एक्सप्लोरर

73 साल बाद भारत में चीता की वापसी, देश में पैदा करेगा रोजगार के मौके

चीता देश की आबोहवा में जिंदगी की एक नई शुरुआत करेगा. जंगलों में उसकी ये सुनहरी काया एक बार फिर पर्यटकों को रोमांचित करेगी. लेकिन चीते को चाहिए एक महफूज ठिकाना इसीलिए सवाल ये कि वो कहां रहेगा. आखिर भारत में कहां बसेगा चीता.

क्या आपको पता है कि एक टाइगर साल में दस लाख रुपये से ज्यादा कमा कर देता है. एक चीता दक्षिण अफ्रीका के गरीब देशों में हजारों परिवारों का पेट पालता है. आज राजनीति से हटकर बात करेंगे चीता की. आज जानेंगे कि क्यों भारत सरकार विदेश से चीता लाना चाहती है. कैसे 73 साल पहले भारत में आखिरी चीता और उसके तीन बच्चों का शिकार किया गया था. कैसे मुगल बादशाह अकबर चीता का इस्तेमाल शिकार करने में करते थे.

लचकदार बदन, आंखों में चालाकी, शिकार पर नजर और फर्राटा भरकर शिकार पर टूट पड़ना. ये चीता की खासियत रही है. दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से दौड़ता है चीता. कैट फैमली का सबसे खूबसूरत सदस्य है चीता. जब वो दौड़ता है तो ऐसा लगता है कि हवा में तैर रहा हो. उसेन बोल्ट सौ मीटर की दौड़ जब दौड़ते थे तो उनकी तुलना चीता से ही की जाती थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति में फैसले चीते की रफ्तार से किया करती थी. राजनीतिक दुश्मनों पर चीते की रफ्तार से वार किया करती थी. यही बात आज कल कुछ-कुछ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए भी कही जाती है. हम इंदिरा गांधी और नरेन्द्र मोदी का नाम इसलिए ले रहे हैं क्योंकि भारत में चीता की वापसी की संभावना इंदिरा गांधी ने भी तलाशी थी और अब मोदी सरकार भी इस संभावना को चीते की फुर्ती से आगे बढ़ाती नजर आ रही है.

1972 में टाइगर प्रोजेक्ट 

देश में टाइगर की कम होती संख्या को देखते हुए इंदिरा गांधी ने 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरु किया था. उस समय देश में सौ से भी कम टाइगर बचे थे. आज इनकी संख्या तीन हजार के पार हो गयी है. टाइगर तो बचा लिया गया लेकिन चीते को भारत में फिर से बसाने का सपना पूरा नहीं हो सका. उस समय भारत और ईरान के बीच संबंध नया आकार ले रहा था. भारत ईरान से कच्चा तेल आयात कर रहा था और भारत से चावल मसाले ईरान भेजे जा रहे थे. तब इंदिरा गांधी के सामने एक प्रस्ताव रखा गया. ईरान में उस समय चीतों की संख्या ढाई सौ के करीब बताई गयी थी. इंदिरा गांधी चाहती थी कि ईरान भारत को कुछ चीते आयात करे जिन्हें खुले जंगल में बसाया जा सके. तब दोनों देशों के बीच बात कुछ आगे बढ़ी थी. भारत में मध्य प्रदेश के मैदानी जंगल, राजस्थान में जैसलमेर का थार मरुस्थल और दक्षिण भारत में कर्नाटक के जंगल चीता का क्या नया घर बन सकता है. इस पर वन्यजीव विशेषज्ञ गंभीर चर्चा कर रहे थे लेकिन तभी ईरान में खूनी क्रांति हो गयी, शाह का तख्तापलट हो गया और साथ ही चीते को भारत लाने का सपना भी वहीं दफन हो गया. अब नये सिरे से सपना आकार लेने लगा है. इस पर बात करने से पहले चीता के बारे में कुछ और दिलचस्प जानकारी आपको देते हैं.

करीब 73 साल पहले आखिरी बार चीता देखा गया था

भारत में करीब 73 साल पहले आखिरी बार चीता देखा गया था. वो चीता जो दुनिया का सबसे तेज रफ्तार शिकारी है लेकिन उसी रफ्तार से जब उसका शिकार हुआ तो जंगलों में उसकी मौजूदगी के निशान तक मिट गये और लोगों के जहन बस बाकी बचा रह गया तो उसका नाम. वो नाम जो तेज चाल और चालाकी का पर्याय बनकर जब बॉलीवुड के परदे पर उभरा तो लोगों की जुबान पर भी छा गया. दिलचस्प बात है कि जिस चीते को राजे रजवाड़ों ने पाला, जिस चीते को बादशाहों ने शिकार करने का हथियार बनाया उस चीते का वजूद भी राजे-रजवाड़ों के हाथो ही खत्म हो गया. सरगुजा के महाराजा रामानुशरण सिंह की 1947 की तस्वीर देश में चीते की आखिरी तस्वीर मानी जाती है और फिर 1952 में भारत सरकार ने भी चीते को विलुप्त जानवर घोषित कर दिया. छरहरा बदन, खूबसूरत काया और लंबी पतली टांगे. जंगल का एक बेहद खूबसूरत जानवर है चीता. महज तीन सेकेंड में ही 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जब ये अपने शिकार पर झपटता है तो पलक झपकते ही शिकार जमीन पर धूल चाटता नजर आता है. हिरन हो या खरगोश इस शातिर और चालक शिकारी की पैनी निगाहों और बिजली की रफ्तार के आगे सब बेबस नजर आते है. धरती पर सबसे ज्यादा तेज रफ्तार से दौड़ने वाला चीता अब भारत की जमीन पर वापस लौट रहा है.

