Blog: 'संजू' से रणबीर कपूर ने चमका दी संजय दत्त की इमेज

संजय दत्त ठीक एक बरस बाद यानी 29 जुलाई 2019 को 60 बरस के हो जायेंगे. जाहिर है उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के कारण उनका 60वां जन्म दिन तो ख़ास होगा ही. लेकिन जाने अनजाने संजय का यह 59वां जन्म दिन भी ख़ास बन गया है. इसका सबसे बड़ा कारण है संजय दत्त की जिंदगी पर बनी फिल्म ‘संजू’, जो एक ओर सफलता के नए आयाम बना रही है वहां दूसरी ओर इस फिल्म ने संजय दत्त की इमेज बदल दी है. बरसों से कई कारणों से विवादों में रहे संजय दत्त की जिंदगी यूं तो कई बार छन छन कर धीरे धीरे, अलग अलग रूपों में लोगों के सामने आती रही है. जिसमें क्या सच है क्या झूठ इसका आकलन करना कुछ मुश्किल हो जाता था. लेकिन संजय के इस 59वें जन्म दिन पर, पहली बार उनकी जिंदगी के कई पहलू ‘संजू’ के माध्यम सार्वजनिक हो चुके हैं. यानी अबसे पहले संजय दत्त की जिन बहुत सी बातों को ज्यादातर लोग नहीं जानते थे, अब वे जग जाहिर हो चुकी हैं.
यूँ तो ‘संजू’ में अभी भी कुछ ऐसे पहलू, ऐसे सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं, जिनके बारे में लोग जानना चाहते थे. साथ ही फिल्म में एक दो प्रसंग ऐसे भी हैं जिनसे संजय की छवि कुछ धुंधली भी होती है. जैसे संजय का 300 से अधिक महिलाओं के साथ सम्बन्ध बनाना. लेकिन ‘संजू’ में संजय की यह कमजोरी या आदत दिखाकर यह भी साबित कर दिया है कि फिल्म संजय दत्त को किसी मसीहा के रूप में नहीं, वह जैसा है वैसा प्रस्तुत कर रही है. लेकिन इस जैसे एक दो प्रसंगों के अलावा ‘संजू’ में जो भी दिखाया है, उस सबसे कुल मिलाकार संजय दत्त की इमेज चमक गयी है.

अब तक जो लोग संजय के बारे में बहुत सी गलत धारणा भी रखते थे, अब उनमें से असंख्य लोग संजय से प्यार करने लगे हैं. इस फिल्म के बाद अब संजू उन्हें एक आतंकवादी, एक कसूरवार नहीं, परिस्थितियों और गलत संगत का शिकार भर लगता है. वैसे देखा जाए तो संजू की व्यक्तिगत जिंदगी पर लगे इन दागों को फिल्म ‘संजू’ के निर्देशक राज कुमार हिरानी ने धोया है. जिन्होंने संजू को लेकर इतनी सशक्त पटकथा तैयार की और फिर उस पर एक बड़ी और अच्छी फिल्म बनाई. इससे पहले हिरानी ने ’मुन्नाभाई’ सीरिज की दो फ़िल्में बनाकर यह बात भी साबित कर दी थी कि संजू एक बेहतरीन अभिनेता भी हैं.
संजय को लेकर दत्त साहब की परेशानी याद आती है
संजय दत्त को लेकर उनके पिता सुनील दत्त कितने परेशान रहते थे, इस बात को ‘संजू’ फिल्म में तो दिखाया है ही. लेकिन मुझे भी दत्त साहब की वे बातें कभी नहीं भूलतीं, जब वह संजय को लेकर मुझसे भी कुछ बातें साझा कर लिया करते थे. यह बात सन् 1989 की है जब दत्त साहब ने पाली हिल, मुंबई के अपने घर पर संजय दत्त की फिल्मों को न चलने को लेकर मुझसे पहली बार अपनी चिंता ज़ाहिर की थी. उन दिनों संजय की पहली पत्नी ऋचा शर्मा कैंसर के कारण अमेरिका में अपना इलाज़ करा रही थीं. दत्त साहब ऋचा को लेकर भी चिंतित थे. उन्होंने तब मुझसे कहा था- “इन दिनों जहां एक ओर संजू को लेकर चिंतित हूं, वहां ऋचा की बीमारी से भी दुखी हूं. नर्गिस के बाद अब उसे भी कैंसर हो गया है. इन दिनों इसी सब में उलझे रहते हैं. इस कारण नया काम भी कुछ ख़ास नहीं हो पाता. अब हम लोगों की कोई फैक्टरियां तो हैं नहीं, जो काम चलता रहेगा. हम खुद काम करते हैं तभी गाड़ी आगे चलती है.”

संजय दत्त और मेरी एक ही है जन्म तिथि
संजय दत्त से मेरा पहला प्रेम तो इसलिए ही रहा कि वह महान इंसान सुनील दत्त और महान अभिनेत्री नर्गिस के बेटे हैं. लेकिन संजय से मेरा एक लगाव इसलिए भी है कि उनकी और मेरी जन्म तिथि एक ही है 29 जुलाई. इसलिए संजय दत्त से जब भी मुलाकात हुई या दत्त साहब ने उनके बारे में कुछ भी बताया तो संजय के प्रति हमदर्दी शायद इस कारण भी आती रही है. संजय दत्त से जब मैं एक बार दिल्ली में सन् 1995-96 के गर्दिश भरे दिनों में मिला था तो उनकी खराब सेहत और पतली हालत देख मैं भी विचलित हो गया था. लेकिन दत्त साहब हमेशा संजय को नेक राह पर चलने और अपने फिल्म करियर पर ध्यान देने को कहते रहते थे. मुंबई के अपने अजंता आर्ट्स ऑफिस और दिल्ली के अपने तीनमूर्ती लेन के फ्लैट में भी संजय को लेकर दत्त साहब ने मुझसे कई बार बात की. लेकिन संजय को लेकर उनकी आंखों में ख़ुशी सबसे ज्यादा मैंने तब देखी, जब ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ की सफलता पर मैंने उन्हें बधाई दी थी.
‘संजू’ से याद हो आये राज कपूर और नर्गिस
इधर हम फिर से फिल्म ‘संजू’ की बात करें तो इस फिल्म की सफलता में हिरानी के साथ अभिनेता रणबीर कपूर का बहुत बड़ा योगदान है. असल में इस फिल्म के लिए रणबीर ने खुद को जिस तरह संजू के रूप में ढाला वह सब बेमिसाल है. ‘संजू’ के कई दृश्यों में रणबीर कपूर, हु-ब-हू संजू लगते हैं. उनकी बॉडी लैंग्वेज, बोलने का ढंग और चेहरे के हाव भाव कई बार यह भ्रम देते हैं कि हम परदे पर अपने सामने रणबीर कपूर को नहीं संजू को ही देख रहे हैं. रणबीर की इसी शानदार अदायगी के कारण दर्शकों का उस किरदार में इतना विश्वास जागा और उसी के चलते सभी की नज़र में संजय दत्त बेगुनाह और एक प्यारा इंसान बनकर उभरा है. इसलिए रणबीर की बदौलत ही संजय की इमेज चमक सकी. अब इसे संयोग कहें या कुछ और कि ‘संजू’ के कारण एक बार उन दो परिवारों के वे पुराने रिश्ते भी फिर से याद हो आये, जो कभी बरसों तक सुर्ख़ियों में रहे. वो रिश्ते हैं राज कपूर और नर्गिस के.
(तस्वीर: सोशल मीडिया)
राज कपूर-नर्गिस के प्रेम और नजदीकियों की बातें किसी से छिपी नहीं हैं. बरसों से इनके संबंधों को लेकर बहुत कुछ कहा जाता रहा है, लिखा जाता रहा है. इन दोनों परिवारों की ओर से भी बहुत सी बातें इन संबंधों को उजागर करती रही हैं. यहां तक राज कपूर के मित्र देव आनंद ने भी अपनी आत्मकथा ‘रोमांसिंग विद लाइफ’ में राज कपूर और नर्गिस के घनिष्ठ संबंधों पर साफ़ साफ़ लिखा है. उधर नर्गिस ने जब राज कपूर के साथ अपने बरसों के संबंधो को एक झटके में तोड़कर सुनील दत्त से शादी कर ली तो यह खबर सुनकर राज कपूर ही बुरी तरह नहीं हिले, पूरी फिल्म इंडस्ट्री में एक भूकंप आ गया था.
इसके बाद राज कपूर और नर्गिस की राहें पूरी तरह जुदा हो गयी थी. यहां तक कपूर और दत्त परिवार में भी इसी सबके कारण कई बरसों तक बाद में भी दूरियां बनी रहीं. लेकिन सुनील दत्त जैसे बेहतरीन इंसान ने इन संबंधों को लेकर कभी इतिहास नहीं कुरेदा. नर्गिस ने भी एक आदर्श पत्नी बनकर उन सभी मुंह पर ताले जड़ दिए जो कहते थे कि सुनील दत्त और नर्गिस का शादी के लिए यह आवेश में लिया निर्णय है, इसलिए यह शादी ज्यादा दिन चल ही नहीं सकती. सच देखा जाए तो सुनील दत्त- नर्गिस ने फिल्म जगत के गिने चुने बेहद कामयाब दंपत्ति बनकर खूबसूरत मिसाल पेश की.
इधर पिछले कुछ बरसों में राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर और नर्गिस के बेटे संजय दत्त ने ‘अग्निपथ’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया. लेकिन सही मायने में ‘संजू’ के बाद यह दोनों परिवार बरसों बाद अब मिले हैं,जब राज कपूर के पोते ने नर्गिस के बेटे की इमेज को चमकाकर एक नया अध्याय लिखा है.

संजय नहीं चाहते थे रणबीर ‘संजू’ बने !
आज ‘संजू’ करीब 340 करोड़ रूपये की कमाई करके यह साबित कर चुकी है कि इस फिल्म में दर्शक कितनी अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. लेकिन जब इस फिल्म के लिए राजू हिरानी ने रणबीर कपूर को फाइनल किया था तब संजय दत्त इस बात से खुश नहीं थे. हालांकि संजय या हिरानी ने हमसे इस बात की पुष्टि नहीं की है. लेकिन बताया तो यह भी जाता है कि रणबीर को ‘संजू’ में लेने के लिए संजय ने हिरानी से अपनी नाराजगी ज़ाहिर की थी. यहां तक जब हिरानी ने रणबीर की काबलियत को संजय को बताते रणबीर से संजय को उनके घर पर ही मिलाया था तब भी ये ख़बरें आम हुई थीं कि संजय ने रणबीर का मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि तुमको लेकर तो मैं ‘लड्डू’, ‘पेड़ा’ जैसी फिल्म बनाना चाहूँगा. मुझे समझ नहीं आता कि तुमने ‘संजू’ क्या सोचकर साइन की है. लेकिन रणबीर ने संजय का सम्मान करते हुए इस पर कुछ नहीं कहा. हालांकि बाद में जब संजय दत्त ने ‘संजू’ देखी तो उन्होंने रणबीर को गले लगा लिया. आज संजय दत्त और रणबीर कपूर दोनों ‘संजू’ की सफलता से खुश हैं.
आ ही गए अच्छे दिन
मैंने ‘संजू’ की रिलीज़ से दो दिन पहले अपने ब्लॉग में लिखा था कि ‘संजू’ रणबीर कपूर की असफलताओं के दाग धोकर, उनके लिए सुपर हिट फिल्म साबित होगी. इससे रणबीर के करियर में बरसों बाद अच्छे दिन आयेंगे. ‘संजू’ रणबीर के लिए वरदान बन बतौर अभिनेता उन्हें नए शिखर प्रदान कर सकती है. साथ ही यह फिल्म संजय दत्त की जिंदगी भी बदल देगी.
आज सच में रणबीर को अपने इस रोल के लिए जितनी सफलता और सराहना मिल रही है उतनी इससे पहले रणबीर को कभी नहीं मिली. पूरा बॉलीवुड रणबीर कपूर और संजय दत्त, दोनों में आशाएं और नई नई सम्भावना तलाशने में लगा है.
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नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.




























