एक्सप्लोरर

BLOG: अब संदिग्ध व्यक्ति को घोषित किया जा सकेगा आतंकी, क्या UAPA संशोधन एक गलती है?

यह कानून गिरफ्तार लोगों को जमानत दिलाना मुश्किल बनाता है और ऐसे कानून पुलिस को एक व्यापक शक्ति प्रदान करते हैं जिससे भ्रष्टाचार और अत्याचार आसान हो जाता है.

भारत ने अपने आतंकवाद-रोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) में बदलाव किया है. इस तरह का कानून राज्य को किसी भी व्यक्ति को जेल में रखने का अधिकार देता है, भले ही उस व्यक्ति ने कोई अपराध किया भी न हो. यह कानून गिरफ्तार लोगों को जमानत दिलाना मुश्किल बनाता है और ऐसे कानून पुलिस को एक व्यापक शक्ति प्रदान करते हैं जिससे भ्रष्टाचार और अत्याचार आसान हो जाता है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ये कानून काम करते हैं? इसका जवाब है नहीं. पंजाब में हिंसा के बाद, कांग्रेस ने आतंकवाद और आतंकवाद-रोधी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, जिसे 'टाडा' के नाम से जाना जाता है, का कानून बनाया था. यह कानून लगभग एक दशक तक अस्तित्व में था और इसके तहत हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम और सिख थे. सिर्फ 1% को सजा मिल पाई, जिसका मतलब है कि इसके तहत जेल गए 100 में से 99 लोग निर्दोष थे.

यह एक बहुत ही सख्त और अन्यायपूर्ण कानून था जिसने सबूत के महत्व को खत्म कर दिया था और इसे जारी नहीं रखा जा सकता था, इसीलिए इस कानून को खत्म कर दिया गया था. इसकी जगह आतंकवाद निरोधक अधिनियम आया था, जिसे 'पोटा' के रूप में जाना जाता है, जो कि 2002 में कानून बनाया गया था. यह एक कठिन कानून के रूप में भी लागू किया गया था जो आतंकवाद से निपटेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि पोटा के तहत 4349 मामले दर्ज किए गए थे और कुल 1031 लोगों पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए थे.

इनमें से सरकार 13 लोगों के दोष सिद्ध करने में सक्षम थी. मतलब कि 'टाडा' की तुलना में 'पोटा' सही लोगों को दोषी ठहराने में और भी बदतर था. तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने महसूस किया कि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है और एक अच्छा कानून नहीं है और यही कारण है कि इसके निरस्त होने की प्रक्रिया शुरू हुई. यूएपीए में संशोधन में, राज्य को अब व्यक्तियों को 'आतंकवादी' के रूप में नाम देने की शक्ति दी गई है.

मृणाल शर्मा ने लिखा है कि यह उसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है जो सरकार कहती है कि यह उसका पालन कर रहा है. 2006 में, संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपरोर्ट ने कहा था कि एक अपराध को 'आतंकवादी अधिनियम' कहने के लिए, तीन एलीमेंट मौजूद होना चाहिए. पहला, उपयोग किए जाने वाले साधन घातक होने चाहिए. अधिनियम के पीछे की मंशा आबादी के बीच भय पैदा करने या किसी सरकार या अंतरराष्ट्रीय संगठन को कुछ करने से रोकने या मना करने की है, और लक्ष्य एक वैचारिक लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए होना चाहिए.

दूसरी ओर, UAPA, एक 'आतंकवादी अधिनियम' की अतिशयोक्तिपूर्ण और अस्पष्ट परिभाषा प्रदान करता है जिसमें किसी भी व्यक्ति की मृत्यु, या किसी भी संपत्ति को नुकसान, किसी भी सार्वजनिक कार्यवाहक को आपराधिक बल के माध्यम से खत्म करने का प्रयास शामिल है. और किसी भी कार्य को करने के लिए सरकार या किसी भी व्यक्ति को मजबूर करने या किसी भी कार्य को करने से रोकने के लिए आदि. इसमें सरकार को ब्रांड के लिए बेलगाम शक्ति देने के लिए 'लोगों को धमकी देने की संभावना' या 'लोगों में आतंक की संभावना' भी शामिल है. इन कृत्यों के वास्तविक कमीशन के बिना कोई भी सामान्य नागरिक या कार्यकर्ता आतंकवादी है.

अधिनियम में पुलिस अधिकारियों के 'व्यक्तिगत ज्ञान' के आधार पर तलाशी, बरामदगी और गिरफ्तारी की अनुमति है, जो एक बेहतर न्यायिक अधिकार से लिखित मान्यता के बिना है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2014 और 2016 के बीच, यूएपीए के तहत 75% से अधिक मामलों में या तो बरी किया गया है या समाप्त कर दिया गया है. इन सालों में, यूएपीए दमन का एक उपकरण बन गया है. यह लोगों को कानूनी प्रणाली में उलझाए रखने और लोगों को जेलों में तब तक रखने का हथियार है जब तक राज्य चाहता है. यह संशोधन आगे सरकार को समाज के सक्रिय सदस्य होने के लिए व्यक्तियों को फंसाने, महत्वपूर्ण सोच पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें आतंकवादी नामित करके असंतोष को आपराधिक बनाने के लिए सरकार को कई शक्तियां देता है.

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री, जो संभवतः किसी अन्य से आतंकवाद-विरोधी कानूनों के बारे में ज्यादा जानते हैं, ने यूएपीए संशोधन का विरोध किया है. पी चिदंबरम ने कहा है कि यूएपीए कानून में बदलाव से राज्य को एक आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकता है. लश्कर ए तैय्यबा के नेता हाफिज सईद और गौतम नवलखा के बीच एक अलग तरह का मामला था, जिसे UAPA के तहत भी चार्ज किया गया है.

हालांकि रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कांग्रेस ने कानून में बदलाव के लिए मतदान किया था, चिदंबरम ने कहा है कि पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी और एक को उम्मीद है कि वह ऐसा करती है. संवैधानिक लोकतंत्रों में ऐसे कानून नहीं होने चाहिए, जो सरकार को अपने नागरिकों के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति दें.

सभ्य देशों में (जिनसे भारत ने अपने संविधान और उसके सभी कानूनों की नकल की है) आपराधिक न्याय प्रणाली अभियुक्तों के अधिकारों के बारे में है. सामान्य लोगों को इस अवधारणा को समझना मुश्किल होगा लेकिन यह वास्तव में हमारी न्याय प्रणाली की नींव भी है. कानून और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ जाने वाले लोगों को बिना दोषी ठहराए आतंकवादी कहना सही नहीं है.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget