुआ बड़ा खुलासा
राइसिन आतंकी साजिश: हैदराबाद में गुजरात ATS का बड़ा एक्शन, MBBS डॉक्टर का घर सील, हुआ बड़ा खुलासा
अलीनगर सीट: मैथिली ठाकुर जीतेंगी या हार जाएंगी चुनाव? चौंका रहा पत्रकारों का एग्जिट पोल
अलीनगर सीट: मैथिली ठाकुर जीतेंगी या हार जाएंगी चुनाव? चौंका रहा पत्रकारों का एग्जिट पोल
Delhi Blast: जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा एक्शन, मुजम्मिल की बहन भी हुई गिरफ्तार, सामने आया बांग्लादेश कनेक्शन!
Delhi Blast: जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा एक्शन, मुजम्मिल की बहन भी हुई गिरफ्तार, सामने आया बांग्लादेश कनेक्शन!
IPL के वो 5 खिलाड़ी, जिन्हे फ्रेंचाइजी ने कभी नहीं किया रिलीज; लिस्ट में वेस्टइंडीज का खिलाड़ी भी शामिल
IPL के वो 5 खिलाड़ी, जिन्हे फ्रेंचाइजी ने कभी नहीं किया रिलीज; लिस्ट में वेस्टइंडीज का खिलाड़ी भी शामिल
ABP Premium

वीडियोज

Delhi Red Fort Blast: LNJP अस्पताल पहुंचे PM Modi, दिल्ली ब्लास्ट के घायलों से की मुलाकात
Delhi  Blast: दिल्ली धमाके के बाद बड़ा एक्शन, जम्मू-कश्मीर में 200 जगहों पर छापेमारी
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली धमाके में शामिल डॉक्टरों की टेरर फाइल में कितने पन्ने बाकी? | Breaking
बॉडी की आंखों में आसू... सनी देओल की खामोशी
Delhi Blast: दिल्ली धमाके में जांच एजेंसियों का एक्शन जारी,कश्मीर में एक और डॉक्टर हिरासत में-सूत्र

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
राइसिन आतंकी साजिश: हैदराबाद में गुजरात ATS का बड़ा एक्शन, MBBS डॉक्टर का घर सील, हुआ बड़ा खुलासा
राइसिन आतंकी साजिश: हैदराबाद में गुजरात ATS का बड़ा एक्शन, MBBS डॉक्टर का घर सील, हुआ बड़ा खुलासा
अलीनगर सीट: मैथिली ठाकुर जीतेंगी या हार जाएंगी चुनाव? चौंका रहा पत्रकारों का एग्जिट पोल
अलीनगर सीट: मैथिली ठाकुर जीतेंगी या हार जाएंगी चुनाव? चौंका रहा पत्रकारों का एग्जिट पोल
Delhi Blast: जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा एक्शन, मुजम्मिल की बहन भी हुई गिरफ्तार, सामने आया बांग्लादेश कनेक्शन!
Delhi Blast: जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा एक्शन, मुजम्मिल की बहन भी हुई गिरफ्तार, सामने आया बांग्लादेश कनेक्शन!
IPL के वो 5 खिलाड़ी, जिन्हे फ्रेंचाइजी ने कभी नहीं किया रिलीज; लिस्ट में वेस्टइंडीज का खिलाड़ी भी शामिल
IPL के वो 5 खिलाड़ी, जिन्हे फ्रेंचाइजी ने कभी नहीं किया रिलीज; लिस्ट में वेस्टइंडीज का खिलाड़ी भी शामिल
क्यूट लुक्स! महिमा चौधरी की बेटी का स्कूल वीडियो, क्लासमेट संग पंजाबी गाने पर डांस करती दिखीं
क्यूट लुक्स! महिमा चौधरी की बेटी का स्कूल वीडियो, क्लासमेट संग पंजाबी गाने पर डांस करती दिखीं
Special Feature: ऐश्वर्या राय सरकार, स्टाइल और संस्कृति का संगम
ऐश्वर्या राय सरकार: स्टाइल और संस्कृति का संगम
चार्जर बार-बार खराब हो रहा है? जान लें कहां हो रही है गलती
चार्जर बार-बार खराब हो रहा है? जान लें कहां हो रही है गलती
भारतीय रेल ने शेयर किया ऑप्टिकल इल्यूजन! पढ़ते ही लोग बोलने लगे वंदे मातरम, क्या आपको दिखा?
भारतीय रेल ने शेयर किया ऑप्टिकल इल्यूजन! पढ़ते ही लोग बोलने लगे वंदे मातरम, क्या आपको दिखा?
Embed widget