एक्सप्लोरर

कब तक लगते रहेंगे जय श्रीराम के नारे...

बीजेपी के नेता सुब्रहमण्यम स्वामी यूपी में कट्टर हिंदुवादी छवि वाले योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से बिलकुल ही बम बम है. हैरानी की बात है कि योगी तो मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद सबका साथ सबका विकास की बात कर रहे हैं लेकिन स्वामी राम मंदिर के मुद्दे को अनावश्यक रुप से तूल देने में लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की बात कल ही की थी, 31 मार्च को अगली सुनवाई में स्थिति साफ करने की मंशा भी जाहिर की थी लेकिन सुब्रहमण्यम स्वामी ने कल स्वागत किया और आज कह दिया कि बाहर सहमति नहीं बनी तो 2018 में राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के बाद कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा.

यहां दो बातें गौरतलब है. एक, बीजेपी को राज्यसभा में 2018 में बहुमत मिलने वाला नहीं है. दो, राम मंदिर बनाने के लिए जो कानून लाया जाएगा उसके लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा और ऐसे बिल को बहुमत नहीं बल्कि दो तिहाई बहुमत की जरुरत पड़ेगी जो बीजेपी को कभी भी मिलने वाला नहीं है. अब राम मंदिर बिल को मनी बिल के रुप में तो लाया नहीं जा सकता जिसके लिए राज्सभा में पास कराने की जरुरत न पड़े. अब सवाल उठता है कि आखिर सुब्रहमण्यम स्वामी ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं. राम मंदिर मुद्दे पर भी वह पक्षकार नहीं है. यहां तीन ही पक्षकार हैं. रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड. मजे की बात है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ तीनों ही सुप्रीम कोर्ट गये हैं. यानि 2.77 एकड़ भूमि या यूं कहा जाए कि प्लाट नंबर 583 के तीन हिस्से करने से कोई भी खुश नहीं है. यहां तक कि निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान भी एक दूसरे के साथ इस केस में नहीं हैं. स्वामी जी को चाहिए कि पहले कम से कम वह रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़े को तो एक मंच पर ले कर आएं. अगर दोनों साथ आते हैं तो दोनों के पास दो तिहाई जमीन हो जाएगी. इस जमीन में ही रामजी का मूर्ति भी है, राम चबुतरा भी है और सीता रसोई भी. आस पास की करीब 70 एकड़ जमीन केन्द्र सरकार के कहने पर राज्य सरकार ने 1991 में अधिग्रहीत कर ली थी.

modi_yogi

अब तो केन्द्र में मोदी हैं और राज्य में योगी. अब तो यह 70 एकड़ जमीन राम मंदिर के लिए दी जा सकती है. बाकी 2.77 एकड़ में से भी दो तिहाई जमीन राम मंदिर के काम आ सकती है. क्या इस तरफ सुब्रहमण्यम स्वामी को नहीं सोचना चाहिए, अगर कोई सूरत निकलती है तो अधिग्रहित जमीन राम मंदिर के लिए जारी कर देने की अपील नहीं करनी चाहिए......क्या केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मामला जल्दी निपटाने की अपील नहीं करनी चाहिए...क्या बीजेपी के रामभक्त सांसदों को प्रधानमंत्री मोदी पर इस काम के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए..... क्या ऐसे सांसदों की अगुवाई खुद स्वामी को नहीं करनी चाहिए...क्या साक्षी महाराज से लेकर विनय कटियार और साध्वीजी को संसद की सदस्यता से इस्तीफा देकर अयोध्या में सरयू किनारे धरने पर नहीं बैठ जाना चाहिए.......क्या संघ को धर्म संसद के माध्यम से मोदी सरकार को राम मंदिर का काम शुरु करने के निर्देश नहीं देने चाहिए.....क्या अब समय नहीं आ गया है कि संघ राम मंदिर के मुद्दे पर देश भर में जन जागरण अभियान चलाए...आखिर कब तक कारसेवक जय श्रीराम के नारे लगाते रहेंगे....विपक्ष में रहते हुए भी लगाते थे और सत्ता में आने पर भी नारें लगाने के लिए मजबूर हैं...

राम भक्तों को मोदी और योगी दोनों की मजबूरी समझनी चाहिए. विपक्ष में रहते हुए कुछ भी कहना आसान होता है लेकिन सत्ता में रहते हुए कानून, संविधान, मर्यादा के दायरे में ही काम करना पड़ता है. आज की स्थिति यह है कि राम मंदिर का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रहा है, मोदी सरकार राज्यसभा में अल्पपत में है, आपसी सहमति से विवाद हल होने के पूर्व में की गयी तमाम कोशिशें विफल हुई हैं, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आपसी सहमति की राय से दूरी बना ली है और लोक सभा चुनाव अभी दूर हैं. इससे भी बढ़कर, मोदी सरकार का पूरा जोर विकास पर है. विकास के मंदिर को ज्यादा तरजीह दी रही है, लिहाजा फिलहाल राम मंदिर उसके एजेंडे में भले हो लेकिन प्राथमिकता में नहीं है.

supreme-court-580x3951

एक सवाल तो सुप्रीम कोर्ट से भी पूछा जाना चाहिए. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में फैसला सुनाया था और सुप्रीम कोर्ट ने उसके अगले साल फैसले के अमल पर रोक लगा दी थी. उसके बाद से दस पेजों और दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद हो रहा है. ( दस्तावेज हिंदी से लेकर फारसी में हैं ). यह काम अब जाकर पूरा हुआ है. और अब कोर्ट को लग रहा है कि यह आस्था और भावना से जुड़ा हुआ सवाल है. ( लिहाजा आपसी सहमति से बाहर ही सुलझा लिया जाए तो ज्यादा बेहतर है ). लेकिन सवाल उठता है कि कोर्ट को एक प्लांट के मालिकाना हक को लेकर फैसला सुनाना है. मालिकाना किसका बनता है और किसका नहीं....इसके लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों को आधार बनाया था. सुप्रीम कोर्ट को भी उन सबूतों के आधार पर अपना फैसला सुनाना है इसलिए उमा भारती ठीक कहती हैं कि कोर्ट को लगातार सुनवाई करके फैसले पर पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget