एक्सप्लोरर

हरियाणा में संगठन शक्ति दरकिनार और हम की बजाय मैं पर उतारू रहे कांग्रेसी दिग्गज

कांग्रेस को अपनों ने मारा, गैरों में कहां दम था, इनके अरमानों की कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था….ताजा परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस की यही स्थिति है. हरियाणा जैसे राज्य में जहां कांग्रेस ने अनेक बार सत्ता का सुख भोगा, वहां करीब 140 साल पुरानी कांग्रेस और करीब 101 साल पुराने कांग्रेस सेवा दल की संगठन शक्ति हाशिये पर है. यहां नई पीढ़ी में तो शायद ही कोई जानता होगा कि कांग्रेस सेवा दल नाम का भी कोई संगठन है. अंदाजा लगा सकते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस का 12 साल से कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं है. अगर कांग्रेस भी भाजपा की तरह मैं कि बजाये हम तक का सफर करती तो इस बार किनारे पर आकर लुटिया डूबने से बच सकती थी. 

हरियाणा में एक दशक पहले बैसाखी कही जाने वाली भाजपा आज इसी फार्मूले को अपना कर सशक्त संगठन खड़ा कर चुकी है. यहां भाजपा मेरा बूथ सबसे मजबूत का नारा एक दशक से लगा रही है. पन्ना प्रमुख बना रही है. शक्ति केंद्र बना रही है. त्रिदेव सम्मेलन कर रही है. दूसरी ओर, कांग्रेस बगैर संगठनात्मक ढांचा तैयार किए सिर्फ बातों की जलेबी से सत्ता का स्वाद चखने को आतुर रही. वह भी यह सोचे बिना की कमजोर रीढ़ की हड्डी कितना कर पाओगे भाई. 

वैसे इस बार यह सब कुछ ना होते हुए भी कांग्रेस बड़े चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठी थी. मीडिया मैनेजमेंट और भाजपा के 10 साल के शासनकाल के बाद पैदा हुई एंटी इंकंबेंसी के भरोसे जो जाल बुना गया था,उसका लाभ सिर्फ इतना हुआ कि 2019 के मुकाबले उनकी झोली में छह सीट अधिक आ गई,मगर सत्ता सुख की चाह अधूरी रह गई. वहीं कांग्रेस के प्रतिद्वंदी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में हरियाणा के 75 पार और 2024 लोकसभा चुनाव के 400 पार के झटकों से सीख लेते हुए गेम चेंज की व्यूह रचना गढ़ी थी. यह बात अलग है कि इस व्यूह रचना में सोने पर सुहागा राष्ट्रवादी सोच,हिंदुत्व और भाजपा की रीति और नीतियों में विश्वास रखने वाले साइलेंट वोटर में वाइब्रेशन पैदा करने का बड़ा काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की टीमों ने कर डाला.

यह सब कुछ तब हो रहा था जब भाजपा की सत्ता का सूर्य अस्त होने की अटकलें जोर पकड़ रही थी और  कांग्रेस के सत्ता में आने का गुबार प्रिंट मीडिया,इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया सहित सियासी गलियारों में निरंतर बढ़ता जा रहा था. कांग्रेसी दिग्गज यह भूल चुके थे कि धरातल पर बूथ प्रबंधन नाम की कोई चिड़िया पर तक नहीं मार रही. जितना भी जोर लग रहा था वह विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की मैनेजमेंट का था,जबकि संगठनात्मक शक्ति गौण थी.  खुद हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान इस कुप्रबंधन की भेंट चढ़ गए. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी,कांग्रेस के स्टार प्रचारक उदयभान को  होडल सीट से हार का सामना करना पड़ा. 

करीब 140 साल पुरानी कांग्रेस के लिए चिंताजनक पहलू यह है कि उन्हें एक बार,दो बार नहीं,बल्कि लगातार तीसरी बार पटखनी देकर हरियाणा की सत्ता पर काबिज होने वाला राजनीतिक दल 1980 में यानी कांग्रेस की स्थापना के करीब करीब एक सदी बाद बना था. फिलहाल हरियाणा में ना तो 140  साल पहले बनी कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा है और ना ही करीब 101 साल पहले बने कांग्रेस सेवा दल का. बगैर संगठन शक्ति  और आयातित नेताओं के सहारे कांग्रेस कैसे मिशन फतह करेगी ? यह  संकट लाजिमी तौर पर कांग्रेस के समक्ष है. दरअसल कांग्रेस को भी मालूम है कि चुनाव के दौरान जिन अवसर वादियों से भानुमति का कुनबा जुड़ा था,वे सत्ता के इर्दगिर्द रह कर ही हरे भरे रह सकते हैं और अगले दिनों में इनका पलायन तय है. वैसे कांग्रेस के पास विपक्ष में मजबूती के साथ बैठने और अपनी बात रखने का अच्छा खासा नंबर है. वैसे अगले दिनों में कांग्रेस को अपनों से ही कई तरह की चुनौतियों का सामना करना है,विशेषकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विरोधी सुर छिड़ने लगे है.     