अफ्रीकी देश नामीबिया से आ रहे हैं विशेषज्ञ

चीता परियोजना के लिए श्योपुर जिले के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान की नब्ज टटोलने अफ्रीकी देश नामीबिया से विशेषज्ञ अप्रैल में मध्य प्रदेश आ रहे हैं. विशेषज्ञो का दल करीब एक हफ्ते तक कूनो पालपुर, गांधी सागर, नौरादेही अभयारण्य और शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करेगा और इस दल की रिपोर्ट के आधार पर ही अफ्रीकी देश, भारत को चीता देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाएंगे. उधर भारतीय वन्यजीव संस्थान ने भी चीता परियोजना पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की तैयारी शुरू कर दी है जो राज्य सरकार को भेजी जाएगी जिसके बाद चीता परियोजना को लेकर अफ्रीकी देशों से कॉन्ट्रेक्ट होगा और फिर साल के आखिरी तक चीता भारत लौट आएगा. जानकारों का कहना है कि चीता दौड़कर शिकार करता है इसलिए उसे ऐसी जगह बसाया जाएगा जहां मैदान हो और छुपने के लिए पेड की आड भी. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के कुनोपालपुर को चीते के लिए चुना गया है .

मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और गुजरात तक घास के मैदानों वाले जंगलों में सैकड़ो सालों तक चीते राजे-रजवाडों का शिकार बनते रहे हैं. एक वक्त था जब देश में हजारों की तादाद मे चीते मौजूद थे. इन्हें जंगल से पकड़कर शिकारी कुत्तों में बदल दिया जाता था ताकि वो अपने मालिकों के लिए शिकार कर सके. मुगल बादशाह अकबर ने तो करीब 1 हजार चीते पाल रखे थे. शिकार के इस शाही शौक ने धीरे-धीरे देश से चीतों का वजूद मिटा दिया. देश में विलुप्त होने से पहले सबसे ज्यादा और अच्छी नस्ल के चीते गुजरात में मिलते थे मुगल बादशाह अकबर के समय में भी यही से चीतों को पकड़कर शाही शिकारगाह में भेज दिया जाता था.

शिकार के लिए चीतों का इस्तेमाल

मुगलों के बाद अंग्रेजी हुकूमत का दौर आया और इस दौर में भी चीतों का इस्तेमाल शिकार के लिए होता रहा लेकिन खुद चीता भी इंसानी सनक और शौक का शिकार बनता रहा. देश में आखिरी बार चीता मध्यप्रदेश में देखा गया था. माना जाता है कि 1947 की एक रात सरगुजा के महाराज रामानुशरण सिंह जंगल से गुजर रहे थे तभी जीप की हेडलाइट की रोशनी में उन्हें चीते के तीन शावक नजर आए. महाराज की बंदूक गरजी औऱ फिर तीनों शावकों के शव के साथ महाराज ने फोटो खिंचवाई. 1947 की ये तस्वीर देश में चीते की आखिरी तस्वीर मानी जाती है. हालांकि सरगुजा राजपरिवार के सदस्य चीता के शिकार से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि दरअसल हैडलाइट की फ्लैश में एक चीता बनाकर रखा गया था और उसकी ही तस्वीर उतारी गयी थी. जो चीता रखा गया था वो अफ्रीका में मारा गया था.

खैर, 73 साल बाद इस विवाद में क्या पड़ना कि चीता मारा गया था या ट्रिक फोटोग्राफी थी. सच्चाई यही है कि भारत में तब चीता विलुप्त हुआ था और किसी न किसी ने तो आखिरी चीता मारा ही होगा. सरिस्का टाइगर प्रोजेक्ट में कभी दो दर्जन से ज्यादा टाइगर हुआ करते थे लेकिन धीरे धीरे सभी टाइगर मार दिए गये थे. उसके बाद राजस्थान के ही रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट से टाइगर लाकर सरिस्का में बसाए गये थे. जब टाइगर नहीं थे तो सैलानियों ने सरिस्का आना कम कर दिया था. सैलानियों की संख्या का कम होने का मतलब है कि रोजगार पर असर पड़ना. दस साल पहले टाइगर प्रोजेक्ट की एक स्टडी में बताया गया था कि एक टाइगर साल में करीब दस लाख रुपये कमा कर देता है. टाइगर है तो सैलानी हैं, सैलानी हैं तो होटल रेस्तरां टैक्सी आदि क्षेत्रों में रोजगार है. अब जब कैट फैमली का एक और सदस्य भारत में आएगा तो रोजगार के मौके भी पैदा करेगा.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget