एक्सप्लोरर

BLOG : नाम, अगर पति का हो, तो उसमें बहुत कुछ रखा है

नाम में क्या रखा है- चच्चा शेक्सपीयर कह गए तो भी क्या.. क्योंकि इसी नाम के फेर में उड़ीसा की मालती महतो को घर ही नहीं, गांव निकाला दे दिया गया. उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने बातचीत में अपने किसी ससुराली का नाम ले लिया था. तो, उसकी ननद जिसके साथ वह बातचीत कर रही थी, को गुस्सा आ गया. उसने पंचायत बुलाई और पंचायत ने इसे मालती का भयंकर अपराध मान लिया. बस- उसे घर से निकलवा दिया और गांव से भी. क्या अब भी हम यह कह सकते हैं कि नाम में क्या रखा है.

औरत के लिए नाम में बहुत कुछ रखा है. वह ससुरालियों और पति का नाम नहीं ले सकती. पितृसत्ता का यह जुआ उसे रोज ढोना पड़ता है, और उसे इसका एहसास तक नहीं होता. टेलीविजन के एक हिट कॉमेडी सीरियल में हीरोइन का पति गायब हो जाता है. हीरोइन उसे ढूंढने पुलिस स्टेशन जाती है, वहां जाकर कहती है- ‘.. के पापा’ का कुछ पता नहीं है- आप पता लगाएं. वह पति का नाम नहीं लेती. अपने नाम के बाद ‘.. के पापा‘ कहती है, फिर सरनेम बोलती है. ऑडियंस उसके भोलेपन पर हंस पड़ती है. वह इसी भोलेपन के साथ पितृसत्ता का बिगुल बजाती रहती है और सीरियल हिट होता रहता है. टेलीविजन ऐसी ही औरतों को हीरोइन बनाए रखता है और हम चाहते हैं कि ऐसी औरतें ही हमारे जीवन की भी हीरोइन रहें. अन्नपूर्णा- आइडियल टाइप. पति का नाम न लेने वाली- पति के बाद खाना खाने वाली- पति से पूछे बिना कोई काम न करने वाली. इन्हीं क्राइटीरिया की वजह है कि नाम लेकर पुकारने वाली मॉडर्न औरतों पर हम नाक-भौंह सिकोड़ते हैं. पिछले दिनों इसी टॉपिक पर एक एनजीओ ने वीडियो डायरीज बनाईं. पुणे के एक गांव में औरतों के एक समूह से कहा गया कि वे अपने पतियों के नाम लें. गुस्से से- प्यार से- उलाहना देते हुए. फिर उनसे कहा गया कि घर जाकर भी वह अपने पति को नाम से बुलाएं. इस प्रयोग का खामियाजा भी कई औरतों को उठाना पड़ा. एक का पति तो उसे मारने ही दौड़ा. एक को नाम लेने पर ससुराल वालों से माफी मांगनी पड़ी. एक ने पति का नाम लेने के बाद गिड़गिड़ाकर कहा कि उसे किसी ने बरगलाया था. कुछ इस तरह औरतों ने अपने रिश्ते बचाए. घर- परिवार में बनी रहीं. भला पति का नाम लेकर, अपना नाम क्यों खराब करना. नाम में इतना कुछ रखा है कि उसके लेते ही इज्जत की धज्जियां उड़ जाती हैं. यूपी के कई इलाकों में पति को मालिक कहने की परंपरा है. देशज भाषा में पति शब्द के मायने ही मालिक या स्वामी है तभी लखपति यानी लाखों का स्वामी और अरबपति यानी अरबों का स्वामी. तो जो पत्नी का स्वामी या मालिक है, वह पति. मालिक के सामने आप दासी हैं- यानी सर्वेंट. वेबस्टर की डिक्शनरी कहती है कि सर्वेंट वह है जो दूसरों को सर्व करता है. शब्दकोष डॉट कॉम सर्वेंट के हिंदी ट्रांसलेशन में दास का भी इस्तेमाल करता है. कुल मिलाकर कोई आपका मालिक है तो आप उसकी सेविका या दासी. मालिक का नाम आप कैसे ले सकते हैं. सोशल हेरारकी में उसके सामने आप हमेशा नीचे रहती हैं. उसका नाम नहीं ले सकतीं. उससे कुछ छिपा नहीं सकतीं. उसकी आज्ञा को अनदेखा नहीं कर सकतीं. कई साल पहले मुंबई हाई कोर्ट ने एक रूलिंग में कहा था कि पत्नी को ताने मारना या उसकी अंग्रेजी का मजाक उड़ाना, क्रुएलिटी नहीं है. कोर्ट ने जिस मामले में यह रूलिंग दी थी, उसमें बीवी ने ताने सुनकर आत्महत्या कर ली थी और पति पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था. कोर्ट ने आदमी को इस बात पर बरी किया कि बीवी हाइपर सेंसिटिव थी. क्योंकि उसके मायके वालों को बुरा भला कहना या उसका मजाक उड़ाना कोई क्रूरता नहीं है. भई, बीवी तो आपकी दासी है, उसके आप कुछ भी कहें- उसे बुरा क्यों मानना चाहिए. इस सिलसिले में एक रूलिंग की भी याद आती है जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में पति की तलाक की अर्जी को मंजूर कर दिया था. उसे इस बात पर तलाक लेने की मंजूरी दे दी गई थी कि बीवी अपने पति को रोजाना ओवरवेट होने का ताना मारा करती है. कोर्ट ने कहा था कि पति को मोटा या हाथी कहना उसके आत्मविश्वास को चोट पहुंचाता है. तो बीवी उसके साथ क्रूरता कर रही है. ताने मारना या मजाक करना, मर्दों के रोजाना के पैंतरे हैं. इसे हंसकर भूल जाने में ही भलाई है. ये ताने बीवियां नहीं मार सकतीं. इससे आत्मविश्वास की किरचें बिखर जाती हैं. उन्हें तो बस अलिखित नियमों का पालन करना पड़ता है. नाम न लेना. बिंदी-सिंदूर-बिछुए-मंगलसूत्र-लौंग पहनना. साड़ी लपेटना या सलवार कमीज पहनना. जींस, वेस्टर्न पहनने वाली कुछ जंचती नहीं. उस दिन किसी ने कहा- अरे, उस लड़की को देखकर लगता ही नहीं कि उसकी शादी हो चुकी है. लेकिन आपको क्या करना है कि उसकी शादी हुई है या नहीं, यह जानकर? 2014 में मुंबई के एक एनजीओ ने लोकल ट्रेन में चलने वाली लड़कियों पर एक सर्वे किया था- कि पिछले दस सालों में लड़कियों में कैसा बदलाव आया है. इस सर्वे में 87 परसेंट लोगों ने ऐसी लड़कियों को अति बोल्ड, फ्री सेक्स में भरोसा करने वाली कह डाला था, जो सुहाग के चिन्हों को अपने साथ चस्पां नहीं करतीं. इनमें से 95 परसेंट ने कहा था कि ऐसी लड़कियां एक आदमी के साथ कभी खुश नहीं रह सकतीं. पति का नाम लेकर पुकारने वाली औरतों के बारे में 83 परसेंट लोगों 60 से 80 परसेंट के बीच इस बात का दावा किया था कि इनका दांपत्य जीवन बहुत दिनों तक टिकने वाला नहीं है. इस सर्वे में 56 परसेंट औरतों भी शामिल थीं. उनमें से 79.5 परसेंट ने कहा था कि आदमी का साथ होना किसी भी औरत के लिए प्रिविलेज है क्योंकि तब आप खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं. लेकिन आदमी को अपने सिर पर बैठाने वाली औरत ही दरअसल उसे प्रिविलेज पहुंचाती है. हां, औरतों से मिलने वाली प्रिविलेज की तरफ शुतुरमुर्ग की तरह आंख मींचे बैठने वाले मर्द अपने जेंडर के साथ होने वाले अन्याय बहुत जल्दी पहचानते हैं. जैसे कोई रैपिड फायर वाला क्विज चल रहा हो. दरअसल हमारा सामाजिक विकास वन डायमेंशनल ही हुआ है. दूसरे डायमेंशन को देखने से असलियत समझ में आएगी. दूसरे डायमेंशन का हर प्वाइंट मालती महतो जैसा है. मालती महतो की तरह सामाजिक बहिष्कार का सामना करने से घबराता है. इसलिए नख से शिख तक कभी मनचाहे, कभी अनचाहे प्रतीकों को ओढ़े-बिछाए रहता है. पर जैसा कि गुलजार साहब ने कहा है, बुड़ बुड़ करते लफ्जों को/चिमटी से पकड़कर फेंको और मसल दो पैरों की एड़ी से. मालती कहती है कि उसने कोई गुनाह नहीं किया- ऐसी औरतें ही गुलामी से भरे शब्दों को मसलती रहती हैं. याद रखिए- गुलामी में वफादारी शिफ्ट होती रहती है. तो यह चुनिए कि आपको गुलाम चाहिए या संगिनी.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

अमेरिका में No Entry! ट्रंप ने 39 देशों तक बढ़ाया ट्रैवल बैन, जानें कब से होगा लागू
अमेरिका में No Entry! ट्रंप ने 39 देशों तक बढ़ाया ट्रैवल बैन, जानें कब से होगा लागू
बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद ने दिया था बेहद विवादित बयान, अब बोले- 'किसी को बुरा लगा हो तो...'
बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद ने दिया था बेहद विवादित बयान, अब बोले- 'किसी को बुरा लगा हो तो...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
ICC ने जारी की महिला वनडे रैंकिंग, स्मृति मंधाना का जलवा, देखिए कौन किस स्थान पर
ICC ने जारी की महिला वनडे रैंकिंग, स्मृति मंधाना का जलवा, देखिए कौन किस स्थान पर
ABP Premium

वीडियोज

Hero Xoom 125 vs TVS Ntorq 125 | Auto Live #hero #tvs
Real-World Range Test of Tata Harrier EV | Shocking Results! #tatamotors
Maruti Suzuki Victoris Review | Auto Live #marutisuzuki #victoris
Sansani: दिलजली सनम का आखिरी रोमांस | ABP News
IPL 2026 ऑक्शन में Cameron Green बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अमेरिका में No Entry! ट्रंप ने 39 देशों तक बढ़ाया ट्रैवल बैन, जानें कब से होगा लागू
अमेरिका में No Entry! ट्रंप ने 39 देशों तक बढ़ाया ट्रैवल बैन, जानें कब से होगा लागू
बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद ने दिया था बेहद विवादित बयान, अब बोले- 'किसी को बुरा लगा हो तो...'
बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद ने दिया था बेहद विवादित बयान, अब बोले- 'किसी को बुरा लगा हो तो...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
अमेरिका को आई अक्ल! भारत से दूरी बढ़ते देख अब ट्रंप कर रहे तारीफ, बोले- 'अद्भुत, पीएम मोदी...'
ICC ने जारी की महिला वनडे रैंकिंग, स्मृति मंधाना का जलवा, देखिए कौन किस स्थान पर
ICC ने जारी की महिला वनडे रैंकिंग, स्मृति मंधाना का जलवा, देखिए कौन किस स्थान पर
60 करोड़ धोखाधड़ी मामले में फिर बढ़ीं शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा की मुसीबतें, IPC की धारा 420 जोड़ी
60 करोड़ धोखाधड़ी मामले में फिर बढ़ीं शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा की मुसीबतें, IPC की धारा 420 जोड़ी
Jojoba Oil Benefits: स्किन के लिए क्या करता है जोजोबा ऑयल? जानें इसके जबरदस्त फायदे
स्किन के लिए क्या करता है जोजोबा ऑयल? जानें इसके जबरदस्त फायदे
पुलिस SI के 140 से ज्यादा पदों पर निकली भर्ती, 70 हजार मिलेगी सैलरी, ये कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई
पुलिस SI के 140 से ज्यादा पदों पर निकली भर्ती, 70 हजार मिलेगी सैलरी, ये कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई
दाएं हाथ से ही हाथ क्यों मिलाते हैं लोग, क्या है इसके पीछे की असली वजह?
दाएं हाथ से ही हाथ क्यों मिलाते हैं लोग, क्या है इसके पीछे की असली वजह?
Embed widget