सोशल मीडिया पर हुड्डा के नजदीकी रहे सुंदर पाल का बखान

अब हरियाणा में कांग्रेस के पतन के प्रमुख कारण हम क्या लिखें. खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विशेष सहयोगी रहे उनके मीडिया सलाहकार सुंदरपाल तो अब इस हार के बाद पूरा ठीकरा उन्हें के सिर फोड़ रहे हैं.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर लिखा है कि सन 2005 में कांग्रेस सरकार बनने का सबसे बड़ा कारण था कि  लोग सोचते थे चौधरी भजनलाल प्रधान है और पार्टी के मुख्यमंत्री भी बनेंगे.2009 की सरकार केवल और केवल धुंआ धार प्रचार और चुनाव प्रबंधन था.क्या रेडियो ,क्या टीवी सभी पर नंबर 1 हरियाना का प्रचार प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को सीधी जिम्मेदारी लेनी होगी कि 10 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद , भारतीय जनता पार्टी का इतना शानदार प्रदर्शन कैसे?  इसके कारण हो सकते हैं.  

1-जाटों वोटरों पर अधिक भरोसा कर लेना

2... नॉन जाट लीडरशिप को खत्म करना या हाशिए पर धकेल देना.
3. 34% पिछड़ी जातियों को तवज्जो न देना.

4.... अति आत्मविश्वास का होना
 5.. प्रचार प्रसार को बिलकुल छोड़ देना
6. गैरराजनीतिक लोगों की सलाहकार मंडली
7. एक एक हल्के में 5 से 6 उम्मीदवार  . जिनको टिकट नहीं मिली . उन्होंने कांग्रेस की अच्छी सेवा की.
 7. चुनाव से ठीक 6 महीने पहले से ही दूसरी पार्टियों के नेताओं ,खासकर लोकदली  नेताओं की बंपर ज्वाइनिंग. कोई मेरिट नहीं.
8. चुनाव प्रचार में कहीं स्थानों पर जाट मतदाताओं को अति उत्साह होना. जिससे नॉन जाट मतदाता चीड़ गया.
9... जाटों द्वारा जाट हलकों में कांग्रेस उम्मीदवार को वोट न देना. जैसे.. बाढ़डा, समालखा, इसराना, पानीपत ग्रामीण, होडल, रेवाड़ी, कोसली, नारनौल, बादशाहपुर, बरवाला, घरौंडा, असंध , रादौर, नलवा, उचाना, बहादुरगढ़ , राई, गन्नौर, खरखोदा , सोनीपत, सफिंदों , और जींद आदि.
 जितनी वोट इन हलकों में मिलनी चाहिए थी, नहीं मिली. लोगों में एक संदेश साफ था कि कांग्रेस की टिकट इस बार आम कांग्रेसी को नहीं मिली बल्कि ज्यादातर अमीर लोगो को मिली.

10. पिछले 12 वर्षों से कोई संगठन नहीं. केवल हवा हवाई बातें. कोई बूथ प्रबंधन नही. ज्यादातर बूथ लिस्ट जो नेताओं ने  बनाकर हाई कमान को दी, वो फर्जी थी. वोटर लिस्ट देखकर घर बैठकर बनाई थी. जिनका नाम लिस्ट में था. उनको पता भी नही था.
11.. बूथ कार्यकर्ता का कोई सम्मेलन नहीं. कोई संवाद नहीं. कोई  एजेंडा उनको नहीं दिया गया. दूसरी ओर बीजेपी का पन्ना प्रमुख से लेकर बाकी सारे नेता घर घर जाकर लोगो को हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने का नुकसान समझा रहे थे.

12      हुड्डा साहब का बार बार बॉर्डर खोलने का ब्यान. उससे व्यापारी,  छोटा दुकानदार, शांति प्रिय लोग डर गए कि दोबारा फिर क्लेश होगा.

13  बीजेपी का खर्ची पर्ची  का प्रचार.

कोई दो राय नहीं कि बीजेपी के राज में ज्यादातर लोगो को नौकरी बिना खर्ची और पर्ची मिली. जिनको चपरासी भी नहीं जानता था वो भी HCS अधिकारी बने.  लगभग हर गांव में बिना सिफारिश नौकरी दी है.
    कांग्रेसी इस बात को जानते है . परंतु मानते नहीं. पर जिनको रोजगार मिला वो खुश थे.
13.   कांग्रेस प्रदेश के युवाओं को ये भरोसा नहीं दिला सकी कि उनको नौकरी मेरिट पर मिलेगी. कोई इलाकावाद़ और भाई भतीजावाद नहीं चलेगा.

14... लोगों को एक बार भी नहीं लगा कि मुख्यमंत्री हुड्डा साहब की बजाय और कोई भी बन सकता है.  कोई माने या न माने. लोगों में ऐसी चर्चा थी कि जाट मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में जाट पता नहीं क्या कर देंगे? इसमें बीजेपी के घर घर प्रचार ने आग में घी का काम किया. कुल मिलाकर राजनीति में कामयाबी समावेशी बनकर मिलती है.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं.यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Update: दिल्ली से लेकर UP-बिहार तक शीतलहर का कहर जारी, जानें वीकेंड पर कैसा रहेगा मौसम का हाल
Weather Update: दिल्ली से लेकर UP-बिहार तक शीतलहर का कहर जारी, जानें वीकेंड पर कैसा रहेगा मौसम का हाल
'ज्यादा अंग्रेजी लिख दी थी', Vikran Massey ने अपनी 'रिटायरमेंट' पोस्ट पर तोड़ी चुप्पी
'ज्यादा अंग्रेजी लिख दी थी', विक्रांत मैसी ने अपनी 'रिटायरमेंट' पोस्ट पर तोड़ी चुप्पी
यूपी में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान, BJP विधायक ने चेक किए आधार कार्ड
यूपी में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान, BJP विधायक ने चेक किए आधार कार्ड
Raj Kapoor 1OOth Birth Anniversary: ब्लैक साड़ी में क्लासी दिखीं हुमा कुरैशी, जेनेलिया से शरवरी तक ने खींचा ध्यान, देखें इनसाइड फोटोज
राज कपूर की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी में जेनेलिया से शरवरी तक ने की शिरकत, देखें फोटोज
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News: आज सुबह जेल से बाहर आएंगे अभिनेता अल्लू अर्जुन ! | Allu Arjun | Pushpa 2 | ABP NewsPrradip Khairwar ने की The Lost Identity की Announcement साथ ही खोला नया Production House24 Ghante 24 Reporter Full Episode: दिन की बड़ी खबरें | Allu Arjun | Parliament | Atul Subhash CaseParliament Winter Session : संविधान पर संसद में Silence प्लीज! संविधान पर सुविधा वाली सियासत?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Update: दिल्ली से लेकर UP-बिहार तक शीतलहर का कहर जारी, जानें वीकेंड पर कैसा रहेगा मौसम का हाल
Weather Update: दिल्ली से लेकर UP-बिहार तक शीतलहर का कहर जारी, जानें वीकेंड पर कैसा रहेगा मौसम का हाल
'ज्यादा अंग्रेजी लिख दी थी', Vikran Massey ने अपनी 'रिटायरमेंट' पोस्ट पर तोड़ी चुप्पी
'ज्यादा अंग्रेजी लिख दी थी', विक्रांत मैसी ने अपनी 'रिटायरमेंट' पोस्ट पर तोड़ी चुप्पी
यूपी में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान, BJP विधायक ने चेक किए आधार कार्ड
यूपी में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान, BJP विधायक ने चेक किए आधार कार्ड
Raj Kapoor 1OOth Birth Anniversary: ब्लैक साड़ी में क्लासी दिखीं हुमा कुरैशी, जेनेलिया से शरवरी तक ने खींचा ध्यान, देखें इनसाइड फोटोज
राज कपूर की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी में जेनेलिया से शरवरी तक ने की शिरकत, देखें फोटोज
दुनिया के टॉप 100 फूड्स में भारत के चार, लाजवाब है इनका स्वाद, पंजाब का खाना देश में सबसे बेस्ट
भारत के इन फूड्स की दुनिया दीवानी, हर कोई चाव से उठाता है लुत्फ
पहले IPL नीलामी में रहे अनसोल्ड, अब गेंदबाजी करने पर लगा बैन; फिर बुरे फंसे शाकिब अल हसन
पहले IPL नीलामी में रहे अनसोल्ड, अब गेंदबाजी करने पर लगा बैन; फिर बुरे फंसे शाकिब अल हसन
​अब यूनिवर्सिटी दाखिले में प्रोफेशनल अनुभव को मिलेगी तरजीह, पढ़ें डिटेल्स
​अब यूनिवर्सिटी दाखिले में प्रोफेशनल अनुभव को मिलेगी तरजीह, पढ़ें डिटेल्स
हिंदुओं की सुरक्षा कीजिए! अल्पसंख्यकों पर हमलों से भड़का अमेरिका, लगा दी बांग्लादेश की क्लास
हिंदुओं की सुरक्षा कीजिए! अल्पसंख्यकों पर हमलों से भड़का अमेरिका, लगा दी बांग्लादेश की क्लास
Embed widget