एक्सप्लोरर

BLOG: प्लेइंग 11 में सिर्फ 4 बल्लेबाज खिलाकर कैसे जीतेंगे मैच?

भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच में अपने आप में एक तरह का अनोखा रिकॉर्ड भी होगा कि पिछले कुछ मैचों से टीम इंडिया के प्लेइंग 11 में तीन विकेटकीपर मैदान में उतर रहे हैं.

ये सच है कि सिर्फ 126 रनों के स्कोर पर भी आखिरी ओवर के आते-आते मैच भारतीय टीम की झोली में जाता दिख रहा था. उमेश यादव के आखिरी ओवर में अगर दो चौके ना लगे होते या आखिरी गेंद पर अगर फील्ड प्लेसमेंट थोड़ा बेहतर होता तो बाजी टीम इंडिया के खाते में ही आती. लेकिन उस सूरत में भी आप टीम इंडिया के प्लेइंग 11 को ‘बैलेंस’ नहीं कह सकते हैं. ये शायद अपने आप में एक तरह का अनोखा रिकॉर्ड भी होगा कि पिछले कुछ मैचों से टीम इंडिया के प्लेइंग 11 में तीन विकेटकीपर मैदान में उतर रहे हैं. तीनों के तीनों खिलाड़ी फुलटाइम विकेटकीपर हैं. महेंद्र सिंह धोनी, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक. इस लिस्ट में हम केएल राहुल का नाम नहीं जोड़ रहे हैं जबकि वो भी विकेटकीपिंग करते हैं. इसके अलावा रविवार के मैच में सही मायने में टीम इंडिया सिर्फ चार बल्लेबाजों के साथ मैदान में उतरी थी. विराट कोहली, रोहित शर्मा और केएल राहुल को छोड़ दें तो स्पेशलिस्ट बल्लेबाज टीम में कोई नहीं था. चौथे बल्लेबाज के तौर पर आप दिनेश कार्तिक को जोड़ सकते हैं क्योंकि वो अब लिमिटेड ओवर के खेल में सेकंड विकेटकीपर भी नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शायद ही कोई टीम होगी जो सिर्फ चार स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों के साथ मैदान में उतरे. ये बात समझ में आती है कि 2019 विश्व कप की तैयारियों को लेकर मैनेजमेंट कुछ प्रयोग कर रहा है लेकिन उन प्रयोगों का असर टीम के संतुलन पर नहीं पड़ना चाहिए. गेंदबाजी में भी नहीं दिखा संतुलन प्लेइंग 11 में तीन स्पिनर रखने का भी कोई औचित्य नहीं है. यजुवेंद्र चहल और मयंक मारकंडे के तौर पर अगर दो स्पेशलिस्ट स्पिनर टीम में शामिल थे तो क्रुनाल पांड्या की क्या जरूरत थी? क्रुनाल पांड्या ने इक्का दुक्का मैचों में गेंद और बल्ले से अपनी उपयोगिता साबित जरूर की है लेकिन वो टीम में तभी शामिल किए जा सकते हैं जब वो दूसरे स्पिनर के तौर पर खेलें. स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर स्थायित्व देने से वो अभी काफी दूर हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 मैच में उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी तो की लेकिन बल्लेबाजी में वो पूरी तरह फ्लॉप रहे. उन्होंने 6 गेंद पर 1 रन बनाए. इसके अलावा गेंदबाजी में उनके आंकड़ें भी दिखाते हैं कि उनसे बेहतर विकल्प विराट कोहली के पास मौजूद हैं. BLOG: प्लेइंग 11 में सिर्फ 4 बल्लेबाज खिलाकर कैसे जीतेंगे मैच? यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और क्रुनाल पांड्या के आंकडे देखिए. कुलदीप यादव 6.72, यजुवेंद्र चहल 7.90 जबकि क्रुनाल पांड्या 8.72 की इकॉनमी से ओवर फेंकते हैं. कुलदीप का औसत 12.97, चहल का 19.93 और पांड्या का 31.40 है. बावजूद इसके अगर पांड्या को प्लेइंग 11 में खिलाना ही था तो मयंक मारकंडे को डेब्यू के लिए इंतजार कराना बेहतर होता. हार्दिक पांड्या के बाहर होने से बदली स्थितियां इसी प्लेइंग 11 में अगर क्रुनाल पांड्या की जगह हार्दिक पांड्या होते तो टीम का संतुलन अलग दिखाई देता. हार्दिक पांड्या के आते ही टीम को तीसरा तेज गेंदबाज मिल जाता. साथ ही मध्य क्रम में एक ऐसा बल्लेबाज मिल जाता जो लंबे शॉट्स खेलने में माहिर है. अफसोस हार्दिक पांड्या इस सीरीज के लिए टीम चुने जाने के बाद अनफिट हो गए और फिलहाल एनसीए में ट्रेनिंग कर रहे हैं. पहले टी-20 मैच में शिखर धवन को भी आराम दिया गया. इस बात पर भी चर्चा करनी होगी कि क्या किसी भी हाल में अब टीम के ओपनिंग पेयर के साथ छेड़छाड़ करने की जरूरत है. अगर टी-20 और वनडे में रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी लंबे समय से टिककर अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो फिर उसे किसी विषम परिस्थिति में ही बदलना चाहिए. कुल मिलाकर स्थिति चिंताजनक लेकिन नियंत्रण में है. चिंता इस बात के लिए कि इस तरह के असंतुलित प्लेइंग 11 से एकाध मैच जीत भी लिए तो क्या उस जीत से कोई लाभ मिलेगा, क्योंकि ये प्लेइंग 11 विश्व कप के मैचों में तो नहीं चलने वाला. लिहाजा बुद्धिमानी इसमें है कि वो प्लेइंग 11 खिलाएं जो विश्व कप में खेलने वाला है तब बेशक एकाध मैच हार भी गए तो कोई परवाह नहीं है.
View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Putin India Visit: PM मोदी ने पुतिन को दी रूसी में लिखी भगवद्गीता! 2011 में रूस में की जाने वाली थी बैन, मगर क्यों?
PM मोदी ने पुतिन को दी रूसी में लिखी भगवद्गीता! 2011 में रूस में की जाने वाली थी बैन, मगर क्यों?
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Putin India Visit: PM मोदी ने पुतिन को दी रूसी में लिखी भगवद्गीता! 2011 में रूस में की जाने वाली थी बैन, मगर क्यों?
PM मोदी ने पुतिन को दी रूसी में लिखी भगवद्गीता! 2011 में रूस में की जाने वाली थी बैन, मगर क्यों?
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
'मुझे फिल्मों में एक प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा', शहनाज गिल का छलका दर्द, बताया- क्यों पंजाबी फिल्मों में लगाया अपना पैसा?
'मुझे फिल्मों में एक प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा', शहनाज गिल का छलका दर्द
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
कम अपराध, ज्यादा सम्मान… दुनिया के वे देश, जहां महिलाएं महसूस करती हैं सबसे ज्यादा सुरक्षित
कम अपराध, ज्यादा सम्मान… दुनिया के वे देश, जहां महिलाएं महसूस करती हैं सबसे ज्यादा सुरक्षित
Embed widget